भारत की सख्त सैन्य नीति और पहलगाम आतंकी हमले के बाद देशभर में गुस्सा है और केंद्र सरकार ने सेना को खुली छूट दे दी है। इसी के चलते अब पाकिस्तान बुरी तरह घबरा गया है। पाकिस्तान सरकार ने अपने दो प्रमुख शहरों—इस्लामाबाद और लाहौर—को नो फ्लाई जोन घोषित कर दिया है। यह फैसला सीधे तौर पर भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई की आशंका को लेकर लिया गया है।
आतंक के आकाओं को सजा तय, भारत की नीति स्पष्ट
पहलगाम आतंकी हमले में मासूम श्रद्धालुओं की हत्या ने देश को झकझोर दिया है। इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकियों की भूमिका साफ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को हर तरह की कार्रवाई की छूट देते हुए साफ कर दिया है कि अब आतंक के खिलाफ निर्णायक युद्ध होगा। वहीं, भारतीय जनता में भी प्रतिशोध की भावना चरम पर है।
पाकिस्तान में हाई अलर्ट: इस्लामाबाद और लाहौर नो फ्लाई जोन
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने 1 मई की रात से 2 मई तक इस्लामाबाद और लाहौर के लिए नोटम (NOTAM – Notice to Airmen) जारी कर दिया है। इसका अर्थ है कि ये दोनों क्षेत्र नो फ्लाई जोन होंगे और यहां कोई भी एयरक्राफ्ट उड़ान नहीं भर सकेगा। यह कदम किसी बड़ी सैन्य प्रतिक्रिया की आशंका के तहत उठाया गया है।
पाक मंत्री की रात 2 बजे आपात प्रेस कॉन्फ्रेंस
पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने रात 2 बजे अचानक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत अगले 24 से 36 घंटों में हमला कर सकता है। तरार ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान हमेशा आतंकवाद का विरोधी रहा है और उसने कई बार इसके खिलाफ बयान दिए हैं। लेकिन इस वक्त जो हालात हैं, वे बेहद गंभीर हैं।
LOC पर बढ़ी हलचल, भारत का जवाब तैयार
जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तान की ओर से लगातार सीजफायर उल्लंघन की घटनाएं हो रही हैं। भारतीय सेना ने भी इसका कड़ा जवाब देना शुरू कर दिया है। हाल ही में पीएम मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में सभी विकल्पों पर चर्चा की गई और सेना को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि यदि जरूरत पड़ी तो फौरन कार्रवाई करें।
इंटरनेशनल स्तर पर पाकिस्तान की बेचैनी
भारत के सैन्य रवैये से पाकिस्तान की चिंता सिर्फ अंदरूनी नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ गई है। पाकिस्तान अब सऊदी अरब, यूएई और अमेरिका से मध्यस्थता की गुहार लगा रहा है कि वे भारत को सैन्य कार्रवाई से रोकें। हालांकि अमेरिका ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह पाकिस्तान के पक्ष में कोई सीधी मदद नहीं करेगा।
पहलगाम हमला: पाकिस्तान की रणनीति उलटी पड़ी
पाकिस्तान को उम्मीद थी कि कश्मीर में आतंकी हमले के बाद कुछ स्थानीय समर्थन मिलेगा, लेकिन हुआ इसका उल्टा। कश्मीरी नेताओं, यहां तक कि उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला जैसे चेहरों ने भी पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की। इससे साफ है कि अब घाटी में भी पाकिस्तान के एजेंडे की जमीन खिसकती जा रही है।
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Source – India tv
Written by – Pankaj Chaudhary