Bihar Dj Sound से बच्ची की मौत अस्पताल पर लापरवाही का आरोप, पिता ने रिक्शा चलाकर कराया था इलाज

बिहार के शिवहर से एक दर्दनाक और दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया है। बुधवार की रात एक 15 वर्षीय लड़की पिंकी कुमारी की डीजे की तेज आवाज से मौत हो गई। परिजनों का दावा है कि बच्ची हृदय रोग से पीड़ित थी और तेज आवाज से घबराकर बेहोश हो गई, जिसके बाद अस्पताल में समय पर इलाज न मिलने से उसकी मौत हो गई।
मटकोर पूजा में डीजे की तेज धुन बनी मौत की वजह

शिवहर के वार्ड नंबर 5, रसीदपुर गांव में बुधवार रात को एक शादी समारोह का मटकोर पूजा कार्यक्रम चल रहा था। पड़ोस के सोनफी साह के पोते की शादी के इस मौके पर एक भव्य शोभायात्रा निकाली जा रही थी, जिसमें तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा था। पिंकी कुमारी अपने परिजनों के साथ घर के बाहर शोभायात्रा देखने निकली थी।
तेज डीजे की आवाज सुनते ही वह अचानक बेहोश होकर गिर पड़ी। परिवार वालों ने बिना देर किए उसे सदर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन वहां से मिली खबर ने सबको तोड़ कर रख दिया—पिंकी अब इस दुनिया में नहीं रही।
अस्पताल पर लापरवाही का आरोप, बच्ची तड़पती रही
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में डॉक्टरों ने गंभीरता से इलाज नहीं किया। पिंकी के चाचा मोतीलाल साह ने बताया कि अस्पताल पहुंचने के करीब एक घंटे बाद इलाज शुरू किया गया, जबकि बच्ची तड़पती रही। उन्होंने आरोप लगाया कि ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर आशीष कुमार ने लापरवाही बरती।
परिजनों ने इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज कराई है और मांग की है कि अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाए, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि बच्ची की जान क्यों नहीं बचाई जा सकी।
पिता ने रिक्शा चलाकर कराया था इलाज

पिंकी के पिता प्रमोद साह एक रिक्शा चालक हैं। उन्होंने अपनी बेटी के इलाज के लिए कई साल तक मेहनत की। दिल्ली के पंत अस्पताल से पिंकी का इलाज चल रहा था और पांच साल बाद वह लगभग ठीक हो गई थी। हफ्ते में करीब 1500 रुपये की दवाएं चलती थीं, जिसे प्रमोद साह जैसे तैसे जुटाते थे।
मोतीलाल साह ने बताया कि पिंकी बहुत चुलबुली और सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाली लड़की थी। उसे वीडियो बनाने और रील्स बनाने का बहुत शौक था। अब उसकी अचानक हुई मौत ने पूरे परिवार को तोड़ कर रख दिया है।
प्रदर्शन और जांच की मांग
बच्ची की मौत के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों ने अस्पताल के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। लोगों का गुस्सा इतना ज्यादा था कि अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। घटना की जानकारी मिलते ही नगर परिषद सभापति राजन नंदन सिंह भी मौके पर पहुंचे।
राजन नंदन सिंह ने कहा कि यह पूरी तरह अस्पताल की लापरवाही का मामला है। उन्होंने जिला पदाधिकारी से मिलकर आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने की बात कही है।
पुलिस कर रही जांच, लोगों को समझाया गया
शिवहर थाना की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया। पुलिस ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। अगर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही साबित होती है तो संबंधित डॉक्टर और स्टाफ के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हृदय रोगी बच्चों को लेकर चेतावनी
इस घटना ने एक बार फिर हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के लिए विशेष सतर्कता की जरूरत को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि तेज आवाज, विशेष रूप से डीजे जैसे शोर वाले वातावरण में ऐसे बच्चों को बिल्कुल भी नहीं ले जाना चाहिए। इससे उनकी स्थिति बिगड़ सकती है, जैसा कि इस मामले में हुआ।
डीजे और ध्वनि प्रदूषण पर सवाल
इस दुखद घटना ने डीजे और ध्वनि प्रदूषण पर एक बार फिर बहस छेड़ दी है। क्या ऐसे समारोहों में तेज आवाज में डीजे बजाना उचित है, खासकर जब आस-पास लोग बीमार हों या बुजुर्ग और बच्चे हों?
कानून के अनुसार, रात 10 बजे के बाद डीजे बजाना प्रतिबंधित है। इस घटना में भी यह देखा गया कि शोभायात्रा रात 11 बजे के बाद निकाली जा रही थी, जिससे न केवल ध्वनि प्रदूषण हुआ, बल्कि एक मासूम की जान भी चली गई।
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