RCB पर मुकदमा होना चाहिए…’, सरकार से की यह अपील
जश्न में मातम: RCB पर उठे सवाल
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 में महिला RCB टीम की ऐतिहासिक जीत का जश्न बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर खौफनाक हादसे में बदल गया। इस खुशी के मौके पर उमड़ी भीड़ ने ऐसा तांडव मचाया कि 11 लोगों की जान चली गई और 30 से ज्यादा घायल हो गए।
पूर्व क्रिकेटर और 1983 विश्व विजेता टीम के सदस्य मदन लाल ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे एक शर्मनाक चूक करार दिया और आरसीबी पर जुर्माने और कानूनी कार्रवाई की वकालत की है।

जब बाहर लोग मर रहे थे, अंदर जश्न क्यों? – मदन लाल
पूर्व भारतीय क्रिकेटर मदन लाल ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा,
“लोग इस घटना को कभी नहीं भूलेंगे और शायद विराट कोहली को भी नहीं। जब लोग बाहर मर रहे थे, तो अंदर जश्न मनाया जा रहा था। यह चौंकाने वाला और बेहद निराशाजनक है। इस त्रासदी के लिए RCB और राज्य सरकार के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मुकदमा दायर किया जाना चाहिए।”
उन्होंने बीसीसीआई को भी इस पूरे मामले में चुप रहने के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि “क्रिकेट बोर्ड को भी अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए।”

क्या हुआ था बेंगलुरु में?
RCB की महिला टीम की जीत के बाद बेंगलुरु में एक भव्य Victory Parade का आयोजन किया गया था। इस जश्न में हजारों की संख्या में लोग जुटे। लेकिन स्टेडियम के बाहर व्यवस्था चरमरा गई।
भीड़ नियंत्रण में नहीं रही और भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और 33 अन्य घायल हो गए। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि स्टेडियम में प्रवेश पाने की जल्दबाजी में लोग एक-दूसरे को रौंदते चले गए।
RCB का आधिकारिक बयान

घटना के बाद RCB की ओर से एक आधिकारिक बयान जारी किया गया जिसमें उन्होंने लिखा:
“हम बेंगलुरु में घटी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से अत्यंत दुखी हैं। टीम के आगमन के इंतजार में जुटी भीड़ को नियंत्रित न किया जाना बेहद दुखद है। सभी की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है।”
लेकिन इस बयान से नाराज प्रशंसकों और पूर्व खिलाड़ियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है।
बीसीसीआई ने भी जताई चिंता
बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने पीटीआई से कहा,
“इतनी बड़ी जीत के जश्न के लिए बेहतर योजना बनानी चाहिए थी। सुरक्षा उपायों की भारी कमी नजर आई। कहीं न कहीं चूक जरूर हुई है और इसकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।”
यह बयान दिखाता है कि बोर्ड भी अप्रत्यक्ष रूप से राज्य प्रशासन और आयोजकों की तैयारियों पर सवाल उठा रहा है।
कानूनी कार्रवाई की मांग तेज
इस पूरे घटनाक्रम के बाद देशभर से लोग सोशल मीडिया पर RCB और राज्य सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि इतने बड़े इवेंट की अनुमति बिना सुरक्षा प्लान के कैसे मिल गई?
मदन लाल का बयान इस आक्रोश को और बल देता है। उन्होंने कहा कि मृतकों के परिवारों को आगे आकर कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए और उचित मुआवजा मांगना चाहिए।
क्या कहता है कानून?
इस प्रकार के हादसे में आयोजक, प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां IPC की धारा 304A (लापरवाही से मौत) और धारा 188 (सरकारी आदेश की अवहेलना) के तहत दोषी पाए जा सकते हैं।
अगर मृतकों के परिजन कोर्ट में याचिका दायर करते हैं, तो प्रशासन और आरसीबी दोनों से जवाब मांगा जा सकता है।
कौन जिम्मेदार?
विश्लेषणकर्ताओं का मानना है कि:
- RCB को चाहिए था कि वह सीमित संख्या में लोगों को आमंत्रित करती।
- पुलिस प्रशासन को crowd control के पर्याप्त इंतजाम करने चाहिए थे।
- बीसीसीआई को आयोजन की पूरी निगरानी रखनी थी।
इस सबमें चूक के कारण यह दुखद घटना घटित हुई।
सोशल मीडिया पर आक्रोश
घटना के बाद सोशल मीडिया पर #JusticeForRCBFans ट्रेंड कर रहा है। लोग यह सवाल पूछ रहे हैं:
- क्या जश्न इतना जरूरी था कि लोगों की जान खतरे में डाल दी जाए?
- क्या एक जीत का जश्न मानवीय संवेदनाओं से ऊपर है?
अब आगे क्या?
अब देखना यह है कि:
- क्या राज्य सरकार घटना की जांच के आदेश देती है?
- क्या मृतकों के परिजन मुकदमा दायर करते हैं?
- क्या BCCI, RCB और राज्य प्रशासन जिम्मेदारी स्वीकार करेंगे?