Bihar में 10 फीट धंसी सड़क: भ्रष्टाचार की गहराई में समाया विकास, स्कॉर्पियो हादसे का शिकार
किशनगंज, बिहार:
Bihar जहां एक ओर विकास के नाम पर अरबों खर्च हो रहे हैं, वहीं बिहार के किशनगंज जिले से ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसने प्रशासनिक दावों की पोल खोल दी है। कोचाधामन प्रखंड की एक महत्वपूर्ण सड़क रविवार को अचानक 10 फीट तक धंस गई। इस दौरान एक स्कॉर्पियो कार भी उसी गड्ढे में समा गई, गनीमत रही कि कार में बैठे सभी लोग सुरक्षित बाहर निकल आए।
पहली बारिश में ढही 200 करोड़ की सड़क
यह हादसा डीवी 50 मौलाना असरारुल हक कासमी मार्ग पर हुआ, जो कोचाधामन की ‘लाइफलाइन’ मानी जाती है। 44 किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण वर्ष 2019 में शुरू हुआ था और इस पर करीब 200 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। लेकिन पहली ही जोरदार बारिश में यह सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई।
स्कॉर्पियो हादसे का शिकार, क्षेत्र में दहशत
घटना सराय गांव के पास हुई, जहां सड़क का एक बड़ा हिस्सा अचानक धंस गया। उसी समय एक स्कॉर्पियो कार वहां से गुजर रही थी जो सीधे धंसे हुए हिस्से में जा गिरी। कार सवार सभी लोग किसी तरह बाहर निकल आए लेकिन पूरे इलाके में दहशत फैल गई। हादसे के बाद सड़क पूरी तरह बंद हो गई और यातायात ठप हो गया।

गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट बना वजह?
स्थानीय लोगों का आरोप है कि एक महीने पहले इसी जगह गैस पाइपलाइन डालने के लिए सुरंग बनाई गई थी। सुरंग के ऊपर मिट्टी भर दी गई थी, लेकिन मरम्मत का काम ठीक से नहीं हुआ। नतीजतन बारिश के पानी ने मिट्टी को बहा दिया और सड़क धंस गई। ग्रामीणों ने इसकी जिम्मेदारी पथ निर्माण विभाग और स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर डाली है।
हादसे के बाद त्वरित मरम्मत, जांच के आदेश
जैसे ही खबर फैली, प्रशासन हरकत में आया। पथ निर्माण विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर मरम्मत कार्य शुरू किया। जिला पदाधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, गैस पाइपलाइन कंपनी के कर्मचारी ने बयान दिया कि “धंसा हुआ हिस्सा पहले से ही कमजोर था” — जिससे मामला और गंभीर हो गया है।
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जनता का सवाल: जब अरबों लगे तो गुणवत्ता कहां गई?
जनता अब यही सवाल पूछ रही है कि जब सड़क निर्माण पर अरबों रुपये खर्च किए गए थे, तो इसकी गुणवत्ता इतनी कमजोर क्यों रही? क्या वाकई में निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार हुआ है? लोगों का गुस्सा अब जनप्रतिनिधियों और संबंधित अधिकारियों के प्रति है, जिनके रवैये ने आम लोगों की जान जोखिम में डाल दी।
राजनीतिक प्रतिक्रिया भी शुरू
घटना के बाद कई विपक्षी नेताओं ने भी आवाज उठाई है और सरकार पर निर्माण कार्यों में बड़े घोटालों के आरोप लगाए हैं। सोशल मीडिया पर भी यह मामला तेजी से वायरल हो रहा है, लोग सरकार से जवाब मांग रहे हैं।
बिहार में भ्रष्टाचार की गहराई: किशनगंज में 10 फीट धंसी सड़क, स्कॉर्पियो समा गई गड्ढे में
किशनगंज, बिहार:
बिहार में बुनियादी ढांचे की दुर्दशा एक बार फिर सामने आई है। पुलों के गिरने के बाद अब किशनगंज जिले में 200 करोड़ रुपये की लागत से बनी सड़क महज़ पहली बारिश में 10 फीट तक धंस गई। इस हादसे ने न सिर्फ प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है, बल्कि भ्रष्टाचार और लापरवाही की परतें भी खोल दी हैं।
