तेजस्वी बोले- यह लालू जी की जीत है
Bihar Election : बिहार चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पूरे देश में जातिगत जनगणना कराने का ऐलान कर दिया है। बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, जिसे राजनीतिक गलियारों में एक मास्टरस्ट्रोक की तरह देखा जा रहा है। इस कदम को सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल माना जा रहा है।
क्या बोले केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “यह फैसला संविधान में सामाजिक संरचना को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।” उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से अब तक जाति आधारित जनगणना नहीं कराई गई थी। 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसे करवाने का आश्वासन जरूर दिया था, लेकिन उस पर अमल नहीं हुआ।
#WATCH दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए।" pic.twitter.com/VFD4uxXASQ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 30, 2025
वैष्णव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने जातिगत जनगणना के मुद्दे को सिर्फ अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया, लेकिन कभी इसे हकीकत में नहीं बदला।
तेजस्वी यादव ने बताया ‘लालू जी की जीत’
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इस फैसले को अपनी पार्टी की बड़ी जीत बताया। उन्होंने कहा, “यह लालू प्रसाद यादव की विचारधारा की जीत है। बिहार की महागठबंधन सरकार ने ही सबसे पहले जातिगत सर्वे कराया था। अब देशभर में यह लागू हो रहा है।” तेजस्वी ने आगे कहा कि अब अगली लड़ाई इस बात की होगी कि जातिगत आंकड़ों के आधार पर संसद और विधानसभाओं में पिछड़े और अति-पिछड़े वर्गों के लिए सीटें आरक्षित की जाएं।
नित्यानंद राय ने जताया आभार

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशहित में ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। इससे साबित होता है कि हमारी सरकार समाज के हर वर्ग के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।” उन्होंने यह भी कहा कि पिछली बार जब गरीबों को 10% आरक्षण दिया गया था, तब भी समाज में कोई तनाव नहीं फैला, बल्कि इस निर्णय को व्यापक समर्थन मिला।
लालू यादव का पुराना संघर्ष आया रंग
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने भी सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि जब वे जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, तब 1996-97 में संयुक्त मोर्चा की सरकार ने 2001 की जनगणना में जातिगत आंकड़े शामिल करने का निर्णय लिया था, लेकिन वाजपेयी सरकार ने इसे लागू नहीं किया।
उन्होंने आगे लिखा, “हमने 2011 में संसद में जमकर इस मुद्दे को उठाया। मुलायम सिंह, शरद यादव और मैंने संसद को कई दिन ठप किया। तब जाकर मनमोहन सिंह सरकार ने सामाजिक-आर्थिक सर्वे का आश्वासन दिया। बिहार में हमारी 17 महीने की सरकार ने पहली बार जातिगत सर्वे कराया।”
लालू यादव ने कटाक्ष करते हुए कहा, “हम जो मुद्दे 30 साल पहले उठाते हैं, संघी और भाजपा आज जाकर उन्हें अपनाते हैं। हमें जातिवादी कहने वालों को अब करारा जवाब मिल गया है।”
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