ऑनलाइन फूड डिलीवरी के दिग्गज प्लेटफॉर्म Zomato और Swiggy इस बार विवादों के घेरे में आ गए हैं। कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) की दो साल लंबी जांच में सामने आया है कि ये दोनों कंपनियां प्रतिस्पर्धा के नियमों का उल्लंघन कर रही थीं। CCI की रिपोर्ट में कहा गया है कि Zomato और Swiggy ने कुछ चुनिंदा रेस्टोरेंट्स को विशेष लाभ देने का प्रयास किया, जिससे अन्य साझेदारों के साथ असमानता बनी। यह बात एक बड़े मुद्दे के रूप में सामने आई है, क्योंकि इसने प्रतिस्पर्धा के स्वस्थ माहौल को बिगाड़ने का काम किया।
क्या थे Zomato और Swiggy की गलत प्रैक्टिस के मुख्य बिंदु?
CCI की विस्तृत जांच से यह तथ्य उजागर हुआ है कि Zomato और Swiggy कुछ प्रमुख रेस्तरां भागीदारों को अन्य पर तरजीही लाभ प्रदान कर रहे थे। इसका अर्थ है कि ये दोनों प्लेटफॉर्म इन रेस्तरां को ज्यादा ग्राहकों तक पहुँचाने का मौका देते रहे, जिससे प्रतिस्पर्धा प्रभावित हुई। यह एक प्रकार की प्रतिस्पर्धा-विरोधी नीति मानी जाती है, जिसमें कंपनी अपने ग्राहकों को निष्पक्षता के साथ सभी विक्रेताओं के बीच विकल्प नहीं देती है।
CCI ने क्यों और कब जांच का आदेश दिया?
कॉम्पिटिशन कमीशन ने 2022 के अप्रैल में Zomato और Swiggy के खिलाफ इस मामले की जांच शुरू की थी। इसकी शुरुआत भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (NRAI) की शिकायत के आधार पर हुई थी। NRAI ने इन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स पर आरोप लगाए कि वे अपने कुछ पार्टनर्स को अन्य रेस्टोरेंट्स की तुलना में बेहतर लाभ देते हैं, जिससे छोटे और नए साझेदारों को नुकसान होता है। CCI को जांच के बाद रिपोर्ट इस साल की शुरुआत में सौंपी गई और अब इसे अन्य पक्षों के साथ साझा किया जा चुका है।
NRAI ने क्या आरोप लगाए थे और स्विगी का क्या रुख है?
भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (NRAI) ने अपनी शिकायत में Zomato और Swiggy पर प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों का गंभीर आरोप लगाया था। संघ का कहना है कि यह दोनों प्लेटफॉर्म्स केवल कुछ विशेष रेस्तरां को लाभ पहुँचाने के लिए अनुचित प्रथाओं का सहारा ले रहे हैं। स्विगी ने हाल ही में IPO फाइलिंग में इस मामले का उल्लेख किया और इस पर कंपनी की चिंताओं को भी व्यक्त किया है। हालाँकि, Zomato ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
आगे क्या होगा? क्या Zomato और Swiggy को सजा मिल सकती है?
अब जब जांच रिपोर्ट CCI के पास है, तो आयोग अगले चरण के रूप में दोनों कंपनियों के प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श करेगा और स्पष्टीकरण मांगेगा। सभी पक्षों के विचार और उत्तर प्राप्त करने के बाद, CCI यह निर्णय लेगा कि Zomato और Swiggy ने प्रतिस्पर्धा कानूनों का उल्लंघन किया है या नहीं। यदि ये दोषी पाए जाते हैं, तो इन्हें भारी जुर्माना या अन्य सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, जिससे इनकी व्यावसायिक प्रथाओं में बदलाव आने की संभावना है।