Amitabh Bachchan : 200 सिगरेट से संयमित जीवन तक, 56 सालों से बॉलीवुड पर राज करने वाली प्रेरक कहानी
चेन स्मोकर से बने बॉलीवुड के शहंशाह

आज भारतीय सिनेमा का जो चेहरा अनुशासन, गरिमा और अभिनय का पर्याय बन चुका है, उसकी कहानी उतनी ही प्रेरणादायक है जितनी कि फिल्मों की पटकथाएं। हम बात कर रहे हैं अमिताभ बच्चन की — उस अभिनेता की जिनकी आवाज़, अभिनय और व्यक्तित्व ने देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लाखों लोगों को प्रभावित किया है। लेकिन इस ऊंचाई तक पहुंचने से पहले उनका सफर बेहद कठिन और आदतों से जूझने वाला था।
एक समय था जब अमिताभ बच्चन एक चेन स्मोकर थे। वह दिनभर में करीब 200 सिगरेट तक पी जाते थे। शराब का सेवन आम बात थी और नॉन-वेज खाना तो उनके खाने का ज़रूरी हिस्सा था। खुद उन्होंने एक पुराने इंटरव्यू में इस बात को कबूल किया है।
शराब, सिगरेट और मांसाहार की आदतें कैसे बनी ज़िंदगी का हिस्सा?

अमिताभ बच्चन ने साल 1980 में इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में बताया था कि कोलकाता में रहते हुए वे दिन में कई दर्जन सिगरेट पी जाते थे। काम का तनाव और सामाजिक माहौल उनके इन आदतों में बड़ा योगदान देता था।
उन्हें नॉनवेज बेहद पसंद था, और वो शराब भी पीते थे। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि ये सभी चीज़ें उन्होंने किसी धार्मिक कारण से नहीं छोड़ी बल्कि खुद की ज़रूरतों और ज़िम्मेदारियों को देखते हुए ये निर्णय लिया।
जीवन का टर्निंग पॉइंट – क्यों छोड़ीं सारी बुरी आदतें?

अमिताभ के अनुसार, मुंबई आने के बाद उन्होंने खुद से एक सवाल पूछा – “क्या मुझे इसकी ज़रूरत है?” और जवाब था – “नहीं।” यहीं से उनके जीवन का बदलाव शुरू हुआ। उन्होंने धीरे-धीरे सिगरेट, शराब और मांसाहार छोड़ना शुरू कर दिया।
अमिताभ बताते हैं, “मैंने जो भी छोड़ा, वह किसी मजबूरी से नहीं बल्कि आत्मअनुशासन से किया। अगर मैं कर सकता हूं तो कोई भी कर सकता है।”
स्वभाव में भी आया बदलाव
बदलाव सिर्फ आदतों में नहीं आया, बल्कि उनके स्वभाव में भी बड़ा परिवर्तन देखने को मिला। उन्होंने कहा कि कॉलेज के दिनों में वो गुस्सैल थे, और कई बार झगड़े कर बैठते थे। लेकिन आज वो खुद को एक शांत, संयमी और सहनशील व्यक्ति मानते हैं।

उनके मुताबिक, ये बदलाव उनके करियर को स्थिरता देने के लिए भी ज़रूरी था। आज जहां उनके समय के दूसरे स्टार्स गुमनामी में खो गए, वहीं अमिताभ बच्चन 56 सालों से लगातार सक्रिय हैं।
संयमित जीवनशैली का असर
आज अमिताभ बच्चन नियमित दिनचर्या, संतुलित आहार और योग को अपने जीवन का हिस्सा बना चुके हैं। उनके सोशल मीडिया पोस्ट्स से पता चलता है कि वो कितना अनुशासनप्रिय जीवन जीते हैं।
इस बदलाव का असर उनके काम पर भी साफ दिखता है। चाहे वो गंभीर किरदार हों या भावनात्मक, अमिताभ अपने हर रोल में जान डाल देते हैं और दर्शकों को प्रभावित करते हैं।
आज भी उतने ही प्रासंगिक
अमिताभ ने वक्त के साथ खुद को बदला, तकनीक को अपनाया, और युवा कलाकारों के साथ काम करते हुए भी अपनी पहचान बरकरार रखी। यही वजह है कि कल्कि 2898 एडी जैसी फिल्मों में वो प्रभास और दीपिका पादुकोण जैसे बड़े नामों के साथ भी छाए रहते हैं।
अब जल्द ही वो रजनीकांत के साथ फिल्म ‘Vettaiyan’ में नजर आएंगे, जिसे लेकर फैंस में जबरदस्त उत्साह है।
अमिताभ की कहानी क्यों है प्रेरणास्पद?
- उन्होंने खुद से सवाल किया और ज़िंदगी बदली।
- आदतें छोड़ीं, स्वास्थ्य चुना।
- संयम और अनुशासन के साथ अभिनय को धर्म बनाया।
- उम्र के इस पड़ाव पर भी वे दूसरों के लिए आदर्श हैं।
यह कहानी सिर्फ एक अभिनेता की नहीं है, यह उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपनी बुरी आदतों से छुटकारा पाना चाहते हैं।