Copper : तांबे के बर्तन में पानी पीना फायदेमंद या नुकसानदेह? जानिए सच्चाई
Copper (तांबे) के बर्तन में पानी पीना आयुर्वेद में बेहद लाभकारी माना गया है। इसे पीने से शरीर को कई पोषक तत्व मिलते हैं, जो इम्यूनिटी बढ़ाने, हड्डियों को मजबूत करने और खून में हीमोग्लोबिन का स्तर सुधारने में मदद कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे, अगर इसका सही तरीके से उपयोग न किया जाए तो इसके फायदे नुकसान में भी बदल सकते हैं।

अगर आप भी तांबे के बर्तन में पानी पीते हैं या पीने की सोच रहे हैं, तो इस लेख में बताई गई जरूरी सावधानियों को जरूर जानें।
Copper : तांबे के बर्तन की सफाई है बेहद जरूरी
तांबे का बर्तन अगर लंबे समय तक साफ न किया जाए, तो उसमें गंदगी जमा हो सकती है, जो सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है।
- हर बार इस्तेमाल के बाद इसे धोना जरूरी है।
- आप नींबू और नमक का उपयोग करके इसे अच्छी तरह साफ कर सकते हैं।
- यह घरेलू नुस्खा बर्तन में जमी हरी परत और दाग को हटाने में बेहद कारगर होता है।
दिनभर तांबे का पानी न पिएं, वरना हो सकती है ‘Copper Toxicity’
कुछ लोग सोचते हैं कि अगर थोड़ा तांबे का पानी फायदेमंद है, तो ज्यादा पीने से ज्यादा फायदा होगा, लेकिन ऐसा नहीं है।
- तांबे की अधिक मात्रा शरीर में जहर का काम कर सकती है।
- इससे मतली, उल्टी, पेट दर्द और चक्कर आने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
- डॉक्टर भी रोजाना सिर्फ सुबह खाली पेट एक गिलास तांबे का पानी पीने की सलाह देते हैं।
नींबू-शहद का पानी कभी भी तांबे के बर्तन में न रखें
कई लोग सुबह डिटॉक्स के लिए तांबे के बर्तन में नींबू और शहद डालकर पानी पीते हैं, लेकिन यह सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
- नींबू में मौजूद साइट्रिक एसिड तांबे के साथ रिएक्ट कर सकता है।
- इससे पानी में टॉक्सिक एलिमेंट्स घुल सकते हैं जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- इसलिए नींबू-शहद वाला पानी कांच या स्टील के बर्तन में ही तैयार करें।
तांबे के बर्तन में पानी रखने का सही तरीका
- रात में तांबे के बर्तन में पानी भरकर रखें और सुबह उठते ही खाली पेट इसका सेवन करें।
- बर्तन को पूरी तरह सूखा और साफ रखें।
- पानी को 6–8 घंटे से ज्यादा न रखें क्योंकि इससे धातु का प्रभाव बढ़ सकता है।
तांबे के बर्तन में पानी पीते हैं? तो ये गलतियां आपको नुकसान भी पहुंचा सकती हैं
भारत में तांबे का प्रयोग सदियों से स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता रहा है। खासतौर पर आयुर्वेद में तांबे के बर्तन में रखा पानी शरीर के लिए अमृत समान बताया गया है। माना जाता है कि रातभर तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, त्वचा में निखार आता है और पाचन तंत्र बेहतर होता है।
लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि तांबे का पानी तभी फायदेमंद होता है जब इसका सही तरीके से सेवन किया जाए। कई बार लोग जानकारी के अभाव में ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो फायदे की बजाय सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
1. तांबे के बर्तन की सफाई न करना
तांबे के बर्तन में अगर नियमित रूप से सफाई न की जाए तो उसमें हरे रंग की परत जमने लगती है जिसे ‘पैटीना’ कहा जाता है। यह परत शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है।
- हर बार पानी भरने से पहले बर्तन को अच्छी तरह धोएं।
- नींबू और नमक का प्रयोग करें, जिससे बर्तन में जमा मैल और रसायन साफ हो जाएं।
- सप्ताह में कम से कम दो बार बर्तन को धूप में भी रखें ताकि उसमें बैक्टीरिया न पनपें।
2. दिनभर तांबे का पानी पीना
कई लोग यह सोचकर पूरे दिन तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते रहते हैं कि इससे उन्हें अधिक लाभ मिलेगा, जबकि यह सोच गलत है।
- अधिक मात्रा में तांबे का सेवन करने से कॉपर टॉक्सिसिटी हो सकती है।
- इसके लक्षणों में उल्टी, पेट दर्द, चक्कर, थकान और लीवर की समस्या शामिल हो सकती हैं।
- विशेषज्ञों की मानें तो सुबह खाली पेट एक गिलास तांबे का पानी पीना पर्याप्त होता है।
3. नींबू या शहद को तांबे के बर्तन में मिलाना
कई लोग तांबे के बर्तन में नींबू और शहद डालकर डिटॉक्स वॉटर तैयार करते हैं, लेकिन यह खतरनाक हो सकता है।
- नींबू में मौजूद साइट्रिक एसिड तांबे के साथ रिएक्ट करता है, जिससे पानी विषैला हो सकता है।
- इसलिए नींबू-शहद या किसी तरह का एसिडिक पदार्थ कभी भी तांबे के बर्तन में न डालें।
4. तांबे के बर्तन में पानी रखने का सही तरीका क्या है?
