कर्नाटक के मंत्री का विवादित बयान: “आतंकवादियों ने धर्म नहीं पूछा होगा”
Pahalgam Attack : कर्नाटक के आबकारी मंत्री आरबी तिम्मापुर ने पहलगाम हमले को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिसने सियासी गलियारों में गर्मी ला दी है। मंत्री ने कहा कि आतंकवादी गोली मारते समय किसी का धर्म या जाति नहीं पूछते। उनके मुताबिक, आतंकी बस हमला करते हैं और आगे बढ़ जाते हैं।
आरबी तिम्मापुर ने मीडिया से बातचीत में कहा, “जो व्यक्ति गोली चला रहा है, क्या वह जाति या धर्म पूछेगा? वह बस गोली चलाकर चला जाएगा।” उन्होंने आगे कहा कि इस जघन्य हमले को धार्मिक मुद्दा बनाने की साजिश की जा रही है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
सिद्धारमैया के बयान के बाद अब तिम्मापुर का बयान चर्चा में
गौरतलब है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध के विकल्प को खारिज किया था। अब उनके मंत्री के बयान ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। तिम्मापुर का कहना है कि देश इस हमले से आहत है और अब इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश हो रही है।
उन्होंने कहा, “अगर आतंकियों ने धर्म पूछा होता, तो आज इस तरह के बयानों का राजनीतिकरण नहीं होता।”
परिवारों का दावा: हिंदू पहचान पर मारे गए लोग
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकवादियों ने हमला कर दिया था। इस हमले में 25 पर्यटक और एक कश्मीरी टट्टू चालक मारे गए। कई पीड़ित परिवारों का दावा है कि आतंकवादी पहले लोगों से उनका धर्म पूछते थे। जिन्होंने खुद को हिंदू बताया, उन्हें गोली मार दी गई।
यह बयान घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ितों के परिवारों के बयानों के विपरीत प्रतीत होता है, जिससे तिम्मापुर की टिप्पणी पर सवाल उठने लगे हैं।
बीजेपी ने कर्नाटक सरकार पर साधा निशाना
कर्नाटक के मंत्री के बयान के बाद बीजेपी हमलावर हो गई है। बीजेपी प्रवक्ता सीआर केसवन ने तिम्मापुर की टिप्पणी को “बर्बर और दुष्ट” बताया। उन्होंने कहा, “कर्नाटक कांग्रेस के मंत्री ने शोक संतप्त परिवारों की निष्ठा का अपमान किया है और पहलगाम हमले में शहीद हुए पीड़ितों के बलिदान को तुच्छ किया है।”
केसवन ने कांग्रेस सरकार पर भी तीखा हमला करते हुए कहा कि “यह बयान कांग्रेस की सोच को उजागर करता है, जो आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट रुख अपनाने में असफल रही है।”
पहलगाम हमला: एक भयावह घटना जिसने झकझोर दिया देश को
यह हमला न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे देश को झकझोरने वाला था। जब निर्दोष पर्यटकों और स्थानीय लोगों को धार्मिक आधार पर निशाना बनाया गया, तो देश भर में आक्रोश फैल गया। अब इस पर नेताओं के बयानों ने इस दर्द को और गहरा कर दिया है।
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