Monday, July 7, 2025

HDFC Bank’s CEO शशिधर जगदीशन पर 25 करोड़ गबन का आरोप, लीलावती ट्रस्ट ने FIR की मांग की

8 दृश्य
HDFC Bank's CEO शशिधर जगदीशन पर 25 करोड़ के गबन का आरोप लगाया गया है। लीलावती हॉस्पिटल ट्रस्ट ने उनके खिलाफ FIR की मांग की है। जानिए पूरे विवाद की गहराई और बैंक की सफाई।

HDFC Bank’s CEO शशिधर जगदीशन , बैंकिंग इंडस्ट्री में हड़कंप: CEO पर लगे गंभीर आरोप

भारत के प्रमुख निजी बैंकों में से एक HDFC Bank एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह कोई आर्थिक रिपोर्ट या नई सुविधा नहीं, बल्कि एक गंभीर आरोप है। लीलावती हॉस्पिटल ट्रस्ट ने HDFC बैंक के मौजूदा CEO और MD शशिधर जगदीशन पर 25 करोड़ रुपये के गबन का गंभीर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है।

यह मामला उस वक्त सामने आया जब ट्रस्ट ने मुंबई मजिस्ट्रेट कोर्ट में CEO सहित 8 अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दाखिल की। ट्रस्ट का दावा है कि इस आरोप के पीछे ठोस सबूत मौजूद हैं, जिनमें हाथ से लिखी डायरी भी शामिल है।


आरोपों की कहानी: डायरी, पैसे और साजिश का संदेह

लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट का कहना है कि उनके पास एक हस्तलिखित डायरी है जिसमें पैसे के लेनदेन का उल्लेख है। इस डायरी में दर्ज है कि ट्रस्ट के एक पूर्व सदस्य ने HDFC के CEO जगदीशन को 2.05 करोड़ रुपये दिए थे, ताकि एक मौजूदा सदस्य के पिता को मानसिक रूप से परेशान किया जा सके।

इस पूरे मामले में करीब 25 करोड़ रुपये के गबन का आरोप लगाया गया है। ट्रस्ट का कहना है कि यह केवल व्यक्तिगत विवाद नहीं, बल्कि एक सुनियोजित वित्तीय धोखाधड़ी है।


HDFC बैंक की सफाई: ‘पुराना बकाया, नया आरोप’

HDFC बैंक ने इस पूरे मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। बैंक का कहना है कि ये सारे आरोप बेबुनियाद हैं और CEO को बदनाम करने की एक सोची-समझी साजिश है।

Hdfc Bank
HDFC Bank

बैंक ने अपने आधिकारिक बयान में कहा:

बैंक का यह भी कहना है कि लीलावती ट्रस्ट के ट्रस्टी प्रशांत मेहता और उनके परिवार पर पिछले 20 सालों से करोड़ों का लोन बकाया है, जिसकी वसूली के प्रयास लगातार हो रहे हैं। लेकिन हर बार वे कोई न कोई कानूनी पैंतरा अपनाकर बचने की कोशिश करते हैं।


कानूनी लड़ाई का अगला दौर

अब इस पूरे मामले में कानूनी लड़ाई तेज होने वाली है। ट्रस्ट ने कोर्ट के आदेश के बाद FIR दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं, बैंक ने भी साफ कर दिया है कि CEO की प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए वे कानून का पूरा सहारा लेंगे।

यह मामला अब न केवल बैंकिंग सेक्टर बल्कि कॉर्पोरेट गवर्नेंस और एथिक्स के क्षेत्र में भी चर्चा का विषय बन चुका है।


सोशल मीडिया और आम जनता की राय

मामला सामने आते ही सोशल मीडिया पर #HDFCBank और #ShashidharJagdishan ट्रेंड करने लगे। कुछ यूजर्स CEO को सस्पेंड करने की मांग कर रहे हैं, तो कुछ इसे ट्रस्ट द्वारा की गई सोची-समझी साजिश बता रहे हैं।

कई विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। लेकिन इतना तय है कि इस आरोप ने HDFC बैंक की साख को एक झटका जरूर दिया है।


Hdfc Bank App :: Behance
HDFC Bank

सवाल जो अब उठ रहे हैं…

  1. क्या डायरी को सबूत के रूप में स्वीकार किया जा सकता है?
  2. क्या बैंक के पुराने बकाया मामलों को निपटाने के लिए CEO को निशाना बनाया जा रहा है?
  3. क्या ट्रस्ट की यह शिकायत सही समय पर आई है या फिर यह रिकवरी से बचने का तरीका है?

सोशल मीडिया में दो टूक राय: कोई कह रहा सच्चाई, कोई बता रहा साजिश

इस खबर के सामने आते ही ट्विटर, फेसबुक और लिंक्डइन जैसे प्लेटफॉर्म पर बहस तेज हो गई है। कुछ लोग जहां CEO को निलंबित करने की मांग कर रहे हैं, वहीं कुछ इसे पॉलिटिकल और लीगल पैंतरेबाजी का नाम दे रहे हैं।

एक यूजर ने लिखा

अगर डायरी में सबूत है तो जांच होनी चाहिए, लेकिन व्यक्तिगत रंजिश के लिए इतने बड़े अधिकारी को बदनाम करना गलत है।”

HDFC Bank’s CEO शशिधर जगदीशन

यह भी पढ़ें:
Bhartiya TV के साथ पढ़ें हिंदी न्यूज़: हिंदी समाचार, Today Hindi News, Latest Breaking News in Hindi – Bhartiyatv.com

You may also like

Leave a Comment

© 2024 Bhartiya Tv. All Rights Reserved. 

Designed and Developed by BRANDBUDDY

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.