Bijapur में सुरक्षाबलों का ताबड़तोड़ एक्शन, 7 माओवादी ढेर – भारी मात्रा में हथियार बरामद
बीजापुर, छत्तीसगढ़:
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों ने नक्सल विरोधी अभियान के तहत एक और बड़ी सफलता हासिल की है। इस अभियान में अब तक कुल सात माओवादी मारे जा चुके हैं। इनके शव राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र से बरामद किए गए हैं। साथ ही, भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी जब्त किया गया है।

यह कार्रवाई पिछले तीन दिनों से बीजापुर के जंगली इलाकों में चल रही है, जहां सुरक्षाबलों ने माओवादियों के खिलाफ कई मुठभेड़ें कीं। इन मुठभेड़ों को नक्सल आंदोलन के खिलाफ एक निर्णायक मोड़ के रूप में देखा जा रहा है।
बस्तर IG ने दी जानकारी

बस्तर रेंज के आईजी पी सुंदरराज ने मीडिया को बताया, “बीजापुर जिले के राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान के तहत अब तक कुल 7 माओवादियों के शव बरामद किए जा चुके हैं। इनमें केंद्रीय समिति के सदस्य गौतम उर्फ सुधाकर और तेलंगाना राज्य समिति के सदस्य भास्कर के शव शामिल हैं।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बाकी पांच शवों की पहचान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। “यह अभियान 5, 6 और 7 जून को विभिन्न मुठभेड़ों के माध्यम से संचालित किया गया, जो रणनीतिक रूप से बेहद सफल रहा,” IG ने कहा।

ऑपरेशन के दौरान बरामद हुए हथियार
मुठभेड़ स्थल से सुरक्षाबलों ने भारी मात्रा में हथियार जब्त किए हैं, जिनमें 2 एके-47 राइफलें, भारी मात्रा में गोलियां, विस्फोटक सामग्री और संचार उपकरण शामिल हैं। यह दर्शाता है कि माओवादी इलाके में बड़ी कार्रवाई की योजना बना रहे थे, जिसे सुरक्षाबलों ने समय रहते नाकाम कर दिया।
घायल हुए सुरक्षाकर्मी, खतरे से बाहर
आईजी सुंदरराज के अनुसार, “कुछ सुरक्षाकर्मी ऑपरेशन के दौरान सांप के काटने, मधुमक्खी के डंक, निर्जलीकरण और अन्य ऑपरेशनल कारणों से घायल हुए हैं, लेकिन सभी खतरे से बाहर हैं और उन्हें उचित इलाज दिया जा रहा है।”
माओवादियों के खिलाफ रणनीति बनी निर्णायक
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे के लिए सरकार की रणनीति अब असर दिखाने लगी है। राज्य पुलिस, सीआरपीएफ और अन्य एजेंसियों के संयुक्त ऑपरेशन लगातार माओवादियों की कमर तोड़ने का काम कर रहे हैं। बीजापुर जैसे क्षेत्रों में लंबे समय से सक्रिय नक्सली अब या तो मारे जा रहे हैं या आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की डेडलाइन
इस कार्रवाई को लेकर छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही स्पष्ट किया है कि 2026 तक भारत से नक्सलवाद का पूरी तरह खात्मा कर दिया जाएगा। हम उसी दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।”
माओवादियों की पहचान और रणनीति का खुलासा
सूत्रों के मुताबिक, मारे गए माओवादियों में गौतम और भास्कर की भूमिका संगठन के बड़े रणनीतिकारों के रूप में थी। दोनों लंबे समय से दक्षिण बस्तर और तेलंगाना सीमा पर सक्रिय थे और युवाओं को गुमराह कर नक्सल आंदोलन में शामिल करने का काम कर रहे थे। इनकी मौत नक्सल नेटवर्क के लिए बड़ा झटका है।
लगातार जारी है तलाशी अभियान
ऑपरेशन अभी समाप्त नहीं हुआ है। सुरक्षाबल बीजापुर के जंगलों में गश्त और तलाशी अभियान जारी रखे हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि और भी माओवादी इन जंगलों में छिपे हो सकते हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
सरकार की दोहरी रणनीति – सख्ती और पुनर्वास
छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र की साझा रणनीति दो स्तरों पर काम कर रही है – एक ओर जहां सशस्त्र बलों द्वारा नक्सलियों के खिलाफ आक्रामक अभियान चलाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों के पुनर्वास के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं।
स्थानीय लोगों को दी जा रही है सुरक्षा
राज्य सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि इन ऑपरेशनों के दौरान किसी भी निर्दोष ग्रामीण को नुकसान न पहुंचे। स्थानीय प्रशासन ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और हरसंभव मदद देने में जुटा है।