गिप्पी ग्रेवाल की फिल्म पर विवाद, सिख संगठनों ने जताया कड़ा विरोध
गायक और अभिनेता गिप्पी ग्रेवाल की बहुचर्चित पंजाबी फिल्म ‘अकाल: द अनकॉन्क्वेर्ड’ रिलीज के साथ ही विवादों में घिर गई है। फिल्म 10 अप्रैल को सिनेमाघरों में आई, लेकिन इसके अगले ही दिन पटियाला में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। विरोध कर रहे सिख संगठनों का कहना है कि फिल्म में सिख किरदारों को अनुचित रूप में दिखाया गया है, जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है।
बाबा बख्शीश सिंह ने जताई आपत्ति, हिरासत में लिया गया
पटियाला में फिल्म का विरोध कर रहे बाबा बख्शीश सिंह को पुलिस ने हिरासत में लिया है। बाबा बख्शीश सिंह और उनकी समिति लंबे समय से ऐसे कंटेंट का विरोध करते आए हैं, जिसमें सिख समुदाय की मर्यादा और पहचान से छेड़छाड़ की जाती है।
उनका आरोप है कि फिल्म में सिख किरदारों को शराब पीते, तंबाकू खाते और बिना बालों के यानी ‘मुंडित’ रूप में दिखाया गया है, जो सिख रीति-रिवाजों के विरुद्ध है।
सिख इतिहास से जुड़े योद्धाओं को गरिमा से पेश करने की मांग
बाबा बख्शीश सिंह ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यदि फिल्म हरि सिंह नलुआ या जस्सा सिंह आहलूवालिया जैसे महान सिख योद्धाओं पर आधारित है, तो उनकी भूमिका निभाने वाले कलाकारों को पूरे सम्मान और श्रद्धा के साथ पेश किया जाना चाहिए।
उन्होंने साफ किया कि सिख संस्कृति और इतिहास को किसी भी सूरत में व्यावसायिक फायदे के लिए बदनाम नहीं किया जा सकता।
सरकार और फिल्मकारों पर लगाए गंभीर आरोप
बाबा बख्शीश सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार और प्रशासन ऐसे फिल्मकारों का मूक समर्थन कर रहे हैं जो सिख इतिहास को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “आज जैसे मंचों पर देवी-देवताओं का अपमान हो रहा है, कल यही हाल सिख वीरों के साथ होगा। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
विरोध में लिखे गए 150 पत्र, फिर भी नहीं हुआ समाधान
बाबा बख्शीश सिंह ने बताया कि उनके संगठन ने फिल्म के कलाकारों और निर्माताओं को अब तक 150 से अधिक पत्र लिखे हैं, जिनमें सिख किरदारों को लेकर संवेदनशीलता बरतने की अपील की गई थी।
इसके बावजूद बार-बार ऐसे विषयों पर फिल्में बनाकर विवाद को जानबूझकर उकसाया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि सिर्फ पैसा कमाने के लिए लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
फिल्म को लेकर सिख संगठनों में नाराजगी, मांग उठी बैन की
पटियाला के अलावा पंजाब के कई हिस्सों में सिख संगठनों ने फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन और बैन की मांग की है। सोशल मीडिया पर भी यह विवाद जोर पकड़ रहा है, और लोग फिल्म को सेंसर बोर्ड द्वारा दोबारा समीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं।