Monday, July 7, 2025

महिला के होटल रूम में जाने का मतलब नहीं कि उसने शारीरिक संबंध के लिए सहमति दी: बॉम्बे हाईकोर्ट

72 दृश्य
Bombay Highcourt Order to Girls & Woman to go hotel with man

बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा बेंच ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि अगर कोई महिला पुरुष के साथ होटल के कमरे में जाती है, तो इसे शारीरिक संबंध बनाने की सहमति नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि होटल रूम बुक करने और अंदर जाने का अर्थ सहमति नहीं है, जिससे सहमति के अधिकार का सम्मान और स्पष्टता का संदेश दिया गया है।

होटल रूम में जाने का मतलब सहमति नहीं: हाईकोर्ट का स्पष्ट आदेश

बॉम्बे हाईकोर्ट के जज भारत पी देशपांडे ने अपने आदेश में कहा कि होटल रूम में साथ जाने को शारीरिक संबंध के लिए सहमति नहीं समझा जा सकता। इस मामले में, कोर्ट ने मार्च 2021 में दिए गए ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें आरोपी गुलशेर अहमद के खिलाफ रेप का केस बंद कर दिया गया था। जज ने यह भी कहा कि सहमति के मामले में महिला के अधिकारों का सम्मान करना आवश्यक है।

ट्रायल कोर्ट का फैसला और हाईकोर्ट का खारिज करना

रेप के इस मामले की सुनवाई करते हुए ट्रायल कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि महिला ने आरोपी के साथ होटल में कमरे की बुकिंग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और कमरे के अंदर गई थी। इस आधार पर ट्रायल कोर्ट ने माना कि महिला ने शारीरिक संबंध की सहमति दी थी और आरोपी को डिस्चार्ज कर दिया। लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया और महिला के अधिकार की सुरक्षा का हवाला दिया।

क्या था पूरा मामला?

बार एंड बेंच के मुताबिक, यह मामला मार्च 2020 में सामने आया था, जब एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि आरोपी गुलशेर अहमद ने उसे नौकरी का झांसा देकर कमरे में बुलाया और फिर बलात्कार किया। पीड़िता ने बताया कि उसे जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। बाद में महिला ने आरोपी के बाथरूम में जाने के दौरान वहां से भागकर पुलिस को घटना की जानकारी दी।

कोर्ट का टिप्पणी: सहमति और सह-अस्तित्व में अंतर

जज ने कहा कि भले ही महिला आरोपी के साथ कमरे में गई हो और दोनों ने मिलकर रूम बुक किया हो, लेकिन इसे शारीरिक संबंध के लिए सहमति के रूप में नहीं देखा जा सकता। अदालत ने सहमति के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इसका गलत अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए और किसी के अधिकार का हनन नहीं होना चाहिए।

सहमति का महत्व और अधिकार का सम्मान

बॉम्बे हाईकोर्ट का यह फैसला महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए एक बड़ा कदम है। अदालत ने साफ किया कि किसी महिला का होटल रूम में जाने का मतलब यह नहीं कि उसने शारीरिक संबंध के लिए सहमति दी है।

You may also like

Leave a Comment

© 2024 Bhartiya Tv. All Rights Reserved. 

Designed and Developed by BRANDBUDDY

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.