Blood Cancer : जानलेवा हो सकता है ब्लड कैंसर: कैसे होती है शुरुआत और किन लक्षणों को नहीं करना चाहिए नजरअंदाज
Blood Cancer : जिसे मेडिकल भाषा में ल्यूकेमिया, लिंफोमा या मायलोमा कहा जाता है—एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है जो हमारे शरीर की रक्त निर्माण प्रणाली को गहराई से प्रभावित करती है। आमतौर पर यह बीमारी बोन मैरो यानी अस्थि मज्जा में खून की कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने से शुरू होती है। जब इन कोशिकाओं की वृद्धि अनियंत्रित हो जाती है, तो यह न केवल रक्त प्रवाह को बाधित करती है, बल्कि शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करने लगती है।
ब्लड कैंसर की शुरुआत कैसे होती है?
हमारे शरीर में रेड ब्लड सेल्स (RBC), व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) और प्लेटलेट्स का निर्माण हड्डियों के भीतर स्थित बोन मैरो में होता है। जब इनमें से कोई एक कोशिका डीएनए स्तर पर विकृत हो जाती है और लगातार विभाजित होकर फैलती रहती है, तो यह कैंसर का रूप ले लेती है। समय के साथ यह विकृत कोशिकाएं शरीर के अन्य हिस्सों में फैलकर सामान्य कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती हैं और शरीर की कार्यप्रणाली को अस्त-व्यस्त कर देती हैं।
ये हैं शुरुआती संकेत जिन्हें कभी नजरअंदाज न करें

1. बार-बार बुखार या इंफेक्शन होना
ब्लड कैंसर में सबसे पहले व्हाइट ब्लड सेल्स प्रभावित होते हैं, जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता का अहम हिस्सा होते हैं। जब यह कमजोर होते हैं, तो शरीर मामूली संक्रमण से भी नहीं लड़ पाता। नतीजा—बार-बार बुखार आना या कोई भी घाव जल्दी न भरना।
2. बिना मेहनत थकान और कमजोरी
रेड ब्लड सेल्स की कमी से शरीर के अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती। इसका असर सीधा आपकी ऊर्जा पर पड़ता है। रोजमर्रा के हल्के काम भी भारी लगने लगते हैं और व्यक्ति हर वक्त थका हुआ महसूस करता है।
3. नाक या मसूड़ों से बार-बार खून आना
प्लेटलेट्स की कमी से शरीर में खून का थक्का नहीं बन पाता। ऐसे में मामूली चोट, नाक की सफाई या ब्रश करते वक्त खून आना आम हो जाता है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
4. अचानक वजन घटना और भूख कम लगना
अगर आप कोई डाइट या एक्सरसाइज नहीं कर रहे हैं फिर भी वजन तेजी से कम हो रहा है, तो यह चिंता का विषय है। साथ ही भूख में भी कमी आने लगे तो शरीर किसी गंभीर स्थिति का संकेत दे रहा हो सकता है।

5. हड्डियों या जोड़ो में लगातार दर्द
कैंसर कोशिकाएं जब बोन मैरो में इकट्ठा हो जाती हैं, तो इससे हड्डियों में सूजन और दर्द शुरू हो जाता है। पीठ, कूल्हों या पैरों में यह दर्द अधिक महसूस होता है, जो समय के साथ बढ़ता जाता है।
क्या ब्लड कैंसर का इलाज संभव है?
जी हां, ब्लड कैंसर का इलाज संभव है—लेकिन इसकी एकमात्र कुंजी है समय पर पहचान और सही इलाज की शुरुआत। जैसे ही ऊपर दिए गए लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें। शुरुआती स्टेज में यह बीमारी काफी हद तक नियंत्रित और ठीक की जा सकती है। कीमोथेरेपी, बायोलॉजिकल थेरेपी, रेडिएशन और बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसे विकल्प आज उपलब्ध हैं, जो मरीज की स्थिति के अनुसार काम कर सकते हैं।
Blood Cancer : जानिए कैसे होती है शुरुआत और कौन से संकेत हैं बेहद खतरनाक
ब्लड कैंसर—जिसे ल्यूकेमिया, लिंफोमा और मायलोमा के नाम से भी जाना जाता है—एक बेहद गंभीर बीमारी है, जो शरीर में खून बनाने की प्रक्रिया को बाधित करती है। यह बीमारी जब शरीर के अस्थि मज्जा यानी बोन मैरो में बनने वाली कोशिकाओं को प्रभावित करती है, तो धीरे-धीरे पूरे शरीर पर इसका बुरा असर पड़ता है।
इस बीमारी की सबसे खतरनाक बात यह है कि इसके शुरुआती लक्षण आम बीमारियों जैसे लगते हैं, इसलिए लोग अक्सर इसे नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन अगर समय पर पहचान न हो पाए, तो यह स्थिति जानलेवा बन सकती है।

कैसे होती है ब्लड कैंसर की शुरुआत?
शरीर में बनने वाली रेड ब्लड सेल्स (लाल रक्त कोशिकाएं), व्हाइट ब्लड सेल्स (श्वेत रक्त कोशिकाएं) और प्लेटलेट्स अस्थि मज्जा में तैयार होती हैं। जब इन कोशिकाओं में जेनेटिक स्तर पर कोई गड़बड़ी आ जाती है और वे नियंत्रण से बाहर होकर अनियमित तरीके से बढ़ने लगती हैं, तो यही कैंसर की शुरुआत होती है। यह असामान्य कोशिकाएं अन्य स्वस्थ कोशिकाओं को भी नष्ट करना शुरू कर देती हैं।
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