Tamil Cinema ने खोया एक होनहार Director, Vikram Sugumaran’s Death
तमिल फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर डायरेक्टर विक्रम सुगुमरण अब हमारे बीच नहीं रहे। रविवार को 47 वर्ष की उम्र में उनका दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। यह घटना तब हुई जब वह बस से सफर कर रहे थे। विक्रम की असामयिक मौत ने न केवल फिल्म जगत को बल्कि उनके चाहने वालों को भी गहरा सदमा दिया है।
मदुरै से लौटते समय बस में आया हार्ट अटैक
रिपोर्ट्स के मुताबिक, विक्रम सुगुमरण एक निर्माता से मुलाकात कर नई स्क्रिप्ट सुनाकर मदुरै से लौट रहे थे। सफर के दौरान ही उन्हें अचानक सीने में तेज़ दर्द महसूस हुआ। बस में बैठे ही उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया, जिसके बाद उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
Vikram Sugumaran’s Death
‘माधा यानाई कूटम’ से पाई पहचान
विक्रम सुगुमरण ने 2013 में फिल्म ‘माधा यानाई कूटम’ से निर्देशन में कदम रखा था, जो एक ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म थी। इस फिल्म को दर्शकों और आलोचकों दोनों से खूब सराहना मिली। इस फिल्म ने उन्हें तमिल सिनेमा में एक संवेदनशील और गहराई वाले निर्देशक के तौर पर स्थापित किया।

सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि की बाढ़
उनके निधन की खबर सामने आते ही सोशल मीडिया पर शोक की लहर दौड़ गई। तमिल इंडस्ट्री से जुड़े कई कलाकारों, निर्देशकों और फैंस ने विक्रम को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। सभी ने उन्हें एक मूल्यवान, मेहनती और विनम्र कलाकार बताया, जिसकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी।
फिल्मी करियर और योगदान
विक्रम का जन्म तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के परमकुडी में हुआ था। उन्होंने बालू महेंद्र जैसे दिग्गज निर्देशक से फिल्म निर्माण सीखा और अपने करियर की शुरुआत एक अभिनेता के रूप में की थी। वे ‘पोलाधवन’ और ‘कोडीवीरन’ जैसी फिल्मों में नज़र आए।
Vikram Sugumaran’s Death
निर्देशक के रूप में उनकी दूसरी चर्चित फिल्म ‘रावण कोट्टम’ थी जो 2023 में रिलीज़ हुई। हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा सफल नहीं रही, पर आलोचकों ने इसकी सराहना की थी। उनकी आखिरी निर्देशित फिल्म ‘थीरम बोरम’ पर्वतारोहण पर आधारित थी।
सिनेमा प्रेमियों और साथियों के लिए अपूरणीय क्षति
विक्रम सुगुमरण का जाना तमिल सिनेमा के लिए एक गहरा नुकसान है। वे उन चंद निर्देशकों में से थे जो कहानियों में स्थानीयता, मानवीय भावनाएं और सामाजिक यथार्थ को खूबसूरती से पेश करते थे। उनका जाना फिल्मी दुनिया के लिए एक खालीपन छोड़ गया है जिसे भर पाना मुश्किल है।
Vikram Sugumaran’s Death
मदुरै से लौटते समय बस में आया हार्ट अटैक
रिपोर्ट्स के मुताबिक, विक्रम सुगुमरण एक निर्माता से मुलाकात कर नई स्क्रिप्ट सुनाकर मदुरै से लौट रहे थे। सफर के दौरान ही उन्हें अचानक सीने में तेज़ दर्द महसूस हुआ। बस में बैठे ही उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया, जिसके बाद उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
‘माधा यानाई कूटम’ से पाई पहचान
विक्रम सुगुमरण ने 2013 में फिल्म ‘माधा यानाई कूटम’ से निर्देशन में कदम रखा था, जो एक ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म थी। इस फिल्म को दर्शकों और आलोचकों दोनों से खूब सराहना मिली। इस फिल्म ने उन्हें तमिल सिनेमा में एक संवेदनशील और गहराई वाले निर्देशक के तौर पर स्थापित किया।

उनके काम में दिखती थी जमीनी हकीकत और मानवीय भावनाएं
विक्रम की फिल्मों में सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज की सच्चाई भी दिखती थी। ‘माधा यानाई कूटम’ में ग्रामीण हिंसा, जातीय संघर्ष और पारिवारिक उलझनों को जिस गहराई से दिखाया गया, वह दर्शकों के दिल को छू गया। उनकी फिल्मों की खास बात यह थी कि वे बड़े सितारों पर निर्भर नहीं होती थीं, बल्कि कहानी ही उनकी असली ताकत होती थी।
अभिनय से निर्देशन तक का सफर
कम ही लोग जानते हैं कि विक्रम ने अपने करियर की शुरुआत बतौर अभिनेता की थी। उन्होंने ‘पोलाधवन’ और ‘कोडीवीरन’ जैसी फिल्मों में एक्टिंग की थी। हालांकि, उनकी असली पहचान एक निर्देशक के तौर पर बनी। उन्होंने अपनी फिल्मों के जरिए दिखाया कि कंटेंट ही असली किंग होता है।
Vikram Sugumaran’s Death
‘रावण कोट्टम’ और ‘थीरम बोरम’ से लौटे निर्देशन में
2023 में उन्होंने फिल्म ‘रावण कोट्टम’ के जरिए वापसी की, जिसमें उन्होंने समाज की बदलती सोच और युवा पीढ़ी की उलझनों को उठाया था। इसके बाद उन्होंने ‘थीरम बोरम’ नामक फिल्म बनाई, जो पर्वतारोहण पर आधारित थी। यह फिल्म भले ही मुख्यधारा में ज्यादा चर्चा में न रही हो, लेकिन उनके सिनेमा प्रेम की झलक हर फ्रेम में साफ नज़र आती थी।
तमिल इंडस्ट्री ने जताया दुख
उनके आकस्मिक निधन पर तमिल इंडस्ट्री के कई कलाकारों, निर्देशकों और लेखकों ने गहरा दुख व्यक्त किया। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें और फिल्मी क्लिप्स शेयर कर लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। निर्देशक वेत्रिमारन, अभिनेता आर्य, और संगीतकार युवान शंकर राजा ने भी पोस्ट शेयर कर विक्रम को याद किया।

एक सरल, विनम्र और सच्चे कलाकार की विरासत
विक्रम न केवल एक अच्छे निर्देशक थे, बल्कि एक बेहद विनम्र और सरल इंसान भी थे। सेट पर वे सभी को सम्मान देते थे और उनकी टीम उन्हें “मास्टर ऑफ रियलिज्म” कहती थी। उनके साथी कलाकार और तकनीशियन बताते हैं कि वे अपने काम में परफेक्शन के लिए जाने जाते थे और हर सीन को बार-बार तब तक शूट करते थे जब तक उसमें सच्चाई न झलकने लगे।
Vikram Sugumaran’s Death
सिनेमा प्रेमियों और साथियों के लिए अपूरणीय क्षति
विक्रम सुगुमरण का जाना तमिल सिनेमा के लिए एक गहरा नुकसान है। वे उन चंद निर्देशकों में से थे जो कहानियों में स्थानीयता, मानवीय भावनाएं और सामाजिक यथार्थ को खूबसूरती से पेश करते थे। उनका जाना फिल्मी दुनिया के लिए एक खालीपन छोड़ गया है जिसे भर पाना मुश्किल है।