पूरब की नई पहचान: पीएम मोदी का ‘अष्ट lakshmi’ विजन क्या है?
Ashta Lakshmi : PM Modi ने दिल्ली के भारत मंडपम में ‘राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट’ का उद्घाटन करते हुए पूर्वोत्तर भारत के महत्व को एक नई सोच और पहचान दी है। उन्होंने नॉर्थईस्ट के आठों राज्यों—असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और सिक्किम—को ‘अष्ट लक्ष्मी’ कहकर संबोधित किया, जो न केवल सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आर्थिक रूप से भी देश को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा संकेत है।
अब सीमांत नहीं, विकास का इंजन है नॉर्थईस्ट
Ashta Lakshmi : पीएम मोदी ने कहा कि कभी जिसे देश का ‘सीमांत क्षेत्र’ माना जाता था, वह आज विकास का अग्रदूत बन गया है। पहले जहां बम-बंदूक की आवाजें सुनी जाती थीं, वहां अब प्रगति और शांति की बयार बह रही है। उन्होंने बताया कि पिछले 10 सालों में 10,000 से ज्यादा युवाओं ने हिंसा का रास्ता छोड़ा और विकास की मुख्यधारा से जुड़े।

क्या है ‘अष्ट लक्ष्मी’ का मतलब?
प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वोत्तर भारत को देवी लक्ष्मी के आठ रूपों से जोड़ते हुए हर राज्य को एक समृद्धि के प्रतीक के तौर पर प्रस्तुत किया: PM Modi,Northeast
नागालैंड का हॉर्नबिल फेस्टिवल, असम का बिहू, मणिपुरी नृत्य जैसे आयोजनों से यहां की सांस्कृतिक विरासत अद्भुत है।
2. धन lakshmi– संपत्ति की देवी
पूर्वोत्तर भारत में मिनरल्स, तेल, चाय, बायोडायवर्सिटी और रिन्युएबल एनर्जी का विशाल भंडार है।
3. धन्य lakshmi– उपज की देवी
ऑर्गेनिक खेती और मिलेट्स के क्षेत्र में नॉर्थईस्ट अग्रणी है। सिक्किम तो भारत का पहला ऑर्गेनिक राज्य भी बन चुका है।
4. गज lakshmi– प्रकृति और पर्यटन
काजीरंगा जैसे राष्ट्रीय उद्यान, सुंदर झीलें और गुफाएं इस क्षेत्र को पर्यटन का बड़ा केंद्र बना सकती हैं।
5. संतान लक्ष्मी – शिल्प और कारीगरी
हथकरघा और GI टैग प्रोडक्ट्स जैसे मुगा सिल्क और नागा शॉल देशभर में पसंद किए जाते हैं।
6. वीर लक्ष्मी – साहस और नेतृत्व
पूर्वोत्तर की महिलाएं साहस और लीडरशिप की मिसाल हैं। उनके योगदान से समाज को नई दिशा मिल रही है।
7. जय लक्ष्मी – यश और पहचान
यह क्षेत्र भारत को साउथ और ईस्ट एशिया से जोड़ता है, जिससे यह भारत की वैश्विक पहचान का एक प्रमुख हिस्सा बनता जा रहा है।
8. विद्या लक्ष्मी – ज्ञान की देवी
IIT, IIM, NIT, AIIMS और स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटीज जैसे संस्थान इस क्षेत्र को शिक्षा, कौशल और खेलों का हब बना रहे हैं।
निवेश, शिक्षा और रोजगार का नया केंद्र बन रहा है नॉर्थईस्ट
पीएम मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में नॉर्थईस्ट में शिक्षा क्षेत्र में 21,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश हुआ है। साथ ही उद्योगपति जैसे गौतम अडानी, मुकेश अंबानी और अनिल अग्रवाल की मौजूदगी इस बात का संकेत है कि देश का कॉर्पोरेट सेक्टर भी अब पूर्वोत्तर की संभावनाओं को पहचान चुका है।
नॉर्थईस्ट अब केवल क्षेत्र नहीं, प्रेरणा है
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज नॉर्थईस्ट सिर्फ एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बन चुका है। यहां की विविधता, शांति, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता पूरे देश के लिए उदाहरण हैं।”
