म्यांमार में भूकंप से हड़कंप, बैंकॉक तक महसूस हुए झटके
म्यांमार में शुक्रवार को तेज भूकंप के झटकों से अफरा-तफरी मच गई। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.5 मापी गई। इस झटके की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक तक कंपन महसूस किए गए।
भूकंप का केंद्र और गहराई
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र में था और यह 10 किलोमीटर की गहराई में आया। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) ने भी इसकी पुष्टि की है। हालाँकि, म्यांमार सरकार की ओर से अभी तक किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं दी गई है।
रनवे पर यात्रियों ने बचाई जान
खौफ में रनवे पर ही बैठ गए यात्री, म्यांमार में 7.5 तीव्रता का भूकंप! #Earthquake #MyanmarEarthquake #BreakingNews #EarthquakeAlert #NaturalDisaster #PrayForMyanmar #SeismicActivity #DisasterResponse #StaySafe #EarthquakeUpdate #Geology #TsunamiWarning #Emergency #GlobalNews pic.twitter.com/z0dp2hHc1j
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भूकंप के झटकों के कारण कई इलाकों में दहशत फैल गई। बैंकॉक के एक एयरपोर्ट पर यात्रियों ने डर के कारण रनवे पर ही बैठकर खुद को बचाने की कोशिश की। सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं।
भारत के कई राज्यों में भी महसूस हुए झटके
थाईलैंड में भूकंप के तेज झटकों के बाद भारत के कोलकाता और इंफाल में भी कंपन महसूस किए गए। इंफाल के थंगल बाजार में लोग दहशत में घरों और दुकानों से बाहर निकल आए। हालांकि, अभी तक किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।
पीएम मोदी ने जताई चिंता, भारत देगा हरसंभव मदद
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने लिखा, “म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति को लेकर चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा और खुशहाली के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हरसंभव सहायता देने के लिए तैयार है।” पीएम मोदी ने अधिकारियों को सतर्क रहने और विदेश मंत्रालय को दोनों देशों की सरकारों से संपर्क में रहने का निर्देश दिया है।
भूकंप से बचाव के लिए क्या करें?
- भूकंप के समय खुले स्थानों में चले जाएं।
- इमारतों के दरवाजों और खिड़कियों से दूर रहें।
- लिफ्ट का इस्तेमाल करने से बचें।
- घर या ऑफिस में मजबूत टेबल के नीचे छिपें।
म्यांमार और आसपास के देशों में लगातार भूकंप की घटनाएं दर्ज की जा रही हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील है और भविष्य में भी यहां तेज झटके महसूस किए जा सकते हैं।