कश्मीर की वादियों में गूंजा मातम का सन्नाटा
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवाई। इसी कड़ी में एक नाम जो सबसे ज्यादा चर्चा में है, वह है सैयद आदिल हुसैन शाह का—एक सच्चा कश्मीरी, जिसने न केवल अपनी रोज़ी-रोटी के लिए मेहनत की, बल्कि आतंकियों के सामने भी सीना तानकर खड़ा हो गया।
‘हमारे भाई भी शहीद हुए हैं, हम उनके लिए भी रो रहे हैं’
सैयद आदिल की चाची, खांदा परवीन, कांपती आवाज़ में कहती हैं, “केवल इंसान नहीं मरे हैं, आज कश्मीरियत मरी है।” उन्होंने भावुक होते हुए बताया कि किस तरह से आदिल ने आखिरी क्षणों तक हिम्मत नहीं हारी और निहत्थे पर्यटकों की जान बचाने की कोशिश की। आदिल, जो एक टट्टू घोड़े पर पर्यटकों को घुमाया करता था, परिवार का इकलौता सहारा था।
‘आदिल ने आतंकियों से कहा—इन निहत्थों पर गोली न चलाओ’
परवीन ने खुलासा किया कि आदिल ने एक आतंकी को रोकने की कोशिश की थी। “उसने उस बंदे को पकड़ लिया कि इन निहत्थों पर गोली नहीं चलाओ, लेकिन उन्होंने उसी पर बंदूक तान दी,” परवीन ने कहा। यह एक ऐसा दृश्य था जिसने पूरे पहलगाम को दहला दिया।
‘मीडिया ने आदिल का नाम नहीं लिया, बहुत दुख है हमें’
परवीन का ग़ुस्सा उस मीडिया पर भी है जो आदिल की कुर्बानी को नज़रअंदाज़ कर गया। “न हिंदुस्तान के किसी चैनल ने, न इंटरनेशनल किसी चैनल ने आदिल का नाम नहीं लिया,” उन्होंने अफसोस जताया।
भारत सरकार ने लिया सख्त एक्शन
हमले के अगले ही दिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में लिए गए पाँच अहम फैसलों में सबसे बड़ा फैसला सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से रद्द करना था। यह निर्णय भारत की आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख दर्शाता है।
Source – Ndtv india
Written by – Pankaj Chaudhary