पीएम मोदी का ‘अष्ट लक्ष्मी’ विजन: पूर्वोत्तर को बताया देश की समृद्धि का स्रोत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025’ के उद्घाटन समारोह में एक ऐसा विजन पेश किया, जिसने पूर्वोत्तर भारत को देश के विकास की मुख्यधारा में लाकर खड़ा कर दिया है। उन्होंने असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम को ‘अष्ट लक्ष्मी’ कहकर संबोधित किया और बताया कि ये आठ राज्य भारत की समृद्धि के आठ प्रतीक हैं।
सिर्फ दिशा नहीं, विकास की नई सोच है पूर्व
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “पूर्व केवल दिशा नहीं, बल्कि यह शक्ति, समृद्धि और स्वावलंबन का प्रतीक है।” उन्होंने यह स्पष्ट किया कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य तभी हासिल किया जा सकता है जब नॉर्थईस्ट पूरी गति से आगे बढ़े
शांति और निवेश का नया युग शुरू
प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले एक दशक में नॉर्थईस्ट में हिंसा में भारी कमी आई है। 10,000 से ज्यादा युवाओं ने उग्रवाद छोड़कर विकास की राह चुनी है। आज यहां शांति है, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर है और निवेश के लिए आकर्षक माहौल बन चुका है।
शिक्षा और रोजगार पर विशेष फोकस
सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में 21,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। IIT, IIM, NIT, एम्स और स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों के जरिए पूर्वोत्तर को शिक्षा और स्किल हब में बदला जा रहा है। इससे न केवल युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी नई दिशा मिलेगी।

‘अष्ट लक्ष्मी’ के आठ रूपों का प्रतीक बना नॉर्थईस्ट
प्रधानमंत्री मोदी ने देवी लक्ष्मी के आठ रूपों से तुलना करते हुए पूर्वोत्तर की ताकत को विस्तार से समझाया:
- आदि लक्ष्मी (संस्कृति की देवी): नागालैंड का हॉर्नबिल फेस्टिवल, मणिपुर का शास्त्रीय नृत्य, और असम का बिहू विश्व प्रसिद्ध हैं।
- धन लक्ष्मी (संपत्ति की देवी): पूर्वोत्तर मिनरल्स, ऑयल, टी और बायोडायवर्सिटी से भरपूर है।
- धन्य लक्ष्मी (उपज की देवी): सिक्किम ऑर्गेनिक खेती में अग्रणी है, और मिलेट्स की खेती से समृद्धि का द्वार खुला है।
- गज लक्ष्मी (प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यटन): काजीरंगा, माजुली, मेघालय की गुफाएं — सब पर्यटन को बढ़ावा देते हैं।
- संतान लक्ष्मी (हथकरघा और शिल्प कला): मुगा सिल्क, नागा शॉल और बांस के उत्पादों की मांग देशभर में है।
- वीर लक्ष्मी (साहस और शक्ति): पूर्वोत्तर की महिलाएं नेतृत्व में अग्रणी हैं — चाहे राजनीति हो या स्टार्टअप।
- जय लक्ष्मी (यश और पहचान): यह क्षेत्र भारत को साउथ ईस्ट एशिया से जोड़ता है — भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का अहम हिस्सा।
- विद्या लक्ष्मी (शिक्षा की देवी): उच्च शिक्षा और खेलों में अब पूर्वोत्तर का योगदान तेजी से बढ़ रहा है।
समिट में जुटे देश के दिग्गज उद्योगपति
‘राइजिंग नॉर्थईस्ट समिट’ में गौतम अडानी, मुकेश अंबानी, अनिल अग्रवाल जैसे बड़े उद्योगपतियों की मौजूदगी यह दर्शाती है कि कॉर्पोरेट जगत भी अब नॉर्थईस्ट की संभावना को गंभीरता से ले रहा है। दो दिवसीय इस समिट में केंद्रीय मंत्री, राज्य सरकारें और विदेशी प्रतिनिधि भी हिस्सा ले रहे हैं।
अब प्रेरणा बन चुका है पूर्वोत्तर
अपने भाषण के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा, “पूर्वोत्तर अब सिर्फ पहचान नहीं, बल्कि प्रेरणा है। यह समृद्धि, संस्कृति, शिक्षा और आत्मनिर्भरता का मॉडल बन चुका है।” उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार का लक्ष्य नॉर्थईस्ट को निवेश, शिक्षा, पर्यटन और रोजगार के नए केंद्र के रूप में आगे बढ़ाना है।
Source-indiatv
Written by -sujal