Monday, July 7, 2025

Adani Group ने FY25 में ₹75,000 करोड़ टैक्स देकर रचा इतिहास

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Adani Group का रिकॉर्ड तोड़ टैक्स योगदान: FY25 में ₹75,000 करोड़ सरकार को दिए, मुंबई मेट्रो और ओलंपिक खर्च से भी ज्यादा

अडाणी ग्रुप ने रच दिया इतिहास, Fy25 में दर्ज की 90,000 करोड़ की रिकॉर्ड  कमाई - Adani Group Fy25 Financial Performance Record Ebitda Asset Growth  Expansion Highlights

नई दिल्ली:
भारत की अग्रणी औद्योगिक इकाई अदाणी ग्रुप (Adani Group) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY25) में सरकार को कर (Tax) के रूप में ₹74,945 करोड़ का योगदान दिया है। यह पिछले वित्त वर्ष FY24 के ₹58,104 करोड़ के मुकाबले 29% की बढ़ोतरी दर्शाता है। यह आंकड़ा मुंबई मेट्रो प्रोजेक्ट की कुल लागत और ओलंपिक आयोजन से भी अधिक है।

यह योगदान न केवल अदाणी ग्रुप की वित्तीय मजबूती का प्रमाण है, बल्कि यह भारत की आर्थिक संरचना में निजी क्षेत्र की भूमिका को भी मजबूत करता है।


Fy25 में 75000 करोड़ टैक्स के साथ अडाणी ग्रुप ने रचा इतिहास, ओलंपिक खर्च को  भी छोड़ा पीछे - Adani Group Created History With 75000 Crores Tax In Fy25,  Leaving Behind Even Olympic Expenditure

टैक्स ब्रेकडाउन: डायरेक्ट, इनडायरेक्ट और अन्य योगदान

अदाणी ग्रुप ने यह जानकारी अपनी सालाना रिपोर्ट और “Basis of Preparation and Approach to Tax” नामक दस्तावेज में सार्वजनिक की है। इस रिपोर्ट में टैक्स देने के तीन प्रमुख स्रोत बताए गए हैं:

टैक्स प्रकारराशि (₹ करोड़ में)
डायरेक्ट टैक्स₹28,720
इनडायरेक्ट टैक्स₹45,407
सोशल सिक्योरिटी और अन्य₹818

डायरेक्ट टैक्स:

डायरेक्ट टैक्स वह राशि होती है जो कंपनियां अपने मुनाफे पर सीधा सरकार को देती हैं। यह आयकर, कॉर्पोरेट टैक्स आदि रूप में होता है। इनडायरेक्ट टैक्स:

इसमें GST, कस्टम ड्यूटी, एक्साइज आदि शामिल होते हैं जो उपभोक्ताओं से वसूले जाते हैं और सरकार को ट्रांसफर किए जाते हैं।

अन्य योगदान:

यह सोशल सिक्योरिटी, पेंशन फंड, प्रोविडेंट फंड जैसे मदों में योगदान है।

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मुंबई मेट्रो और ओलंपिक खर्च से अधिक योगदान

अदाणी ग्रुप का टैक्स भुगतान 25% बढ़ा, Fy24 में 58,104 करोड़ रुपये किए जमा

अदाणी ग्रुप का ₹74,945 करोड़ का टैक्स भुगतान, मुंबई मेट्रो प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत और एक ओलंपिक आयोजन में आने वाले खर्च से ज्यादा है। यह तुलना इसलिए अहम है क्योंकि ये दोनों ही प्रोजेक्ट बड़े स्तर के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आयोजन हैं।

इस तुलना से यह समझ आता है कि भारत की एक निजी कंपनी द्वारा किया गया टैक्स भुगतान किस हद तक सरकारी योजनाओं की फंडिंग में सहायक हो सकता है।


अदाणी ग्रुप की प्रमुख कंपनियों का योगदान

इस टैक्स भुगतान में अदाणी समूह की 7 प्रमुख कंपनियों ने भाग लिया है। इनमें शामिल हैं:

  1. Adani Enterprises Limited (AEL)
  2. Adani Green Energy Limited (AGEL)
  3. Adani Ports and Special Economic Zone (APSEZ)
  4. Adani Energy Solutions
  5. Adani Power
  6. Adani Total Gas
  7. Ambuja Cements

इसके अलावा NDTV, ACC और Sanghi Industries जैसी कंपनियों का टैक्स योगदान भी इसमें जोड़ा गया है। यह समूह विविध क्षेत्रों में कार्यरत है — जैसे ऊर्जा, सीमेंट, मीडिया, गैस, बंदरगाह, और रिटेल — जिससे उनका टैक्स बेस और भी व्यापक हो जाता है।


ESG नीतियों में टैक्स पारदर्शिता को प्रमुखता

अदाणी ग्रुप का कहना है कि टैक्स पारदर्शिता उनकी ESG (Environment, Social, Governance) नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। ग्रुप ने यह भी कहा कि वह अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेता है और टैक्स भुगतान के ज़रिए देश के विकास में योगदान देना उसका उद्देश्य है।

अदाणी ग्रुप के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक:

“हमारा उद्देश्य केवल मुनाफा कमाना नहीं है, बल्कि देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में भागीदार बनना भी है। टैक्स पारदर्शिता हमारी मूल प्रतिबद्धताओं में से एक है।”


रोजगार और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में योगदान

इस टैक्स योगदान से सरकार को बुनियादी ढांचे के निर्माण, सामाजिक योजनाओं, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में निवेश करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, अदाणी ग्रुप की कंपनियां लाखों लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करा रही हैं, जिससे भारत की इकोनॉमिक स्टेबिलिटी को मजबूती मिलती है।


सामाजिक मीडिया पर प्रशंसा

जैसे ही अदाणी ग्रुप की टैक्स रिपोर्ट सार्वजनिक हुई, सोशल मीडिया पर तारीफों का सिलसिला शुरू हो गया। #AdaniTaxRecord और #IndiaDevelopment जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।

एक उपयोगकर्ता ने लिखा:

“एक कंपनी जो टैक्स को बोझ नहीं, बल्कि देश का कर्ज मानती है — अदाणी ग्रुप सलाम है!”


विशेषज्ञों की राय

अर्थशास्त्रियों और टैक्स विशेषज्ञों का मानना है कि अदाणी ग्रुप का यह योगदान आने वाले समय में अन्य कॉरपोरेट्स को भी टैक्स पारदर्शिता की राह पर चलने के लिए प्रेरित करेगा।

सीए विवेक शर्मा कहते हैं:

“जब भारत की सबसे बड़ी कंपनियां टैक्स पारदर्शिता को प्राथमिकता देती हैं, तो यह पूरी इकोनॉमी के लिए अच्छा संकेत होता है।”

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