Sattu in summer : असली और नकली सत्तू की ऐसे करें पहचान, तरीका है बेहद आसान
गर्मियों में जब लू चलती है, पसीना बेहिसाब निकलता है और शरीर में एनर्जी कम हो जाती है, तब एक ठंडा-ठंडा सत्तू का शरबत न सिर्फ राहत देता है बल्कि शरीर को अंदर से पोषण भी देता है। सत्तू एक देसी सुपरफूड है जिसे भुने हुए चने को पीसकर तैयार किया जाता है। इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व शरीर को गर्मी में ठंडा बनाए रखते हैं।
लेकिन सवाल यह है कि क्या आप जो सत्तू बाजार से खरीद रहे हैं, वो असली है या नकली? क्योंकि आजकल मिलावटखोरी का खेल हर चीज में हो रहा है और सत्तू भी इससे अछूता नहीं है। नकली सत्तू न सिर्फ आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है बल्कि इसके नियमित सेवन से पेट की समस्याएं, अपच, एलर्जी और कमजोरी जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं।
तो आइए जानते हैं कि कैसे करें असली और नकली सत्तू की पहचान और कौन-से संकेत बताते हैं कि आपके हाथ में जो पाउडर है, वो वाकई सेहत का खजाना है या महज धोखा।

सत्तू क्यों है खास?
सत्तू की तासीर ठंडी होती है। यही वजह है कि गर्मियों में इसे रोजाना पीने की सलाह दी जाती है। यह शरीर को डीहाइड्रेशन से बचाता है, पाचन को सुधारता है, और मांसपेशियों को मज़बूती देता है। सुबह खाली पेट सत्तू का सेवन करने से दिनभर एनर्जी बनी रहती है।
सत्तू को आप कई तरह से अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं—शरबत के रूप में, पराठे या लड्डू बनाकर, या सीधे पानी में घोलकर नमक और नींबू के साथ।
असली और नकली सत्तू में अंतर कैसे करें?
1. गंध से करें पहचान
असली सत्तू से भुने हुए चनों की एक प्राकृतिक, मिट्टी जैसी हल्की-सी खुशबू आती है। अगर आपको पाउडर से कोई केमिकल जैसी गंध महसूस हो रही है या उसमें चनों की सोंधी खुशबू नहीं है, तो वह नकली या मिलावटी हो सकता है।
2. स्वाद पर करें ध्यान
असली सत्तू का स्वाद हल्का खट्टा-मीठा और मिट्टी जैसा होता है। नकली सत्तू में या तो स्वाद बिलकुल फीका होगा या फिर उसमें किसी बाहरी पदार्थ की मिलावट का स्वाद आ सकता है, जैसे चाक पाउडर या बेसन जैसी चीजें।
3. पानी में घोलकर देखें

थोड़ा-सा सत्तू पानी में डालें और देखें कि वह कैसे घुलता है। असली सत्तू पानी में डालते ही अच्छी तरह से मिक्स हो जाता है और कुछ ही समय में नीचे बैठ जाता है। नकली सत्तू पानी में घुलने के बजाय तैरता रहता है या झाग छोड़ता है।
4. रंग की जाँच करें
असली सत्तू का रंग हल्का भूरा होता है, जो भुने हुए चनों जैसा ही दिखता है। अगर सत्तू बहुत ज्यादा सफेद या पीला दिखे, तो समझ लीजिए उसमें मिलावट की गई है। कुछ दुकानदार बेसन या अन्य पाउडर मिलाकर इसका रंग हल्का करने की कोशिश करते हैं।
5. पैकेजिंग पर दें ध्यान
अगर आप पैकेट वाला सत्तू खरीद रहे हैं, तो उसका लेबल ज़रूर देखें। अच्छी कंपनी का नाम, मैन्युफैक्चरिंग डेट, एक्सपायरी डेट और एफएसएसएआई (FSSAI) नंबर जरूर चेक करें। बिना जानकारी वाले लोकल ब्रांड से सत्तू खरीदने से बचें।
घर का बना सत्तू है सबसे बेहतर
अगर आप शुद्धता को लेकर कोई समझौता नहीं करना चाहते तो सबसे अच्छा तरीका है घर पर ही सत्तू तैयार करना। इसके लिए आपको सिर्फ भुने हुए चने चाहिए। इन्हें मिक्सर में पीस लीजिए और छानकर किसी एयरटाइट डिब्बे में स्टोर कर लें। घर का बना सत्तू ताजा, शुद्ध और अधिक पौष्टिक होता है।

नकली सत्तू से होने वाले नुकसान
- पाचन संबंधी दिक्कतें: नकली सत्तू से गैस, एसिडिटी और अपच की समस्या हो सकती है।
- त्वचा की एलर्जी: केमिकल मिले हुए पाउडर से शरीर में एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं।
- कमजोरी: यदि शरीर को अपेक्षित पोषण न मिले तो थकान और कमजोरी बनी रहती है।
- गंभीर मामलों में फूड प्वाइजनिंग: कुछ नकली पाउडर तो स्वास्थ्य के लिए सीधे खतरनाक हो सकते हैं।
सत्तू खरीदते समय रखें ये बातें ध्यान:
- ब्रांडेड और विश्वसनीय उत्पाद ही खरीदें।
- बाजार में ढीले बिकने वाले सत्तू से बचें जब तक स्रोत पर भरोसा न हो।
- घर में इस्तेमाल से पहले सत्तू को सूंघें, स्वाद लें और एक बार पानी में घोलकर टेस्ट करें।
Be careful while buying Sattu in summer
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