Delhi वालों को मिल सकती है बड़ी राहत, खुलकर चला सकेंगे 15 साल पुरानी गाड़ियां! LG ने उठा लिया बड़ा कदम
दिल्ली में लाखों वाहन मालिकों के लिए अच्छी खबर है। उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने 15 साल पुरानी गाड़ियों पर लगी पाबंदी में ढील देने की दिशा में पहल की है। उन्होंने केंद्र सरकार को एक अहम प्रस्ताव भेजा है, जिससे तय शर्तों पर इन गाड़ियों को दोबारा चलाने की इजाज़त मिल सकती है। यदि यह प्रस्ताव मंजूरी पाता है, तो दिल्ली की सड़कों पर फिर से पुरानी गाड़ियों की वापसी संभव होगी।
दिल्ली में 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंधों को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का निर्देश दिया है.

दिल्लीवासियों के लिए बड़ी राहत देने वाली खबर सामने आई है. राजधानी दिल्ली में 15 साल से पुरानी पेट्रोल और 10 साल से पुरानी डीजल गाड़ियों पर लागू प्रतिबंधों को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का निर्देश दिया है, जिसमें 2018 के उस आदेश पर दोबारा विचार की मांग की जाएगी, जो दिल्ली-एनसीआर में इन वाहनों की डीरजिस्ट्रेशन को अनिवार्य करता है.
एलजी वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वह वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के चेयरमैन से अनुरोध करें कि जब तक पूरे एनसीआर में ईओएलवी (End-of-Life Vehicles) को लेकर ठोस तैयारी नहीं हो जाती, तब तक पुराने वाहनों को ईंधन देने से रोकने की योजना को टाल दिया जाए.
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‘हालात अब बदल गए’
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एलजी ने अपने पत्र में कहा है कि दिल्ली सरकार ने हाल के महीनों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए हैं और अब परिस्थितियां पहले से काफी अलग हैं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में जाकर यह बताया जाना चाहिए कि अब हालात पहले जैसे नहीं हैं और पुराने आदेश की समीक्षा की जरूरत है.

इससे पहले 1 जुलाई से दिल्ली सरकार ने CAQM के निर्देश पर पुराने वाहनों को ईंधन देना बंद कर दिया था और पेट्रोल पंपों पर पहुंचने वाले ऐसे वाहनों को जब्त कर उन्हें स्क्रैपिंग के लिए भेजा जा रहा था. इस कदम ने न सिर्फ आम लोगों में भारी नाराजगी पैदा की, बल्कि विशेषज्ञों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने भी इसके प्रभावी क्रियान्वयन पर सवाल उठाए.
पुरानी गाड़ियों को हटाना समाधान नहीं’
एलजी सक्सेना ने इस पूरे मुद्दे पर व्यापक रणनीति बनाए जाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि सिर्फ गाड़ियों को सड़कों से हटाना ही समाधान नहीं है, बल्कि एक समग्र प्रदूषण नियंत्रण योजना होनी चाहिए, जिसमें सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाना, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना, सड़कों की धूल और निर्माण कार्यों से फैलने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करना और हरियाली को बढ़ावा देना शामिल हो.
उन्होंने जोर देकर कहा कि नीति निर्माण में कानूनी, सामाजिक और आर्थिक पहलुओं का ध्यान रखा जाना चाहिए. साथ ही, RVSF नियमों को लागू करने में आने वाली व्यावहारिक दिक्कतों को केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के समक्ष रखा जाना चाहिए.
इस बीच, CAQM ने पंजाब और हरियाणा सरकारों के साथ एक बैठक में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए गए कदमों और ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रेकोग्निशन कैमरों की स्थापना जैसे विषयों पर चर्चा की है. हालांकि, आयोग ने अभी तक पुराने वाहनों पर ईंधन रोकने के आदेश को स्थगित करने पर औपचारिक टिप्पणी नहीं की है.
अगर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल होने वाली याचिका स्वीकार की जाती है या उस पर पुनर्विचार होता है, तो दिल्ली-एनसीआर के लाखों वाहन मालिकों को बड़ी राहत मिल सकती है. ऐसे में 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों के मालिक अपने वाहनों को पहले की तरह चला सकेंगे. यह कदम राजधानी की हवा और जीवन के संतुलन के बीच एक नई राह खोल सकता है.