महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद जारी है। इस बीच, विश्व हिंदू परिषद (VHP) के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में हुमायूं के मकबरे का निरीक्षण किया। संगठन ने कहा कि यह ऐतिहासिक संदर्भों का अध्ययन करने के लिए किया गया है। पढ़ें पूरी खबर।
औरंगजेब विवाद के बीच दिल्ली में हुमायूं के मकबरे का निरीक्षण, विश्व हिंदू परिषद ने दी सफाई
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद चल रहा है। इस बीच, विश्व हिंदू परिषद (VHP) के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को दिल्ली में हुमायूं के मकबरे का दौरा किया। यह कदम ऐसे समय में आया है जब हिंदू संगठनों द्वारा औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग तेज हो गई है। हालाँकि, वीएचपी ने इस दौरे को लेकर स्पष्ट किया कि इसका उद्देश्य केवल ऐतिहासिक तथ्यों का अध्ययन करना है और इसे किसी विवाद से जोड़कर न देखा जाए।
हुमायूं के मकबरे का अध्ययन करने पहुंची विश्व हिंदू परिषद
विश्व हिंदू परिषद की दिल्ली इकाई ने बयान जारी कर बताया कि उनके पदाधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने ऐतिहासिक संदर्भों का अध्ययन करने के लिए हुमायूं के मकबरे का निरीक्षण किया। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वीएचपी की दिल्ली इकाई के सचिव सुरेन्द्र गुप्ता ने किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस निरीक्षण को लेकर कोई विवादास्पद अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “हम दिल्ली प्रांत के ऐतिहासिक संदर्भ का अध्ययन कर रहे हैं और हमारा उद्देश्य विभिन्न कालखंडों के शासकों द्वारा किए गए योगदान और आवंटित भूमि का विश्लेषण करना है।”
बयान में आगे कहा गया कि विश्व हिंदू परिषद की टीम जल्द ही सफदरजंग के मकबरे का भी निरीक्षण करेगी। इसके बाद, पूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी।
औरंगजेब की कब्र को लेकर क्यों हो रहा विवाद?
महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आजमी के बयान के बाद यह विवाद बढ़ा। उन्होंने दावा किया कि “औरंगजेब कोई क्रूर शासक नहीं था, बल्कि उसके शासनकाल में भारत की जीडीपी 24% थी और देश सोने की चिड़िया था।” उनके इस बयान के बाद भारी विरोध हुआ और उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया।
इसके बाद, महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग तेज हो गई। कुछ हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि औरंगजेब ने हिंदुओं पर अत्याचार किए थे, इसलिए उसकी कब्र को सार्वजनिक स्थल से हटाया जाना चाहिए। इस मामले पर अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक निर्णय नहीं आया है, लेकिन यह मुद्दा लगातार चर्चा में बना हुआ है।
वीएचपी का मकसद और आगे की रणनीति
विश्व हिंदू परिषद ने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य “इतिहास से जुड़े तथ्यों को सामने लाना और ऐतिहासिक स्थलों की गहन जांच करना है।” संगठन ने स्पष्ट किया कि हुमायूं के मकबरे का अध्ययन किसी विवाद को जन्म देने के लिए नहीं किया गया, बल्कि ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को समझने के लिए किया गया है।