Bone Cancer: शुरुआती चेतावनी संकेत और समय पर उपचार की महत्वपूर्ण जानकारी
New Delhi।
हड्डियों का कैंसर एक दुर्लभ लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। आमतौर पर इसके शुरुआती लक्षणों को हल्का दर्द या थकान मान लिया जाता है। लेकिन जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, यह गंभीर रूप ले सकती है और समय पर पहचान न हो तो शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकती है।
पीएसआरआई अस्पताल, दिल्ली में डायरेक्टर एवं जॉइंट प्रिज़र्वेशन एंड रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. गौरव प्रकाश भारद्वाज बताते हैं कि हड्डियों का कैंसर जब प्रारंभिक अवस्था में पकड़ा जाए तो इसके इलाज की सफलता दर बहुत अधिक होती है।
1. सबसे पहले दर्द, फिर गंभीर संकेत
लगातार दर्द
- सबसे आम और पहला लक्षण है हड्डियों का लगातार दर्द।
- शुरू में यह केवल शारीरिक सक्रियता या तनाव के दौरान महसूस होता है।
- जैसे ही कैंसर बढ़ता है, यह दर्द स्थायी रूप पकड़ लेता है और रात में तीव्र हो जाता है।
- आम तौर पर यह लंबी हड्डियों (जांघ, पिंडली, कंधा आदि) में शुरू होता है, लेकिन शरीर की किसी भी हड्डी में हो सकता है।
हड्डी कमजोर होना या फ्रैक्चर
- कैंसर के कारण हड्डियों में कमजोरी आने लगती है।
- सामान्य गतिविधि में भी फ्रैक्चर्स (टीच्स या टूटना) हो सकते हैं।
- कैंसर प्रभावित हिस्से में सूजन, लालिमा, गर्माहट जैसी झलक भी देखने को मिल सकती है।

2. अन्य सामान्य लक्षण: थकान, बुखार, वजन घटना
- थकान और कमजोरी: बिना किसी स्पष्ट कारण शरीर थका हुआ महसूस होता है।
- अनियोजित वजन घटना
- कम बुखार या बढ़ा हुआ तापमान
- रात में पसीना आना, जिसकी तुलना लोग अक्सर सामान्य ठंड या संक्रमण से कर बैठते हैं।
यह लक्षण तभी खतरनाक होती हैं जब इनके पीछे कोई स्पष्ट कारण न हो—जैसे इंफेक्शन या पुरानी बीमारी।https://bhartiyatv.com/wp-admin/post.php?post=9891&action=edit
3. यदि कोई पहले से कैंसर का इलाज करवा चुका हो
- जो लोग पहले किसी अन्य कैंसर (ब्रेस्ट, लंग, प्रोस्टेट आदि) से ग्रसित थे, उनके लिए यह स्थिति और भी जोखिम भरी हो सकती है।
- क्योंकि अन्य कैंसर हड्डियों में मेटास्टेसिस (फैलाव) कर सकते हैं।
- ऐसे मरीजों को हड्डियों में दर्द या सूजन होने पर तुरंत ऑनकोलॉजिस्ट या ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ से मिलना चाहिए।
4. हड्डियों के कैंसर की पहचान कैसे करें?
हड्डियों के कैंसर की सही पहचान के लिए निम्न जांचों की आवश्यकता होती है:
1. एक्स‑रे (X-ray)
- हड्डियों का प्रारंभिक मूल्यांकन एवं संदेहित क्षेत्र की जांच।
2. एमआरआई (MRI) / सीटी स्कैन (CT Scan)
- ट्यूमर के विस्तार और आसपास ऊतकों की स्थिति का मूल्यांकन।
3. बोन स्कैन (Bone Scan)
- कैंसर के संभावित फैलाव की जांच।
4. बायोप्सी (Biopsy)
- कैंसर कोशिकाओं की जांच व पुष्टि के लिए सबसे भरोसेमंद तरीका।
प्रारंभिक स्टेजों में सही निदान और इलाज की योजना बनाना इसी पर निर्भर है।
5. हड्डियों के कैंसर का इलाज
यदि समय रहते पहचान हो जाए, तो इलाज से सफलता की उम्मीद बहुत बेहतर होती है। इलाज में शामिल हो सकते हैं:
सर्जिकल उपचार (Surgery)
- कैंसर प्रभावित हिस्से को हटा देना।
- कुछ मामलों में हड्डी प्रत्यारोपण (reconstruction) की आवश्यकता होती है।
कीमोथेरेपी (Chemotherapy)
- कैंसर कोशिकाओं को नियंत्रित करने या खत्म करने के लिए दवाओं का उपयोग।
रेडिएशन थ्रैपी (Radiation Therapy)
- कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने या उनके बढ़ने को रोकने के लिए रेडिएशन का प्रयोग।
अलग-अलग हालत में इलाज की प्रक्रिया की योजना ऑन्कोलॉजिस्ट, ऑर्थोपेडिक सर्जन और रेडिएशन विशेषज्ञ मिलकर बनाते हैं।
6. कैसे रखें सावधानी?
- कोई दर्द या सूजन अनदेखा न करें, खासकर अगर यह समय के साथ बढ़ रहा हो।
- यदि शुरुआती लक्षणों में सुधार नहीं हो रहा या बढ़ते जा रहे हों, तो एस्पेशलिस्ट डॉक्टर से तुरंत परामर्श लें।
- इसके अलावा स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार, नियमित एक्सरसाइज और सही नींद भी रक्षण में मदद कर सकते हैं।

7. मरीजों के लिए सलाह
- किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले जांच कराने की सलाह।
- समय पर निदान और उचित इलाज समय की मांग है।
- इलाज के दौरान मनोवैज्ञानिक समर्थन भी बहुत महत्वपूर्ण होता है।
Bone Cancer