सर्वदलीय बैठक में पीएम की अनुपस्थिति पर उठे सवाल, राहुल ने विशेष सत्र बुलाने की रखी मांग
Rahul Ghandhi देश में आतंकी घटनाओं के बढ़ते क्रम के बीच गुरुवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के मद्देनजर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गैरमौजूदगी को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है कि इस तरह की गंभीर बैठक में देश के प्रधानमंत्री मौजूद नहीं थे, जबकि विपक्ष और पूरा देश सरकार के साथ खड़ा है।

Rahul Gandhi का सुझाव: संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि इस समय देश को एकजुटता की ज़रूरत है। उन्होंने संसद का विशेष सत्र बुलाने का प्रस्ताव दिया ताकि देशवासियों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक सशक्त और सकारात्मक संदेश भेजा जा सके। यह मांग विपक्षी दलों की एकजुट सोच का प्रतीक थी, हालांकि सरकार की ओर से इस पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी गई।
“हम आपके साथ हैं”: विपक्ष ने दिखाई एकता
मल्लिकार्जुन खरगे ने बताया कि बैठक में INDIA गठबंधन समेत तमाम विपक्षी दलों ने एकजुट होकर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सरकार जो भी कदम उठाएगी, हम उसका समर्थन करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा, “हमारी सेना के शौर्य और बलिदान पर हमें गर्व है और हम उनके साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं।”
खुफिया जानकारी पर सतर्कता: कोई संवेदनशील सवाल नहीं पूछा गया
रक्षा मंत्री की ओर से स्पष्ट किया गया कि इस समय किसी भी ऐसे सवाल से बचा जाए जो सैन्य रणनीति या खुफिया जानकारी से जुड़ा हो। इस पर सभी दलों ने सहमति जताई और देशहित में जिम्मेदारी का परिचय दिया।
सीमावर्ती लोगों की सुरक्षा और शहीदों के परिवारों को सहायता की मांग
खरगे ने बैठक के दौरान ज़ोर दिया कि सीमा पर रहने वाले नागरिकों को पूरी सुरक्षा मिलनी चाहिए। साथ ही जो लोग आतंकवादी हमलों में मारे गए हैं, उनके परिवारों को सरकार से हर संभव सहायता दी जानी चाहिए।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह दूसरी बैठक
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद देश में गुस्से की लहर दौड़ गई थी। इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर जवाबी मिसाइल हमले किए। इस पृष्ठभूमि में, यह सर्वदलीय बैठक विपक्ष को जानकारी देने और समर्थन हासिल करने के लिए बुलाई गई थी।
प्रधानमंत्री की गैरमौजूदगी: एक बड़ा राजनीतिक संकेत?
यह दूसरी बार है जब पीएम मोदी इस तरह की सर्वदलीय बैठक में नहीं पहुंचे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सरकार की ओर से संवाद की कमी लोकतंत्र के लिए ठीक संकेत नहीं है। विपक्ष ने इसे एक चूक बताया, खासकर ऐसे समय में जब देश को एकजुटता और भरोसे की ज़रूरत है।
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Source-indiatv
Written by – sujal