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Monday, July 7, 2025

अंडा और जूस बेचने वालों को इनकम टैक्स का नोटिस, करोड़ों की देनदारी से हड़कंप

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Income tax notice to sellers of eggs and juice, panic due to liability of crores

अंडा और जूस बेचने वालों को इनकम टैक्स का नोटिस

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में अंडा और जूस बेचने वाले दो व्यक्तियों को इनकम टैक्स विभाग की ओर से बड़ा झटका लगा है। विभाग ने एक को 6 करोड़ और दूसरे को 7.79 करोड़ रुपये का बकाया चुकाने का नोटिस भेजा है। इस खबर ने व्यापारियों के बीच चिंता बढ़ा दी है। खास बात यह है कि इन दोनों छोटे व्यापारियों को खुद अंदाजा नहीं कि उन पर इतनी बड़ी रकम का बकाया क्यों लगाया गया है।

दमोह के प्रिंस सुमन को 6 करोड़ रुपये का नोटिस

मध्य प्रदेश के दमोह जिले में रहने वाले प्रिंस सुमन को इनकम टैक्स विभाग ने 50 करोड़ रुपये के कारोबार से जुड़ा नोटिस भेजा है। इसमें कहा गया है कि उनके ऊपर 6 करोड़ रुपये का जीएसटी बकाया है। साथ ही, विभाग ने उनसे 50 करोड़ के लेनदेन से संबंधित दस्तावेज भी मांगे हैं।

हैरानी की बात यह है कि प्रिंस सुमन के नाम से दिल्ली के स्टेट जोन 3 के वार्ड 33 में “प्रिंस एंटरप्राइजेज” नाम की एक कंपनी रजिस्टर्ड है। यह कंपनी लकड़ी, चमड़ा और लोहे के व्यापार से जुड़ी हुई बताई जा रही है। आयकर विभाग के मुताबिक, इस कंपनी के नाम पर पिछले दो वर्षों में बड़े पैमाने पर लेनदेन किया गया है। हालांकि, प्रिंस सुमन का कहना है कि उन्हें इस कंपनी की कोई जानकारी नहीं है और वह केवल अंडे बेचकर अपना गुजारा करते हैं।

अलीगढ़ में जूस बेचने वाले मोहम्मद रहीस को 7.79 करोड़ का नोटिस

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में जूस बेचने वाले मोहम्मद रहीस को भी इनकम टैक्स विभाग ने 7.79 करोड़ रुपये के बकाए का नोटिस भेजा है। रहीस का कहना है कि इस नोटिस से उनका पूरा परिवार परेशान हो गया है क्योंकि उन्होंने इतनी बड़ी रकम न तो कमाई है और न ही उन्होंने इतने पैसे कभी देखे हैं।

रहीस अलीगढ़ के बन्ना देवी थाना क्षेत्र के तार वाली गली में रहते हैं। जब उन्होंने आयकर विभाग से इस मामले में संपर्क किया, तो अधिकारियों ने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने अपने निजी दस्तावेज किसी को दिए थे। रहीस ने इस सवाल पर साफ इनकार कर दिया।

व्यापारियों में डर का माहौल

इस घटना के सामने आने के बाद छोटे व्यापारियों के बीच डर का माहौल बन गया है। कई लोगों को अब यह चिंता सता रही है कि कहीं उनके नाम पर भी कोई फर्जीवाड़ा न हो जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के मामलों में साइबर अपराधी किसी के भी पैन कार्ड और आधार कार्ड का दुरुपयोग कर सकते हैं, जिससे निर्दोष लोगों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है।

जांच की मांग, पीड़ितों को न्याय मिलेगा?

प्रिंस सुमन और मोहम्मद रहीस दोनों ने सरकार और आयकर विभाग से इस मामले की गहन जांच कराने की मांग की है। यदि यह किसी प्रकार की साइबर धोखाधड़ी का मामला है, तो असली अपराधियों को पकड़ने की जरूरत है ताकि निर्दोष लोग किसी परेशानी में न पड़ें।

निष्कर्ष

यह मामला छोटे व्यापारियों के लिए एक बड़ी चेतावनी है। अगर कोई भी व्यक्ति अपने दस्तावेज दूसरों को उपलब्ध कराता है या किसी अनजान स्रोत पर साझा करता है, तो उसके नाम पर फर्जीवाड़ा होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में जरूरी है कि सभी लोग अपने दस्तावेजों को सुरक्षित रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें।


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