Bakrid 2025 UP DGP : ‘न कोई रास्ता बंद होगा, न नई परंपरा शुरू होगी’, डीजीपी राजीव कृष्ण ने दिए सख्त निर्देश
लखनऊ:
बकरीद (Eid-ul-Adha) के त्योहार को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन पूरी तरह से सतर्क और चौकन्ना हो गया है। प्रदेश के नव नियुक्त डीजीपी राजीव कृष्ण ने त्योहार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस बार न कोई रास्ता बंद होगा और न ही कोई नई परंपरा शुरू की जाएगी।
क्या बोले डीजीपी राजीव कृष्ण?
डीजीपी राजीव कृष्ण ने सभी ज़िलों के पुलिस अधीक्षकों, स्थानीय प्रशासन, मजिस्ट्रेट, धर्मगुरुओं और शांति समितियों के साथ बैठक कर यह सुनिश्चित किया है कि बकरीद का त्योहार शांति, सौहार्द और कानून व्यवस्था बनाए रखते हुए मनाया जाए।
उन्होंने कहा,
“कोई भी नई परंपरा इस अवसर पर शुरू नहीं होनी चाहिए। पुराने अनुभवों से सबक लेते हुए इस बार किसी भी अप्रिय घटना की आशंका को पहले ही नियंत्रित कर लिया गया है।”
त्योहार के लिए प्रशासन की खास तैयारी
- रूट डायवर्जन नहीं: किसी भी सार्वजनिक मार्ग को बाधित नहीं किया जाएगा।
- सामूहिक कुर्बानी की निगरानी: सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी पर रोक।
- गंदगी पर रोक: कुर्बानी के अवशेष खुले में न फेंके जाएं, इसके लिए नगर निगम की व्यवस्था।
- सोशल मीडिया निगरानी: आपत्तिजनक पोस्ट और अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई।
112 PR वाहन अलर्ट मोड में रहेंगे
उत्तर प्रदेश पुलिस के 112 सेवा वाहनों को अलर्ट मोड में रखा गया है। ये गाड़ियां हर समय पेट्रोलिंग करेंगी और किसी भी शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करेंगी। डीजीपी ने कहा कि:
- “सभी क्विक रिस्पॉन्स टीमें (QRTs) पहले से तैनात रहेंगी।”
- 2134 QRT, 51 PAC कंपनियां और 3 RRF कंपनियां फील्ड में रहेंगी।
संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान
राज्य भर में 2623 संवेदनशील स्थान और हॉटस्पॉट्स की पहचान की गई है। इन जगहों पर पहले से होमगार्ड, पीएसी और RRF के जवानों की तैनाती कर दी गई है। साथ ही, 1178 धर्मगुरुओं और पीस कमेटियों से संवाद भी किया जा चुका है।
सोशल मीडिया पर रहेगी खास नजर
UP पुलिस की सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीमें लगातार नजर रख रही हैं। यदि कोई धार्मिक, भड़काऊ या समाजविरोधी पोस्ट करता है तो उसके खिलाफ आईटी एक्ट और आईपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
कुर्बानी को लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश

नगर निगमों और स्थानीय पुलिस की ओर से विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि:
- कोई प्रतिबंधित जानवर की कुर्बानी न हो।
- कुर्बानी के बाद बचे अवशेषों को खुले में न फेंका जाए।
- कुर्बानी को लेकर कोई नई परंपरा या सार्वजनिक प्रदर्शन न किया जाए।
पिछली घटनाओं की समीक्षा से तैयारी
प्रशासन ने पिछले वर्षों में बकरीद के दौरान हुई घटनाओं की समीक्षा कर जरूरी सबक लिए हैं। इसके अनुसार निम्नलिखित सावधानियां रखी गई हैं:
- संवेदनशील इलाकों में ड्रोन से निगरानी।
- CCTV कैमरों की जांच और सक्रियता।
- मस्जिदों, ईदगाहों और धार्मिक स्थलों पर पूर्व गश्त और फ्लैग मार्च।
सांप्रदायिक विवादों पर फोकस
राज्य पुलिस ने ऐसे सभी स्थानों की पहचान की है जहां धार्मिक विवाद की आशंका हो सकती है। इन स्थानों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और पुराने विवादों का निपटारा पहले ही कर लिया गया है।
कानूनी कार्रवाई की भी तैयारी

अगर कोई व्यक्ति या समूह त्योहार के नाम पर तनाव फैलाने की कोशिश करता है, धार्मिक भावनाएं भड़काता है, या सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाता है, तो उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों के लिए स्पेशल टीम भी गठित की गई है।
अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती
- हर जिले में अतिरिक्त बल की तैनाती।
- 2 अपर पुलिस अधीक्षक, 6 डिप्टी एसपी की विशेष ड्यूटी।
- 51 पीएसी कंपनियां और 3 RRF यूनिट्स तैनात।
धार्मिक स्थलों के पास फ्लैग मार्च
सभी जिलों में धार्मिक स्थलों के आस-पास फ्लैग मार्च करवाया गया है। यह कदम दिखावटी नहीं, बल्कि निवारक है ताकि किसी भी व्यक्ति को शांति भंग करने की हिम्मत न हो।
डीजीपी का अंतिम संदेश
“बकरीद एक पवित्र त्योहार है जिसे शांति और श्रद्धा के साथ मनाना चाहिए। समाज की एकता और सुरक्षा के लिए सभी का सहयोग जरूरी है। कोई भी गतिविधि जो शांति व्यवस्था को प्रभावित करे, बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”