लॉरेंस बिश्नोई गैंग के खिलाफ बंबीहा गैंग की एंट्री ने दिल्ली में फिर से दहशत पैदा कर दी है। हाल ही में, दिल्ली के रानी बाग इलाके में एक बिजनेस मैन के घर पर कई राउंड फायरिंग की गई। फायरिंग करने के बाद, शूटर्स ने एक पर्ची छोड़कर वहां से फरार हो गए।
घटना का विवरण
रिपोर्ट के अनुसार, दो मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने कारोबारी के घर के बाहर करीब 6 से 7 राउंड गोलियां चलाईं। इस घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को एक पर्ची मिली, जिस पर बंबीहा गैंग के दो नाम लिखे थे: कौशल चौधरी और पावर शौकीन। हालांकि, इस मामले में अभी तक किसी प्रकार की एक्सटॉर्शन की कॉल नहीं आई है। घटना शनिवार को हुई, और पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।
बंबीहा गैंग का उदय
बंबीहा गैंग की शुरुआत 2010 में हुई थी। इसका सरगना दविंदर, जो एक प्रसिद्ध कबड्डी खिलाड़ी था, एक कत्ल के आरोप में गिरफ्तार हुआ और जेल गया। जेल में ही दविंदर ने बंबीहा के नाम से पहचान बनाई और गैंगस्टर बनने की ट्रेनिंग ली। वह बंबीहा गांव, मोगा, पंजाब का निवासी था, और उसके नाम के कारण ही गैंग का नाम भी बंबीहा पड़ा।
दविंदर की हत्या 2016 में पंजाब पुलिस की मुठभेड़ में हुई थी, लेकिन इसके बावजूद उसका गैंग सक्रिय रहा। वर्तमान में, गौरव पटियाल उर्फ लकी और सुखप्रीत सिंह बुड्डा इस गैंग का संचालन कर रहे हैं। सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद से लॉरेंस बिश्नोई गैंग और बंबीहा गैंग के बीच दुश्मनी और बढ़ गई है।
गैंग्स के बीच दुश्मनी का इतिहास
लॉरेंस बिश्नोई गैंग और बंबीहा गैंग के बीच दुश्मनी का असली कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। हालांकि, इस झगड़े में कई निर्दोष लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। इसमें गुरलाल बराड़ का नाम प्रमुख है, जिसे 2020 में बंबीहा गैंग ने हत्या की। इसके बाद, बदला लेने के लिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने गुरलाल पहलवान की हत्या करवाई।
इस संघर्ष में संदीप नांगल की हत्या भी शामिल है, जो बंबीहा गैंग द्वारा की गई थी। इसके अलावा, सिद्धू मूसेवाला की हत्या ने भी दोनों गैंग के बीच दुश्मनी को और बढ़ाया।
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“दिल्ली में बंबीहा गैंग की एंट्री के साथ, एक कारोबारी के घर पर हुई फायरिंग की घटना ने सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है। जानें बंबीहा गैंग के उदय और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ दुश्मनी की कहानी।”