Delhi Metro Station पर लगी भीषण आग, फायर ब्रिगेड ने पाया काबू
8 दृश्य
8
Delhi Metro Station पर लगी आग, फायर ब्रिगेड की 4 गाड़ियां मौके पर, कई घंटों के बाद पाया गया काबू
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब त्रिलोकपुरी संजय लेक मेट्रो स्टेशन के सर्वर रूम में अचानक आग लग गई। हालांकि दमकल विभाग की तत्परता से समय रहते आग पर काबू पा लिया गया और किसी भी यात्री या स्टाफ के हताहत होने की खबर नहीं है, फिर भी यह घटना मेट्रो सुरक्षा को लेकर एक बार फिर से सवाल खड़े कर गई है।
Delhi Metro Station पर लगी भीषण आग, फायर ब्रिगेड ने पाया काबू 11
कैसे लगी आग, क्या रहा घटनाक्रम?
घटना सोमवार सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर सामने आई जब त्रिलोकपुरी मेट्रो स्टेशन के स्टाफ ने सर्वर रूम से धुआं निकलते देखा। तुरंत ही मेट्रो प्रशासन ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी, जिसके बाद दमकल की चार गाड़ियां मौके पर पहुंचीं।
फायर डिपार्टमेंट के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार,
“प्रारंभिक जांच में ऐसा प्रतीत होता है कि शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी। आग मुख्यतः सर्वर रूम तक ही सीमित रही, जिससे बड़ा हादसा टल गया।”
Delhi Metro Station पर लगी भीषण आग, फायर ब्रिगेड ने पाया काबू 12
कब और कैसे पाया गया आग पर काबू?
दमकल विभाग ने करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दोपहर 1:10 बजे तक आग पर काबू पा लिया। सौभाग्यवश, इस घटना में कोई भी कर्मचारी या यात्री घायल नहीं हुआ, लेकिन तकनीकी सिस्टम को नुकसान पहुंचा है जिसकी जांच की जा रही है।
यात्रियों में मची अफरा-तफरी
आग की खबर मिलते ही स्टेशन पर मौजूद यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। स्टेशन के कुछ हिस्सों को एहतियात के तौर पर खाली करवाया गया। हालांकि दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने स्थिति को नियंत्रण में रखते हुए मेट्रो सेवाओं पर ज्यादा असर नहीं होने दिया।
DMRC ने एक बयान में कहा:
“त्रिलोकपुरी संजय लेक मेट्रो स्टेशन पर आग लगने की घटना को देखते हुए कुछ देर के लिए सुरक्षा कारणों से स्टेशन को आंशिक रूप से बंद किया गया था। कोई जनहानि नहीं हुई है और सेवाएं अब सामान्य हैं।”
दिल्ली में हाल ही में हुई अन्य आग की घटनाएं
दिल्ली में गर्मी और इलेक्ट्रिकल लोड बढ़ने के साथ आग की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। पिछले कुछ हफ्तों में कई गंभीर आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं:
दिलशाद गार्डन: दो की मौत
रविवार देर रात दिल्ली के कोड़ी कॉलोनी, दिलशाद गार्डन में ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन पर आग लग गई। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई और दो ई-रिक्शा और एक बाइक जलकर खाक हो गई।
दिल्ली हाट: अप्रैल में हुआ हादसा
अप्रैल 2025 में आईएनए स्थित दिल्ली हाट में भीषण आग लग गई थी। इस हादसे में कई दुकानें जलकर राख हो गई थीं। हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन कई कारीगरों की जीवन भर की कमाई और मेहनत जलकर खत्म हो गई थी। दिल्ली सरकार ने सहायता देने का आश्वासन दिया था।
क्या आग लगने की घटनाओं से मेट्रो सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं?
सर्वर रूम मेट्रो स्टेशन की संचार और निगरानी प्रणाली का अहम हिस्सा होता है। इस तरह की घटनाएं न केवल सुरक्षा को खतरे में डालती हैं बल्कि सेवाओं को बाधित करने की संभावना भी रखती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि:
“मेट्रो जैसे हाई-सेंसिटिव इंफ्रास्ट्रक्चर में आग जैसी घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि तकनीकी निगरानी और रूटीन मेंटेनेंस को और ज्यादा मजबूत करने की ज़रूरत है।”
DMRC को क्या कदम उठाने चाहिए?
विशेषज्ञ सुझाव दे रहे हैं कि:
हर मेट्रो स्टेशन पर फुल-प्रूफ फायर डिटेक्शन सिस्टम लगाया जाए।
सर्वर रूम और इलेक्ट्रिकल पैनल्स की नियमित ऑडिट हो।
स्टाफ की ट्रेनिंग फायर से निपटने के लिए हो।
हर महीने मॉक फायर ड्रिल आयोजित की जाए।
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर दिल्लीवासियों ने DMRC और दमकल विभाग की सराहना की कि समय रहते आग पर काबू पा लिया गया। हालांकि, कई यूज़र्स ने मेट्रो में सुरक्षा इंतज़ामों पर सवाल भी उठाए:
“मेट्रो जैसी जगह पर आग लगना बेहद खतरनाक हो सकता है। सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा जरूरी है।”
“दमकल विभाग की तत्परता सराहनीय है, लेकिन मेट्रो प्रशासन को और चौकस रहना चाहिए।”
क्या यह चेतावनी है आने वाले समय के लिए?
गर्मी बढ़ने के साथ इलेक्ट्रिकल सिस्टम पर लोड भी तेजी से बढ़ रहा है। शॉर्ट सर्किट और ओवरलोडिंग के मामलों में वृद्धि हो रही है। इसलिए जरूरी है कि सरकारी और निजी दोनों तरह की इमारतों में फायर सेफ्टी ऑडिट अनिवार्य रूप से की जाए।