हमें साझेदारों की तलाश है, उपदेशकों की नहीं: का यूरोप को दो टूक संदेश
S Jaishankar भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर अपने स्पष्ट और बेबाक रुख से वैश्विक मंच पर सबका ध्यान खींचा है। आर्कटिक सर्कल इंडिया फोरम में उन्होंने पश्चिमी देशों, खासकर यूरोपीय देशों को लेकर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत साझेदारी चाहता है, उपदेश नहीं।
जयशंकर की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपना रहा है और वैश्विक भू-राजनीति में बदलाव की स्थिति बनी हुई है।

“जो खुद न करें, वो हमें न सिखाएं”: जयशंकर ने लगाई यूरोप को फटकार
फोरम में आइसलैंड के पूर्व राष्ट्रपति ओलफर रग्नर ग्रिमसन और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के समीर सरन के साथ चर्चा के दौरान जयशंकर ने साफ कहा –
“हम दुनिया को साझेदारी की नजर से देखते हैं, उपदेश की नजर से नहीं। खासकर ऐसे उपदेशकों की जो विदेश में जो बोलते हैं, खुद अपने देश में उस पर अमल नहीं करते।”
उन्होंने कहा कि यूरोप के कुछ हिस्सों को अभी भी यह समझने में वक्त लग रहा है कि सहयोग और समझ से ही वैश्विक साझेदारी बनती है।
“साझेदारी में संवेदनशीलता जरूरी”: जयशंकर
जयशंकर ने आगे कहा कि अगर भारत और यूरोप के रिश्ते मजबूत करने हैं तो यूरोपीय देशों को समझदारी दिखानी होगी।
उन्होंने कहा –
“साझेदारी का मतलब होता है समझ, संवेदनशीलता और पारस्परिक हितों की पहचान। यूरोप के कुछ हिस्से इसमें आगे बढ़े हैं, लेकिन कई अभी भी पिछड़ रहे हैं।”
उन्होंने ये भी जोड़ा कि यूरोप अब एक ‘रियलिटी चेक’ के दौर से गुजर रहा है, और अब यह देखना होगा कि वो इससे कैसे निपटता है।
“रूस-यूक्रेन युद्ध में यथार्थवादी सोच जरूरी”: जयशंकर
जयशंकर ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर पश्चिम के दृष्टिकोण की आलोचना करते हुए कहा कि इस संघर्ष में रूस को शामिल किए बिना समाधान खोजना अव्यावहारिक था।
“हमने हमेशा रूसी यथार्थवाद की वकालत की है। रूस और भारत संसाधनों के स्तर पर एक-दूसरे के पूरक हैं,” उन्होंने कहा।
उन्होंने अमेरिका को लेकर भी कहा कि यथार्थवाद के आधार पर ही भारत-अमेरिका रिश्तों को और मजबूत किया जा सकता है, न कि वैचारिक मतभेदों के जरिए।
“आर्कटिक भी अब वैश्विक राजनीति का केंद्र”: विदेश मंत्री की चेतावनी
जयशंकर ने आर्कटिक क्षेत्र में बदलते हालात को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि इसके पर्यावरणीय और रणनीतिक असर दुनिया भर में महसूस किए जाएंगे। उन्होंने इस विषय पर भारत के नजरिए को वैश्विक मंच पर मजबूती से रखा।
- यह भी पढ़ें:
- Bhartiya TV के साथ पढ़ें हिंदी न्यूज़: हिंदी समाचार, Today Hindi News, Latest Breaking News in Hindi – Bhartiyatv.com