भूकंप से सुरक्षा के लिए भारत सरकार के उठाए कदम, जानिए पूरी जानकारी
लगातार आ रहे भूकंप और भारत की तैयारियां
हाल के दिनों में दुनिया के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई, वहीं भारत में भी नवंबर 2024 से फरवरी 2025 तक 159 भूकंप दर्ज किए गए हैं। इनमें दिल्ली में 4.0 तीव्रता का झटका भी शामिल है। भारत का लगभग 59% हिस्सा भूकंप के प्रति संवेदनशील है, इसलिए सरकार लगातार आपदा से बचाव के लिए कदम उठा रही है।
भारत में आए कुछ विनाशकारी भूकंप
भारत के इतिहास में कई बड़े भूकंप आए हैं, जिन्होंने जान-माल का भारी नुकसान किया।
- 1905 (कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश): 8.0 तीव्रता का भूकंप, 19,800 लोगों की मौत।
- 1993 (लातूर, महाराष्ट्र): 6.2 तीव्रता, 9,000 से अधिक मौतें।
- 2001 (भुज, गुजरात): 7.9 तीव्रता, 12,932 मौतें, 890 गांव तबाह।
- 2005 (कश्मीर): 7.6 तीव्रता, हजारों मौतें।
भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है, इसलिए भारत सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं और पहल शुरू की हैं।
भूकंप सुरक्षा के लिए सरकार की पहल
1. भूकंपीय वेधशालाओं की संख्या बढ़ाई
2014 में भारत में 80 भूकंप मापने वाली वेधशालाएं थीं, जिन्हें फरवरी 2025 तक बढ़ाकर 168 कर दिया गया है। इससे भूकंप की सटीक निगरानी और चेतावनी प्रणाली को मजबूत किया जा रहा है।
2. भूकंप सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम
मार्च 2025 में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने दूरदर्शन पर “आपदा का सामना” नामक कार्यक्रम शुरू किया, जिसमें लोगों को भूकंप से बचाव की जानकारी दी जाती है।
3. बिल्डिंग कोड को सख्ती से लागू किया गया
सरकार ने बिल्डिंग कोड में संशोधन कर भूकंप-रोधी निर्माण को अनिवार्य किया है। विशेष रूप से हिमालयी क्षेत्र में मजबूत इमारतों का निर्माण सुनिश्चित किया जा रहा है।
4. भूकंप चेतावनी प्रणाली (EEW)
हिमालयी क्षेत्र में एक उन्नत भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली स्थापित करने पर शोध चल रहा है।
5. 10-सूत्रीय आपदा प्रबंधन योजना
2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपदा से बचाव के लिए 10-सूत्रीय योजना बनाई थी, जिसका लक्ष्य 2047 तक भारत को आपदा-रोधी बनाना है।
6. ‘भूकैम्प’ ऐप का लॉन्च
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने “भूकैम्प” ऐप विकसित किया है, जो भूकंप की रियल-टाइम जानकारी देता है और नागरिकों को सतर्क करता है।
आपदा प्रबंधन में प्रमुख सरकारी एजेंसियों की भूमिका
1. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF)
NDRF की 16 बटालियनें देशभर में तैनात हैं और यह प्राकृतिक आपदाओं में राहत एवं बचाव कार्य करती हैं।
2. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS)
1898 से कार्यरत यह संगठन पूरे देश में भूकंप की गतिविधियों पर नजर रखता है और पूर्व चेतावनी प्रणाली पर शोध करता है।
3. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA)
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित यह संस्था आपदा प्रबंधन नीतियां निर्धारित करती है और आपातकालीन प्रतिक्रिया योजनाएं बनाती है।
4. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM)
यह संस्थान आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में काम करता है, जिससे नागरिकों और अधिकारियों को आपात स्थितियों से निपटने की तैयारी कराई जाती है।
सरकार के अन्य प्रयास
- भूकंप जोखिम इंडेक्सिंग (EDRI): NDMA ने भारत के 50 शहरों में भूकंप के खतरों का विश्लेषण किया है, जिससे उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान की जा सके।
- बीमा योजना: भूकंप से होने वाले नुकसान के लिए बीमा योजनाएं बनाई जा रही हैं, जिससे प्रभावित लोगों को राहत मिल सके।
- भूकंप सुरक्षा दिशा-निर्देश: गृह मंत्रालय द्वारा 2019 और 2021 में नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जो घरों को भूकंप-रोधी बनाने में मदद करते हैं।
निष्कर्ष
भारत सरकार भूकंप से बचाव के लिए व्यापक स्तर पर कार्य कर रही है। लोगों को सतर्क और जागरूक रहना जरूरी है ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में नुकसान कम से कम हो। सरकार की योजनाएं और तकनीकी उपायों के साथ नागरिकों की तैयारी से ही भूकंप जैसी आपदाओं का प्रभाव कम किया जा सकता है।