इलाहाबाद हाईकोर्ट में राहुल गांधी की नागरिकता का मामला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता को लेकर विवाद फिर गरमा गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल को तय की है। अदालत ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को चार हफ्तों के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
क्या है मामला?
राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से जुड़े कर्नाटक के वकील एस विग्नेश शिशिर ने याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उनके पास ब्रिटिश सरकार के 2022 के गोपनीय ईमेल और अन्य दस्तावेज हैं, जो कथित रूप से राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता को साबित करते हैं। उन्होंने अदालत से मांग की कि भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 9(2) के तहत राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को रद्द किया जाए।
गृह मंत्रालय को चार हफ्तों का समय
गृह मंत्रालय ने इस मामले में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए आठ हफ्तों का समय मांगा था, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज करते हुए केवल चार हफ्तों का समय दिया। याचिका में यह भी कहा गया है कि यदि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं, तो संविधान के अनुच्छेद 84(ए) के तहत वह भारत में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं।
राहुल गांधी का लोकसभा चुनाव और विवाद
राहुल गांधी ने 2024 में रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। इससे पहले वे अमेठी से चुनाव लड़ते रहे थे, लेकिन 2019 में वहां से हार गए थे। अब, उनकी नागरिकता पर उठे इस विवाद के चलते उनकी सांसदी पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
क्या होगा आगे?
यदि अदालत को याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों में दम नजर आता है, तो राहुल गांधी की नागरिकता पर गहन जांच हो सकती है। यदि उनकी ब्रिटिश नागरिकता साबित होती है, तो उनके सांसद बने रहने पर भी सवाल उठ सकता है।