गर्मियों की शुरुआत और तापमान में लगातार बढ़ोतरी
मार्च का महीना खत्म होने को है और देश के कई हिस्सों में गर्मी ने अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है। उत्तर भारत में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है, वहीं ओडिशा में यह 40 डिग्री से भी अधिक दर्ज किया गया है। ऐसे में मौसम विभाग ने इस साल भीषण गर्मी पड़ने की आशंका जताई है और हीटवेव (लू) को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है।
🌞 कब लगती है हीटवेव?
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, हीटवेव तब लगती है जब:
मैदानी इलाकों में तापमान 40 डिग्री या उससे अधिक हो जाता है।
तटीय इलाकों में यह 37 डिग्री तक पहुंचता है।
पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान 30 डिग्री से अधिक दर्ज किया जाता है।
जब तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री अधिक हो जाए, तो इसे हीटवेव माना जाता है।
IMD का बड़ा अपडेट – इस बार दोगुनी गर्मी पड़ेगी!
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इस साल गर्मी के दिनों की संख्या बढ़ सकती है और हीटवेव की अवधि भी सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। IMD की वैज्ञानिक सोमा सेन रॉय के मुताबिक, आमतौर पर हीटवेव 5-6 दिनों तक चलती है, लेकिन इस बार पश्चिमी और मध्य भारत में 10-12 दिनों तक भीषण गर्मी पड़ सकती है, जो सामान्य से दोगुनी है।
देशभर में लू के मामलों में 15-20% तक इजाफा संभव
IMD के अलावा, काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (CEEW) ने भी चेतावनी दी है कि दिल्ली-एनसीआर सहित देशभर में लू वाले दिनों की संख्या में 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसे में लोगों को अधिक गर्मी के लिए तैयार रहने और जरूरी सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है।
लू से बचाव के लिए जरूरी सावधानियां
✔️ धूप में निकलने से बचें और अगर जरूरी हो तो सिर ढककर बाहर जाएं।
✔️ पानी और तरल पदार्थ ज्यादा मात्रा में लें ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।
✔️ हल्के और ढीले कपड़े पहनें जिससे शरीर का तापमान नियंत्रित रहे।
✔️ हीट स्ट्रोक के लक्षणों (चक्कर आना, सिरदर्द, अत्यधिक पसीना आना) पर ध्यान दें और तुरंत ठंडी जगह पर जाएं।
✔️ बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि वे अधिक संवेदनशील होते हैं।