Sukma Naxal Attack बस्तर के IED की चपेट में आए सुरक्षाबल, एडिशनल एसपी शहीद, कई जवान घायल

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक बार फिर नक्सली हिंसा का खूनी चेहरा सामने आया है। CPI (माओवादी) द्वारा भारत बंद के ऐलान के बीच सुरक्षाबलों की गश्ती टीम पर IED ब्लास्ट कर हमला किया गया, जिसमें सुकमा के एडिशनल एसपी (ASP) आकाश राव गिरिपंजे शहीद हो गए और कई जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह हादसा कोंटा-एर्राबोरा मार्ग पर डोंड्रा के पास हुआ जब सुरक्षाबलों की टीम गश्त कर रही थी।
IED धमाके में उड़ा सिस्टम, शहीद हुए ASP

सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हुए नक्सलियों ने एक प्रेशर आईईडी प्लांट कर रखा था, जो जैसे ही टीम उस इलाके से गुज़री, धमाके के साथ फट गया। इस विस्फोट में ASP आकाश राव गिरिपंजे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं, कई अन्य पुलिसकर्मी और अधिकारी भी घायल हैं जिनका इलाज जारी है।
कौन हैं शहीद ASP आकाश राव गिरिपंजे?
ASP आकाश राव गिरिपंजे छत्तीसगढ़ पुलिस के उभरते हुए अधिकारियों में गिने जाते थे। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में उनकी सक्रियता और नेतृत्व के लिए वे जाने जाते थे। वे कोंटा डिवीजन की निगरानी कर रहे थे और घटना के समय क्षेत्र में गश्त पर थे ताकि भारत बंद के दौरान किसी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके। लेकिन दुर्भाग्यवश वे नक्सलियों के कायराना हमले का शिकार हो गए।

बस्तर IG पी. सुंदरराज ने दी जानकारी
बस्तर रेंज के IG पी सुंदरराज ने जानकारी देते हुए कहा, “CPI (माओवादी) के भारत बंद को देखते हुए ASP आकाश राव की टीम को एरिया डोमिनेशन और सर्चिंग ऑपरेशन के तहत गश्त पर भेजा गया था। डोंड्रा के पास प्रेशर IED ब्लास्ट में ASP गंभीर रूप से घायल हो गए थे। अन्य जवानों को भी चोटें आई हैं। ASP की हालत बेहद नाजुक थी और उन्होंने दम तोड़ दिया।”
सुकमा SP किरण चौहान का बयान
सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चौहान ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि, “कोंटा थाना क्षेत्र में जब पुलिस टीम गश्त पर निकली थी तभी यह घटना हुई। कोन्टा थाना प्रभारी और SDPO भी घायल हुए हैं। सभी का इलाज चल रहा है और पुलिस बलों की ओर से इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।”
भारत बंद के ऐलान के पीछे नक्सली साजिश?

CPI (माओवादी) ने 10 जून को भारत बंद का आव्हान किया था। इसका मुख्य उद्देश्य था सरकार और सुरक्षाबलों पर दबाव बनाना। ऐसे में पहले से ही सुरक्षा बल अलर्ट पर थे और लगातार गश्ती कर रहे थे। इसी बीच यह हमला हुआ जिससे साफ है कि यह एक सुनियोजित नक्सली साजिश थी। ये हमला भारत बंद के पहले डर का माहौल फैलाने के लिए किया गया था।
घायल जवानों की हालत कैसी है?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, घायलों में कुछ जवानों की हालत गंभीर बनी हुई है जबकि अन्य खतरे से बाहर हैं। सभी को कोंटा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ को रायपुर रेफर करने की तैयारी की जा रही है ताकि बेहतर इलाज मिल सके।
नक्सलियों के खिलाफ तेज़ हुआ सर्च ऑपरेशन
हमले के बाद बस्तर डिवीजन में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। अतिरिक्त सुरक्षाबल मौके पर भेजे गए हैं और सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। पुलिस को अंदेशा है कि इलाके में और भी IED बिछाए गए हो सकते हैं, इसलिए बम निरोधक दस्ते को भी लगाया गया है।
पिछले एक महीने में दूसरा बड़ा हमला
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब हाल ही में बीजापुर और दंतेवाड़ा में भी नक्सली हमले देखने को मिले थे। ये घटनाएं यह दिखाती हैं कि छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों की पकड़ अब भी मजबूत बनी हुई है और वे समय-समय पर इस तरह के हमलों से अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहते हैं।
सरकार और प्रशासन से सवाल
इस घटना ने राज्य सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी झकझोर दिया है। विपक्ष ने भी इस हमले पर सवाल उठाते हुए सरकार की नक्सल नीति पर सवाल उठाया है। शहीद हुए ASP के परिजनों को क्या मुआवज़ा मिलेगा? क्या सरकार अब नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करेगी? ये सवाल अब खड़े हो चुके हैं।
जनता में आक्रोश, सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि
इस हमले के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने शहीद ASP को श्रद्धांजलि दी है। ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर #RIPASPakashRao ट्रेंड कर रहा है। कई नेताओं और आम जनता ने इस हमले की निंदा की है और सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग की है।