Himachal में Monsoon Disaster: 13 दिनों में 63 मौतें 40 लापता और 400 करोड़ का नुकसान
हिमाचल प्रदेश में मानसून की कहर ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है पिछले 13 दिनों में राज्य में भारी बारिश के कारण 63 लोगों की मौत हो गई है जबकि 40 लोग अभी भी लापता है। इसके अलावा राज्य को लगभग 400 करोड़ रुपए नुकसान हुआ है।
मानसुन की मार ने राज्य के विभिन्न जिलों में व्यापक तबाही मचाई है। शिमला, मंडी, कुल्लू और कांगड़ा जैसे जिलों में सबसे अधिक नुक्सान हुआ है। कई जगहों पर भूस्खलन और बाढ़ के कारण सड़के और पुल टूट गए हैं, जिससे यातायात और संचार व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।
राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं और प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।
राहत और बचाव कार्य

राज्य सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य के लिए कई टीमों तैनात की है। इन टीमों में NDRF, SDRF और स्थानीय प्रशासन के सदस्य शामिल हैं। राहत सामग्री में खाने के पैकेट, पानी दवाएं और अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं।
आर्थिक नुकसान
मानसून की कहर ने राज्य की आर्थिक स्थिति पर भी असर डाला है। राज्य को लगभग 400 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है, जिसमें सड़के, पुल, स्कूल और अस्पताल जैसी सार्वजनिक संपत्तियों का नुकसान शामिल है। इसके अलावा, कई किसानों की फसलें भी नष्ट हो गई हैं।
भविष्य की योजनाएं
राज्य सरकार ने भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए कई योजनाओं बनाई है। इनमें सड़कों और पुलों का निर्माण, जल संसाधनों का प्रबंधन और आपदा प्रबंधन के लिए विशेष योजनाएं शामिल है।
हिमाचल प्रदेश में मानसून की कहर ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं हैं। भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए राज्य सरकार को और अधिक योजनाएं बनानी होगी और उन्हें लागू करना होगा।
जान-माल का भारी नुकसान

अब तक 109 लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज अस्तपालों में चल रहा है। 287 पशुओं की भी मौत हो गई है, जिससे गांवों की आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ा है। सड़कों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है, जिससे आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
6 जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने 6 जुलाई तक भारी बारिश की चेतवानी दी है। ऐसे में राहत और बचाव कार्यों में और मुश्किलों आ सकती है। सरकार और आपदा प्रबंधन टीमों सक्रिय है, खराब मौसम राहत कार्यों में बड़ी बाधा बन रहा है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहे और अनावश्यक यात्रा से बचे। इस मानसून सीजन की शुरुआत ने हिमाचल प्रदेश को गहरी चिंता में डाल दिया है।