प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ की जांच के लिए गठित आयोग ने आम जनता से साक्ष्य मांगे हैं। तस्वीरें और वीडियो इस नंबर और ईमेल पर भेज सकते हैं। अधिक जानकारी यहां पढ़ें।
महाकुंभ भगदड़ की जांच में जुटा आयोग, जनता से मांगे गए साक्ष्य
प्रयागराज महाकुंभ में 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या के अवसर पर हुई भगदड़ की घटना की जांच के लिए गठित न्यायिक जांच आयोग ने आम जनता से साक्ष्य उपलब्ध कराने की अपील की है। आयोग ने इस संबंध में ईमेल आईडी और व्हाट्सएप नंबर जारी किया है, जहां लोग घटना से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो भेज सकते हैं।
आयोग ने जनता से मांगे वीडियो और शपथ पत्र
न्यायिक जांच आयोग के सचिव संतोष कुमार सिंह ने जानकारी दी कि महाकुंभ में हुई भगदड़ की जांच के लिए आयोग सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए निष्पक्ष जांच करेगा। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति के पास घटना से संबंधित कोई वीडियो, फोटो, शपथ पत्र या अन्य साक्ष्य हैं, तो वह इसे आयोग को उपलब्ध करा सकता है।
साक्ष्य भेजने के लिए निम्नलिखित माध्यम उपलब्ध कराए गए हैं:
- ईमेल आईडी: mahakumbhcommission@gmail.com
- व्हाट्सएप नंबर: 9454400596
- डाक पते के माध्यम से: हजरतगंज के जनपथ सचिवालय, कमरा नंबर 108, लखनऊ
इसके अलावा, अधिक जानकारी या सहायता के लिए लोग फोन नंबर 0522-2613568 पर भी संपर्क कर सकते हैं।
हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में हो रही जांच
राज्य सरकार ने महाकुंभ भगदड़ मामले की गहन जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हर्ष कुमार की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। इस आयोग में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी वीके गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी दिनेश कुमार सिंह को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
क्या हुआ था मौनी अमावस्या पर?
महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर करोड़ों श्रद्धालु संगम में स्नान के लिए पहुंचे थे। भीड़ अत्यधिक बढ़ जाने के कारण कई स्थानों पर अव्यवस्था फैल गई, जिसके कारण भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में कई श्रद्धालुओं की जान चली गई, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए।
न्यायिक जांच से उम्मीदें
इस घटना के पीछे की सच्चाई जानने और दोषियों की पहचान करने के लिए गठित यह आयोग सभी जरूरी सबूतों की जांच करेगा। आयोग को उम्मीद है कि लोग आगे आकर साक्ष्य देंगे, जिससे सही जानकारी सामने आ सके और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।