- रात को तांबे के बर्तन में पानी भरें और ढक्कन लगाकर रखें।
- सुबह उठते ही खाली पेट यह पानी पिएं।
- पानी को 6 से 8 घंटे से ज्यादा तांबे के बर्तन में न रखें।
- बर्तन को पूरी तरह सुखा और साफ करके ही इस्तेमाल करें।
निष्कर्ष: जानकारी से बनाएं सेहत, लापरवाही से न बिगाड़ें
तांबे के बर्तन में पानी पीना अगर सही तरीके से किया जाए, तो यह स्वास्थ्य के लिए चमत्कारी साबित हो सकता है। लेकिन यदि सफाई, समय और मात्रा का ध्यान नहीं रखा गया तो इससे गंभीर दुष्परिणाम भी हो सकते हैं। इसलिए परंपरागत ज्ञान को अपनाएं, लेकिन विज्ञान की समझ के साथ।
तांबे के बर्तन में पानी पीते हैं? तो इन बातों का रखें ध्यान, वरना हो सकता है नुकसान
भारत में आयुर्वेद और घरेलू नुस्खों में तांबे के बर्तन का पानी सेहत के लिए अमृत समान माना गया है। तांबे में रखे पानी को पीने से शरीर को ज़रूरी खनिज तत्व मिलते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मज़बूत करते हैं और पाचन में भी मदद करते हैं।
लेकिन ध्यान रहे, तांबे का पानी तभी फायदेमंद है जब आप उसे सही तरीके से इस्तेमाल करें। ज़रा सी लापरवाही सेहत पर उल्टा असर डाल सकती है।
1. तांबे के बर्तन की सफाई को न करें नजरअंदाज
तांबे के बर्तन को अगर नियमित रूप से साफ न किया जाए तो उसमें ऑक्सीडेशन की वजह से हरी या काली परत जम जाती है।
- यह परत जहरीली हो सकती है और शरीर में जहर फैलाने का काम कर सकती है।
- बर्तन को हर दिन नींबू और नमक से अच्छी तरह साफ करें।
- एक सप्ताह में एक बार बर्तन को उबालकर और धूप में सुखाकर इस्तेमाल करें।
2. दिनभर तांबे का पानी पीना है खतरनाक
कई लोग यह सोचकर दिनभर तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते हैं कि इससे अधिक लाभ मिलेगा।
- लेकिन ऐसा करने से कॉपर टॉक्सिसिटी यानी तांबे की अधिकता हो सकती है।
- इसके लक्षणों में उल्टी, पेट दर्द, थकावट, सिर दर्द और लीवर पर बुरा असर शामिल हो सकता है।
- विशेषज्ञों के अनुसार, दिन में सिर्फ एक बार — सुबह खाली पेट — तांबे का पानी पीना ही पर्याप्त है।
3. नींबू या शहद को तांबे के बर्तन में न मिलाएं
डिटॉक्स ड्रिंक के रूप में नींबू और शहद का पानी तांबे के बर्तन में बनाना आम बात है, लेकिन यह सेहत के लिए हानिकारक है।
- नींबू में मौजूद एसिड तांबे के साथ रिएक्ट करता है और पानी को विषैला बना सकता है।
- ऐसी स्थिति में पेट में जलन, गैस और उल्टी की समस्या हो सकती है।
- तांबे के बर्तन में सिर्फ सादा पानी ही रखें।
4. पानी रखने और पीने का सही तरीका
इस्तेमाल के बाद तुरंत बर्तन धोकर सुखा लें।
रात में तांबे के बर्तन में पानी भरें और ढक्कन लगा दें।
सुबह उठकर खाली पेट वह पानी पिएं।
ध्यान रहे, 8 घंटे से अधिक पानी तांबे के बर्तन में न रखा जाए।
तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते हैं? हो जाएं सावधान, जानिए जरूरी बातें
तांबे के बर्तन में रखा पानी आयुर्वेद के अनुसार कई स्वास्थ्य लाभ पहुंचा सकता है। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, पाचन बेहतर होता है और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। लेकिन अगर इसे सही तरीके से नहीं इस्तेमाल किया गया, तो यही पानी नुकसान पहुंचा सकता है।
बर्तन की सफाई है सबसे ज़रूरी
तांबे के बर्तन में ऑक्साइड जमना सामान्य है, लेकिन अगर इसे समय पर साफ न किया जाए तो यह ज़हर बन सकता है। नींबू और नमक से इसे साफ करना सबसे अच्छा तरीका है।
पूरा दिन न पिएं कॉपर का पानी
कुछ लोग पूरे दिन तांबे वाले पानी का सेवन करते हैं, जो कॉपर टॉक्सिसिटी का कारण बन सकता है। इससे उल्टी, पेट दर्द और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बेहतर है कि आप सिर्फ सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।
नींबू या शहद तांबे के बर्तन में न मिलाएं
नींबू में मौजूद एसिड तांबे से रिएक्शन करता है, जिससे पानी विषैला हो सकता है। हमेशा सादा पानी ही तांबे के बर्तन में रखें।