Sunlight on the waist: सूरज की रोशनी से विटामिन D पाने का सही तरीका: डॉक्टर ने बताया शरीर का कौन सा हिस्सा सबसे ज्यादा करता है इसे सोख
</aधूप में बैठना केवल गर्माहट महसूस करने के लिए नहीं होता, बल्कि यह आपके शरीर के लिए बेहद जरूरी विटामिन डी का प्राकृतिक स्रोत भी है। आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी और ऑफिस-बाउंड लाइफस्टाइल में लोगों के पास इतना समय ही नहीं बचता कि वे सुबह की धूप में कुछ देर बैठ सकें। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप सिर्फ 15 मिनट भी रोज सही तरीके से धूप में बैठ जाएं, तो आपके शरीर को भरपूर विटामिन D मिल सकता है? और इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि शरीर का एक विशेष अंग है जो इस सूरज की किरणों को सबसे ज़्यादा सोखता है।
शरीर को क्यों चाहिए विटामिन डी?
विटामिन डी हमारे शरीर के लिए उतना ही जरूरी है जितना कैल्शियम या आयरन। इसकी कमी से सबसे पहले असर हमारी हड्डियों और जोड़ो पर पड़ता है। शरीर में दर्द, थकान, कमजोरी और इम्यून सिस्टम का कमजोर होना इसके सामान्य लक्षण हैं। अगर यह कमी लंबे समय तक बनी रहे, तो इससे ऑस्टियोपोरोसिस, ऑस्टियोमलेशिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

सूरज की किरणों से विटामिन डी कैसे बनता है?
डॉक्टरों के अनुसार जब सूरज की अल्ट्रा वायलेट बी (UVB) किरणें हमारी त्वचा से टकराती हैं, तो यह हमारी स्किन में मौजूद 7-डीहाइड्रोकॉलस्ट्रोल को विटामिन डी3 में बदल देती हैं। यह वही फॉर्म है जो शरीर आसानी से इस्तेमाल कर सकता है। इसका मतलब है कि आंखों से सूरज देखने से नहीं, बल्कि स्किन के सीधे संपर्क में आने से विटामिन डी बनता है।
कमर है सबसे ज्यादा विटामिन D सोखने वाला अंग
इंस्टाग्राम पर हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर जमाल खान ने बताया कि लोगों को अक्सर लगता है कि सूरज की ओर मुंह करके बैठने से ज्यादा फायदा होता है, लेकिन ऐसा नहीं है। असल में शरीर का वह हिस्सा जो सबसे ज्यादा विटामिन डी सोखता है, वह है – कमर।
डॉ. खान कहते हैं, “कमर की त्वचा की बनावट और सतह की चौड़ाई ऐसी होती है कि वहां की कोशिकाएं सूरज की किरणों से अधिक प्रभावी तरीके से रिएक्ट करती हैं। इसलिए जब भी आप धूप में बैठें, कोशिश करें कि कमर पर सीधी रोशनी पड़े।”
अगर आप खुले में नहीं बैठ सकते, तो कमर को हल्के और सफेद कपड़े (जैसे मलमल या सूती बनियान) से ढंकें ताकि किरणें सीधे संपर्क में आ सकें।
कब और कितनी देर लें धूप?
हर मौसम में सूरज की किरणों का असर एक जैसा नहीं होता। इसलिए सही समय और अवधि जानना जरूरी है:
- गर्मी के मौसम में – सुबह 7:00 से 8:00 बजे के बीच
- सर्दियों में – सुबह 8:30 से 9:30 बजे के बीच

अगर आप रोजाना सिर्फ 15 मिनट भी सही तरीके से धूप लेते हैं, तो आपकी डेली विटामिन डी की जरूरत पूरी हो सकती है। ध्यान रखें कि बहुत देर तक धूप में बैठने से स्किन टैनिंग या सनबर्न भी हो सकता है, इसलिए समय का विशेष ध्यान रखें।
गलत तरीकों से धूप लेने का नहीं मिलता फायदा
बहुत से लोग बिना जानकारी के धूप में बैठते हैं और सोचते हैं कि जितना ज्यादा देर बैठेंगे, उतना ज्यादा फायदा होगा। कुछ लोग तो सूरज की ओर आंखें खोलकर देखने को ही विटामिन डी लेना मान लेते हैं। लेकिन यह सरासर गलतफहमी है।
डॉक्टर बताते हैं कि आंखों से विटामिन डी नहीं बनता। शरीर में यह सिर्फ तब बनता है जब त्वचा सीधे सूरज की रोशनी के संपर्क में आती है। इसलिए सिर से लेकर पांव तक खुद को कपड़ों में ढंककर सिर्फ चेहरे को धूप दिखाने से कोई फायदा नहीं होगा।
किन लोगों को ज्यादा ध्यान देना चाहिए?
- बुजुर्ग और महिलाएं: जिनकी हड्डियां उम्र के साथ कमजोर हो रही हों।
- शिशु और बच्चे: जिनकी हड्डियों का विकास हो रहा हो।
- ज्यादा समय घर या ऑफिस में बिताने वाले लोग: जैसे आईटी प्रोफेशनल्स या रिटायर्ड लोग।
- डार्क स्किन टोन वाले लोग: जिनकी त्वचा में अधिक मेलेनिन होने के कारण विटामिन डी उत्पादन कम होता है।

विटामिन डी की कमी से बचने के घरेलू उपाय
- रोज सुबह धूप लें – सबसे आसान और प्राकृतिक उपाय।
- विटामिन डी युक्त भोजन खाएं – जैसे मशरूम, अंडे की जर्दी, फोर्टिफाइड दूध।
- सप्लीमेंट डॉक्टर की सलाह से लें – जब कमी ज्यादा हो।