Operation Sindoor: के बाद दिल्ली में हलचल, पीएम मोदी से मिलने पहुंचे डोभाल
भारत की ओर से किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद कूटनीतिक गतिविधियों में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है। बुधवार को देशभर में इस स्ट्राइक की गूंज थी और गुरुवार को राजधानी दिल्ली में अहम घटनाक्रम हुआ। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने उनके आवास पहुंचे। दोनों के बीच लगभग 50 मिनट तक बंद कमरे में बातचीत हुई, जिसने राजनीतिक और कूटनीतिक हलकों में हलचल मचा दी।
सेना ने पूरा किया अपना काम, अब डिप्लोमेसी का मोर्चा संभाल रहे हैं डोभाल और जयशंकर
सेना ने अपनी कार्रवाई पूरी कर दी है, और अब यह जिम्मेदारी भारत की कूटनीतिक टीम के कंधों पर है। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और एनएसए डोभाल इस मोर्चे पर बेहद सक्रिय हैं। भारत अब दुनिया के सामने ऑपरेशन सिंदूर की वैधता और आतंकवाद के खिलाफ अपनी स्थिति को मजबूती से रख रहा है। इसके लिए दोनों नेता लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों और देशों से संवाद कर रहे हैं।
50 मिनट की बंद कमरे की बैठक में क्या हुआ?
एनएसए डोभाल और पीएम मोदी के बीच हुई इस गोपनीय बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा हुई, यह तो आधिकारिक रूप से सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक इसमें तीन प्रमुख विषय शामिल रहे:
- ऑपरेशन सिंदूर के इंटेलिजेंस इनपुट्स की समीक्षा
- पाकिस्तान के संभावित रिएक्शन को लेकर रणनीति
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की कूटनीतिक प्रस्तुति
डोभाल ने प्रधानमंत्री को ऑपरेशन से पहले और बाद की गतिविधियों का पूरा ब्यौरा दिया। बताया गया है कि इस मीटिंग में पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे दुष्प्रचार और फर्जी नैरेटिव्स पर भी गंभीर चर्चा हुई।
विपक्ष को दी गई जानकारी, पूरे देश में एकजुटता का माहौल
जिस वक्त पीएम और डोभाल की बैठक चल रही थी, उसी दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह विपक्षी नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक कर रहे थे। इसमें ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी जानकारी साझा की गई और सभी राजनीतिक दलों ने भारत की इस सैन्य कार्रवाई पर एकजुटता दिखाई। ऐसे वक्त में सियासी मतभेद भुलाकर देशहित को प्राथमिकता दी गई।
पाकिस्तान का विक्टिम कार्ड फेल, झूठ पर दुनिया में फजीहत
पाकिस्तान अब खुद को ‘पीड़ित’ दिखाने की कोशिश कर रहा है। वहां के मंत्री विदेशी मीडिया चैनलों पर जाकर झूठी कहानियां गढ़ रहे हैं, लेकिन उनकी कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं। इंटरव्यू के दौरान कई अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों ने पाकिस्तान के दावों को कटघरे में खड़ा किया और तथ्यात्मक रूप से उन्हें गलत सिद्ध किया। भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य केवल आतंकियों को खत्म करना था, न कि आम नागरिकों या सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना।
कूटनीतिक मोर्चे पर भारत को मिल रही सफलता
भारत ने जिस तरह संयम और स्पष्टता के साथ ऑपरेशन सिंदूर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किया है, उससे कई देश भारत के समर्थन में खड़े हो गए हैं। भारत की कूटनीति का असर यह हुआ है कि अब पाकिस्तान की बात को वैश्विक स्तर पर गंभीरता से नहीं लिया जा रहा।
इस पूरे घटनाक्रम में डोभाल की रणनीति और जयशंकर की डिप्लोमेसी एक अहम भूमिका निभा रही है। आने वाले दिनों में भारत अपनी स्थिति और मजबूत करने की ओर अग्रसर दिखाई दे रहा है।
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Source – Ndtv
Written by – Pankaj Chaudhary