Bengaluru Bhagdad : RCB की जीत के जश्न में मातम, बेंगलुरु में भगदड़ से 11 लोगों की मौत
बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की ऐतिहासिक जीत के बाद आयोजित विजय जुलूस और सम्मान समारोह अचानक एक बड़े हादसे में बदल गया। चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हादसे के बाद पूरे राज्य में हड़कंप मच गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया समेत कई नेताओं ने इस दुर्घटना पर दुख जताया है। लेकिन सवाल यह है कि क्या इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद के बावजूद पर्याप्त सुरक्षा और इंतज़ाम नहीं किए गए थे?

कैसे मचा बेंगलुरु में भगदड़?
यह हादसा बुधवार को तब हुआ, जब चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर 2-3 लाख से ज्यादा लोग आरसीबी के विजयी जुलूस को देखने के लिए उमड़ पड़े। भारी भीड़ स्टेडियम के एक छोटे से गेट को तोड़ने लगी और इसी दौरान भगदड़ मच गई।

लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे, कई बेहोश हो गए और कुछ तो दम घुटने से जान गंवा बैठे। पुलिस ने हालात को संभालने की कोशिश की, लेकिन भीड़ बेकाबू हो चुकी थी।
CM सिद्धारमैया बोले – उम्मीद से ज्यादा भीड़ थी
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घटना पर दुख जताते हुए कहा,

“किसी को इतनी भीड़ की उम्मीद नहीं थी। हम सभी हैरान रह गए। भीड़ ने गेट तोड़ दिया और भगदड़ मच गई।”
उन्होंने बताया कि 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 33 से ज्यादा लोग घायल हैं। सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। साथ ही, मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
अस्पतालों में घायलों की हालत गंभीर
घायलों को शहर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
अस्पतालों का ब्योरा कुछ इस प्रकार है:

इस तरह कुल 27 लोग भर्ती हैं और मौतों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है।
भगदड़ के लिए कौन है जिम्मेदार?
इस हादसे को लेकर सियासत भी तेज हो गई है।
बीजेपी सांसद बृजलाल ने कहा कि,
“इस घटना के लिए मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए। यह एक प्रशासनिक लापरवाही है।”
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा कि इस दुखद हादसे से स्पष्ट है कि सरकार की भीड़ प्रबंधन में पूरी तरह विफलता रही।
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव नासिर अहमद ने NDTV से बातचीत में कहा कि प्रशासन को व्यवस्था का पूरा मौका नहीं मिला, और भीड़ अचानक बेकाबू हो गई।

लोगों ने एक-दूसरे की मदद की, कुछ ने दी CPR
जहां एक ओर भगदड़ के बाद अफरा-तफरी का माहौल था, वहीं दूसरी ओर आम नागरिकों ने घायलों की मदद की। कई लोगों को CPR देते हुए भी देखा गया।
पुलिस के अनुसार, भीड़ इतनी ज्यादा थी कि शुरू में एम्बुलेंस को रास्ता नहीं मिल पाया, लेकिन फिर स्थानीय लोगों और सुरक्षाकर्मियों की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया।

आरसीबी के खिलाड़ियों का स्वागत, पर हादसे ने छीना सारा जश्न
इस हादसे से कुछ घंटे पहले ही डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार ने एचएएल एयरपोर्ट पर पहुंचकर आरसीबी के खिलाड़ियों का स्वागत किया था। उन्होंने विराट कोहली को गुलदस्ता और झंडे भेंट किए थे। लेकिन उसी शाम स्टेडियम के बाहर मौत का तांडव मच गया।
सवाल यही है – क्या ये हादसा रोका जा सकता था?
सरकार और पुलिस प्रशासन के दावों के बावजूद, ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या इतना बड़ा आयोजन बिना पर्याप्त सुरक्षा के करना ठीक था? क्या जश्न की तैयारी ज़िंदगियों से ज्यादा जरूरी थी?
अब जब हादसा हो चुका है, राजनीति शुरू हो गई है, संवेदनाएं जताई जा रही हैं, मुआवज़ा दिया जा रहा है… लेकिन जो 11 ज़िंदगियां चली गईं, उनका क्या?