Goa Weather Romantic But Flights Too Expensive! गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने केंद्र सरकार से दखल की मांग करने का फैसला लिया है।
पिक टूरिस्ट सीजन के दौरान गोवा जाने वाले फ्लाइट्स के वन- वे टिकट की कीमतें रु 15,000 से रु 20,000 तक पहुंच जाती है। यह किराया कई बार थाईलैंड या दुबई जैसे अंतर्राष्ट्रीय डेस्टिनेशंस से भी ज्यादा होता है, जिससे पर्यटकों का बजट बिगड़ जाता है।
पणजी : भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शुमार गोवा इन दिनों पर्यटकों से गुलज़ार है। देश और विदेश दोनों ही जगहों से बड़ी संख्या में टूरिस्ट यहां पहुंच रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, होटलों की बुकिंग 80 से 90 प्रतिशत तक फुल हो चुकी है। विदेशी पर्यटको की संख्या में 8.65% की वृद्धि हुई है।
हालांकि इस तेजी के बीच एक बड़ी चुनौती सामने आई है – और वह है फ्लाइट टिकटों की बढ़ती कीमतें। पहले जहां दिल्ली से गोवा का हवाई टिकट्स ₹2,500 से 3,000 में आसानी से मिल जाता था, अब वही टिकट दोगुनी या उससे ज्यादा कीमत पर बिक रहा है।
अंतरास्ट्रीय पर्यटकों के लिए भी विदेशों से गोवा आने वाली फ्लाइट्स का किराया बेहद महंगा हो गया है। खासकर पिक सीजन में टिकट रेट्स में यह उछाल आम बात होती जा रही है, जो टूरिज्म सेक्टर की ग्रोथ में बांधा बन सकता है।

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने फ्लाइट टिकटों की बढ़ती कीमतों को गंभीर समस्या बताते हुए केंद्र सरकार को पत्र लिखने की बात कही है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि टूरिज्म के पिक सीज़न में गोवा आने वाली फ्लाइट्स के किराए इतने ज्यादा हो जाते हैं कि कई बार वे विदेश यात्रा से भी ज्यादा महंगे पड़ते हैं। मुख्यमंत्री सावंत का कहना है कि बढ़ते हवाई किराए का सीधा असर राज्य के पर्यटन उद्योग पर पड़ रहा है। उन्होंने इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष रखने की बात कही है ताकि कोई व्यवहारिक समाधान निकाला जा सके और गोवा में आने वाले पर्यटकों को राहत मिल सके।
हवाई किराए ने बढ़ाई पर्यटकों की चिंता
पर्यटन सीजन में गोवा जाने वाले यात्रियों के लिए हवाई टिकट अब जेब पर भारी पड़ने लगे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिक सीज़न के दौरान गोवा की एकतरफा फ्लाइट का किराया ₹15,000 से ₹ 20,000 तक पहुंच जाता है, जो कि कई बार थाईलैंड या दुबई जैसे अंतर्राष्ट्रीय डेस्टिनेशनों से भी ज्यादा होता है।
इस पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि वे जल्द ही इस मामले को नागरिक उड्डयन मंत्रालय के समक्ष उठाएंगे। उन्होंने मांग की है कि पर्यटन के व्यस्त समय में हवाई किरायों को नियंत्रित करने के लिए उचित नीति या तंत्र तैयार किया जाए, ताकि गोवा आने वाले पर्यटकों को राहत मिल सके और राज्य का पर्यटन प्रभावित न हो।
मानसून में भी गोवा टूरिज्म पर नहीं पड़ा असर, सीजन आफ होते हुए भी सैलानियों की भीड़
जबकि देश के कई हिस्सों में मानसून का प्रभाव देखने को मिल रहा है और पर्यटक गतिविधियों धीमी पड़ गई है, वहीं गोवा के बीच और पर्यटनों अस्थल अब भी रौनक से भरे हुए हैं।
मौजूदा समय को आमतौर पर ऑफ – सीजन माना जाता है, फिर भी होटलों की बुकिंग 80 से 90 प्रतिशत तक भरी हुई।
आकंड़ा के अनुसार, घरेलू पर्यटकों की संख्या में पिछले साल मई की तुलना में इस वर्ष 7% की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं, विदेशों सैलानियों की आमद में 47.55% का ऐतिहासिक इजाफा हुआ है, जो गोवा के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
यह ट्रेंड दर्शाता है कि गोवा अब केवल समर या विंटर डेस्टिनेशन नहीं रहा, बल्कि बारिश के मौसम में भी लोगों के बीच इसकी लोकप्रियता बनी हुई है।
गोवा में पर्यटनों को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए सरकार के ठोस कदम
गोवा सरकार ने राज्य के पर्यटन क्षेत्र को अधिक संगठित, सुरक्षित और पर्यटक – अनुकूल बनाने के लिए बीते समय में कई बड़े फैसले लिए हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य न केवल पर्यटकों का अनुभव बेहतर बनाना है, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था में पर्यटनों के योगदान को भी बढ़ावा देना है।

सिंगल विंडो रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू
अब सभी विला और होम – स्टे यूनिट्स को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पंजीकृत किया जा रहा है। पंजीकरण प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए केवल 5 अनुमतियों की आवश्यकता रखी गई है, जिससे पर्यटन व्यायसायियो को आसानी हो।
महिला पर्यटकों की सुरक्षा के लिए ‘ पिंक फोर्स ‘
महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष पिंक यूनिफार्म वाली महिला सुरक्षा टीम तैयार की गई है। किसी भी आपात स्थिति में यह टीम महज 5मिनट के अंदर घटनास्थल पर पहुंच जाती है।
कैंपिंग और खुले में खाना पकाने पर सख्ती
राज्य में अनियंत्रित कैंपिंग और खुले में कुकिंग गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए सरकार ने अब सीमा पर ही ऐसे पर्यटकों को रोकने का निर्देश दिया है, जो बाहर से कैंपिंग और कुकिंग गियर लेकर आते हैं।
स्वच्छता पर 400 करोड़ रूपये का विशेष फंड
पर्यटन स्थलों की सफाई और कचरा प्रबंधन को ले कर सरकार ने 400 करोड़ रूपये का विशेष बजट तय किया है। इस पहल का लक्ष्य पर्यटन स्थलों को स्वच्छ और पर्यावरण – अनुकूल बनाना है।
डांस बार बंद, कैसिनो पर सख्त निगरानी
राज्यभर में डांस बारों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा, गोवा के समुद्री क्षेत्र और फाइव स्टार होटलों में मौजूद कुल 12 कैसिनो पर अब कड़ी निगरानी रखी जा रही है और सिर्फ मैकेनाइल्ड गेम्स को ही अनुमति दी गई है।
AI टेक्नोलॉजी से स्मार्ट टूरिज्म को बढ़ावा
गोवा सरकार ने पर्यटन को डिजिटल और स्मार्ट बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाना शुरू कर दिया है। इससे पर्यटकों को सेवाएं ओर भी अधिक आसान व इंटरेक्टिव मिल सकेंगी।

पर्यटन में बढ़ती संभावनाएं, लेकिन टिकट की कीमत बनी चिंता
जहां एक ओर गोवा सरकार बुनियादी ढांचे, सुरक्षा और सुविधाएं को लगातार अपग्रेड कर रही है, वही दूसरी ओर हवाई यात्रा की महंगी होती लागत मध्यवर्गीय पर्यटकों के लिए एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इस मुद्दे को केंद्र के सामने रखने की बात कही है और आशा जताई है कि हवाई किरायों में स्थिरता लाने के लिए कोई ठोस कदम जरूर उठाया जाएगा।
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