यह हादसा किशनगंज के कोचाधामन प्रखंड की मुख्य सड़क डीवी 50 मौलाना असरारुल हक कासमी मार्ग पर हुआ, जो क्षेत्र की लाइफलाइन मानी जाती है। हादसे के वक्त एक स्कॉर्पियो उसी रास्ते से गुजर रही थी, जो सीधे सड़क के धंसे हुए हिस्से में जा गिरी। गनीमत रही कि कार सवार सभी लोग बाल-बाल बच गए, लेकिन हादसे ने इलाके में दहशत फैला दी।
₹200 करोड़ की सड़क धंसी, सवालों में निर्माण कार्य की गुणवत्ता
इस सड़क का निर्माण कार्य वर्ष 2019 में शुरू हुआ था और लगभग 44 किलोमीटर लंबाई वाली इस सड़क पर 200 करोड़ रुपये खर्च किए गए। लेकिन महज़ पहली ही बारिश ने निर्माण की गुणवत्ता पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग और विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर निर्माण कार्य ईमानदारी से हुआ होता, तो सड़क इस तरह धंसने का सवाल ही नहीं उठता।
हादसे की तस्वीर: स्कॉर्पियो के गड्ढे में गिरते ही मची अफरा-तफरी
घटना किशनगंज के सराय गांव के पास हुई। स्थानीय चश्मदीदों के अनुसार, सड़क का एक बड़ा हिस्सा अचानक धंसा और उसी वक्त एक स्कॉर्पियो वहां से गुजर रही थी। वह गाड़ी पूरी तरह गड्ढे में समा गई।
शुक्र है कि सभी लोग समय रहते बाहर निकल पाए, लेकिन सड़क पर आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सड़क इलाके के स्कूल, अस्पताल और बाजार को जोड़ती है, और इसके बंद होने से जीवन ठहर सा गया है।
पाइपलाइन सुरंग बनी हादसे की जड़?
स्थानीय लोगों का आरोप है कि सड़क के उसी हिस्से में गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए एक महीने पहले सुरंग खोदी गई थी। सुरंग को भरने के बाद ठीक से मरम्मत नहीं की गई, जिसके चलते बारिश के पानी से मिट्टी बह गई और सड़क धंस गई।
यह आरोप गंभीर हैं, क्योंकि इससे स्पष्ट होता है कि किसी भी प्रोजेक्ट को खत्म करने के बाद पुनर्स्थापन और सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया।
प्रशासन की सफाई और राहत कार्य
हादसे के बाद जिला प्रशासन और पथ निर्माण विभाग मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया गया।
जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दे दिए हैं और आश्वासन दिया है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, गैस पाइपलाइन कंपनी के प्रतिनिधियों ने दावा किया कि “सड़क पहले से ही कमजोर थी”। ये बयान अब नए विवाद को जन्म दे रहे हैं कि आखिर सड़क की हालत पहले से कमजोर थी, तो उसकी निगरानी क्यों नहीं की गई?
जनता का गुस्सा: यह सिर्फ बारिश नहीं, लापरवाही और भ्रष्टाचार का नतीजा
हादसे के बाद सोशल मीडिया पर लोग खुलकर प्रशासन और सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
लोग पूछ रहे हैं कि जब 200 करोड़ रुपये जैसी भारी-भरकम राशि खर्च की गई थी, तो सड़क में ऐसी तकनीकी खामी कैसे रह गई?

क्या ठेकेदारों ने सस्ते मटेरियल का इस्तेमाल किया?
क्या इंजीनियरों ने निर्माण के दौरान आंखें मूंद ली थीं?
या फिर पूरी योजना भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गई?
राजनेताओं की प्रतिक्रिया और सियासी माहौल
घटना के बाद विपक्ष ने भी राज्य सरकार पर हमला बोल दिया है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “बिहार में निर्माण कार्य महज दिखावा बन गया है, असली काम तो घोटालों में हो रहा है।”
सत्ताधारी दल की तरफ से सफाई दी गई कि जांच के बाद सच्चाई सामने लाई जाएगी।
इस सड़क से जुड़ी खास बातें
- यह सड़क कोचाधामन प्रखंड को किशनगंज मुख्यालय से जोड़ती है।
- सड़क के बनने से पहले यहां के लोग बरसात में आवागमन के लिए संघर्ष करते थे।
- यह मार्ग व्यापार, स्कूल, अस्पताल और पंचायत कार्यालय तक जाने का मुख्य रास्ता है।