खाने को नहीं दाने और… जंग पर आमादा पाक, अब दोस्तों से भीख मांग रहा लोन
भारत और Pakistan के बीच हालात एक बार फिर बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। पाकिस्तान द्वारा भारतीय क्षेत्रों पर हमला करने की नाकाम कोशिश के बाद भारत ने जिस तरह से जवाबी कार्रवाई की, उसने पाकिस्तान के होश उड़ा दिए हैं। बीते गुरुवार की रात पाकिस्तान ने भारतीय सीमा पर कई ड्रोन और मिसाइल हमले की योजना बनाई थी, लेकिन भारतीय सेना की सतर्कता ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
भारतीय सेना का पलटवार, तबाह कर दिए पाक के जंगी साजो-सामान
भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में न केवल हमले को नाकाम किया बल्कि पाकिस्तान को उसकी हरकतों का मुंहतोड़ जवाब भी दिया। भारत की इस कार्रवाई में पाकिस्तान के 50 से ज्यादा ड्रोन, 4 लड़ाकू जेट और 8 मिसाइलें तबाह कर दी गईं। साथ ही, पाकिस्तानी एवॉक्स सिस्टम (हवाई निगरानी प्रणाली) को भी भारतीय वायुसेना ने निशाना बनाकर पूरी तरह से निष्क्रिय कर दिया।
Pakistan की वायु और रक्षा क्षमताओं को इस अचानक और जबरदस्त हमले से बड़ा झटका लगा है। जानकार मानते हैं कि भारत की यह रणनीतिक प्रतिक्रिया न केवल सैन्य शक्ति का प्रदर्शन थी बल्कि एक कड़ा संदेश भी था कि सीमा पार से किसी भी दुस्साहस को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आर्थिक बदहाली में जूझता पाकिस्तान अब मांग रहा है लोन
भारत की इस जबरदस्त प्रतिक्रिया के बाद पाकिस्तान का चेहरा अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी साफ दिखने लगा है। जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान ने अपने सहयोगी देशों से एक बार फिर वित्तीय मदद की गुहार लगाई है। पहले से ही महंगाई, कर्ज और दिवालिया जैसी आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहे पाकिस्तान के पास अब अपनी रक्षा क्षमताओं को बनाए रखने के लिए भी संसाधनों की कमी हो गई है। ऐसे में उसने गलती से शुरू की गई इस तनातनी के बाद ‘दोस्त देशों’ से अतिरिक्त लोन की मांग करना शुरू कर दी है।
अमेरिका का बदला रुख: हम युद्ध में नहीं पड़ेंगे
इस बीच अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का बयान भी सामने आया है, जो इस पूरे घटनाक्रम में एक अहम मोड़ माना जा रहा है। वेंस ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अमेरिका इस युद्ध में दखल नहीं देगा। उन्होंने कहा, “यह भारत और पाकिस्तान के बीच का मामला है, हम उम्मीद करते हैं कि परमाणु युद्ध जैसी कोई स्थिति पैदा न हो।”
वेंस का यह बयान भारत के पक्ष में माना जा रहा है क्योंकि 1971 के भारत-पाक युद्ध में अमेरिका ने पाकिस्तान का साथ देते हुए बंगाल की खाड़ी में अपना युद्धपोत तक भेजा था। लेकिन इस बार अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इन दोनों परमाणु शक्तियों के बीच किसी भी तरह की टकराव में मध्यस्थता नहीं करेगा।
‘परमाणु टकराव’ पर चिंता, लेकिन हस्तक्षेप से इनकार
जेडी वेंस ने यह भी कहा कि, “हम यह जरूर चाहेंगे कि दोनों देशों के बीच तनाव जल्दी कम हो, लेकिन यह हमारी जिम्मेदारी नहीं है कि हम इसमें हस्तक्षेप करें। हम केवल अपील कर सकते हैं, आदेश नहीं दे सकते।”
वेंस के इस बयान को कई विशेषज्ञ अमेरिका की नई विदेश नीति का संकेत मान रहे हैं, जिसमें वह क्षेत्रीय संघर्षों में अपनी सक्रियता घटा रहा है और अधिकतर मामलों में सिर्फ कूटनीतिक बयानों तक सीमित रहना चाहता है।
Pakistan की विदेश नीति और रणनीति सवालों के घेरे में
भारत से युद्ध जैसी स्थिति बनाने की कोशिश ने पाकिस्तान को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों मोर्चों पर कमजोर कर दिया है। ना सिर्फ उसकी रक्षा प्रणाली पर सवाल उठे हैं, बल्कि आर्थिक रूप से पहले से डगमगाए मुल्क की हालत और भी खराब हो गई है। ‘जंग के नशे में चूर’ पाक सरकार अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर खुद को अलग-थलग और आर्थिक मोर्चे पर कंगाल पाती नजर आ रही है।
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Source – Ndtv
Written by – Pankaj Chaudhary