Bihar Election आम आदमी पार्टी का बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान, कहा- इस बार बदलाव तय है
नई दिल्ली:
बिहार की राजनीति इस बार एक नए मोड़ पर है। जहां सभी प्रमुख दल गठबंधनों की संभावनाएं तलाश रहे हैं, वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) ने बड़ा फैसला लेते हुए यह साफ कर दिया है कि वह 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी, बल्कि अकेले मैदान में उतरेगी।

पार्टी के बिहार प्रभारी और पूर्व विधायक अजेश यादव ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी प्रदेश की 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। उनका कहना है कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है और AAP वही विकल्प है, जिसकी लोग प्रतीक्षा कर रहे हैं।
पूरे राज्य में यात्रा कर रही है पार्टी
अजेश यादव ने बताया कि आम आदमी पार्टी बिहार के कोने-कोने में यात्रा कर रही है और लोगों से संवाद बना रही है। उनका कहना है कि पार्टी की तैयारी सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए नहीं बल्कि विकल्प देने के लिए है।
“हम सिर्फ चुनाव नहीं लड़ रहे, हम एक नया विकल्प और नई राजनीति लेकर आए हैं। बिहार की जनता अब जातिवादी और भ्रष्ट राजनीति से ऊब चुकी है,” — अजेश यादव
गठबंधन की संभावना फिलहाल नहीं

जब उनसे पूछा गया कि क्या किसी पार्टी से गठबंधन की बात चल रही है तो यादव ने साफ कहा,
“फिलहाल हमारा किसी से कोई गठबंधन नहीं हो रहा है। अगर भविष्य में किसी पार्टी से बात होगी तो चुनाव के वक्त देखा जाएगा।”
यानी पार्टी ने फिलहाल अपने इरादे बिल्कुल स्पष्ट कर दिए हैं कि AAP स्वतंत्र रूप से मैदान में उतरेगी, और चुनाव के समय ही कोई सामरिक निर्णय लिए जाएंगे।
केजरीवाल की भूमिका क्या होगी?

अरविंद केजरीवाल की बिहार चुनाव में भागीदारी को लेकर अजेश यादव ने कहा कि
“अरविंद केजरीवाल बिहार आएंगे और चुनाव प्रचार करेंगे, लेकिन यह तय चुनाव के वक्त होगा कि वह कहां-कहां जाएंगे और कितनी बार प्रचार करेंगे।”
इससे साफ है कि केजरीवाल की प्रभावशाली छवि और नेतृत्व क्षमता का इस्तेमाल बिहार चुनाव में भी किया जाएगा।
प्रशांत किशोर और AAP का संबंध?
प्रशांत किशोर भी बिहार में जनसुराज यात्रा के ज़रिए सक्रिय हैं। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या AAP और प्रशांत किशोर साथ आ सकते हैं?
इस पर यादव ने जवाब देते हुए कहा,
“हमारा प्रशांत किशोर से फिलहाल कोई गठबंधन नहीं है। हम अपने दम पर चुनाव लड़ रहे हैं।”
हालांकि यह बात ज़रूर है कि दोनों ने दिल्ली चुनावों में एक साथ काम किया था, और रणनीतिक सोच के मामले में एक-दूसरे से वाकिफ हैं। भविष्य में कोई नया मोर्चा बनता है या नहीं, यह देखना दिलचस्प होगा।
कांग्रेस पर सीधा हमला
महागठबंधन की अहम पार्टी कांग्रेस को लेकर भी यादव ने कड़ा रुख दिखाया। उनका कहना है कि

“कांग्रेस का बिहार में कोई प्रभाव नहीं है। वह सिर्फ RJD के सहारे चुनाव जीतती है, जैसे उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के दम पर।”
यानी साफ है कि आम आदमी पार्टी खुद को महागठबंधन से अलग और मजबूत विकल्प के रूप में प्रस्तुत कर रही है।
युवा और शिक्षा होगी AAP की प्राथमिकता
दिल्ली मॉडल की तरह AAP बिहार में भी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को ही अपना मुख्य मुद्दा बनाएगी।
- युवाओं के लिए रोजगार योजनाएं
- सरकारी स्कूलों का कायाकल्प
- भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन
- महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण
इन सभी मुद्दों को पार्टी अपने प्रचार अभियान का हिस्सा बनाएगी।
बिहार में क्यों बन रही है AAP की जमीन?

बिहार में AAP का सीधा चेहरा भले ही नया हो, लेकिन दिल्ली और पंजाब में मिली जीत ने उसे एक राष्ट्रीय पहचान जरूर दिलाई है। दिल्ली की तर्ज पर बिहार में भी बिजली, पानी, शिक्षा जैसे मुद्दों पर पार्टी प्रचार कर रही है।
इसके साथ ही नीतीश कुमार सरकार और आरजेडी के खिलाफ जनता में जो नाराज़गी है, उसे भुनाने की भी कोशिश AAP कर रही है।
विपक्ष के लिए खतरे की घंटी?
AAP के इस ऐलान से RJD, JDU और कांग्रेस जैसी पारंपरिक पार्टियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जहां एक ओर भाजपा का कैडर मजबूत है, वहीं विपक्ष के वोटों का बंटवारा AAP की एंट्री से और बढ़ सकता है।
यानी AAP का अकेले चुनाव लड़ना, बिहार के चुनावी गणित को पूरी तरह बदलने वाला फैसला साबित हो सकता है।
यह भी पढ़ें:
👉 Bhartiya TV के साथ पढ़ें हिंदी न्यूज़: हिंदी समाचार, Today Hindi News, Latest Breaking News in Hindi – Bhartiyatv.com