Monday, July 7, 2025

WAQF कानून पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई, उठे गंभीर सवाल

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Hearing on Wakf law in Supreme Court again today, serious questions raised

सुप्रीम कोर्ट में आज दूसरे दिन सुनवाई जारी

Waqf (संशोधन) अधिनियम 2025 को लेकर देशभर में छिड़ी बहस और अदालत में लंबी कानूनी लड़ाई के बीच आज सुप्रीम कोर्ट में लगातार दूसरे दिन सुनवाई हो रही है। इससे पहले बुधवार को दो घंटे तक हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कानून को तत्काल प्रभाव से रोकने से इनकार कर दिया था लेकिन देशभर में इस कानून के विरोध में हो रही हिंसा और असंतोष को लेकर गंभीर चिंता जताई।

72 याचिकाओं के आधार पर बढ़ी चुनौती

वक्फ कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली 72 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हैं। इन पर चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, सी यू सिंह और राजीव धवन ने याचिकाकर्ताओं की ओर से दलीलें पेश कीं जबकि केंद्र सरकार का पक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने रखा।

Supreme Court Hearing On Waqf Act: Petitioners To Stay Focused On The Legal  Points Raised In Their Petitions And Avoid Digressing Into Broader  Socio-Political Arguments. - Global Governance News- Asia'S First Bilingual
Now Waqf Amendment Law In Court

धार्मिक अधिकारों पर बहस तेज

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह कानून मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और मुस्लिमों के साथ भेदभाव करता है। कानून में वक्फ बाई यूज़र की व्यवस्था को हटाना, और वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करना, मुस्लिम समाज की धार्मिक स्वतंत्रता को प्रभावित करता है।

कोर्ट ने सवाल पूछा कि क्या सरकार मंदिरों के बोर्ड में मुसलमानों को शामिल करने की इजाजत देगी? साथ ही अदालत ने यह भी जानना चाहा कि ऐतिहासिक वक्फ संपत्तियों के दस्तावेज़ कैसे साबित किए जाएंगे, खासकर जब वे 300 साल पुराने हों।

कोर्ट की तीखी टिप्पणियां

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून के कुछ प्रावधान संतुलित दिखते हैं लेकिन “वक्फ बाई यूज़र” हटाने का असर व्यापक हो सकता है। अदालत ने चिंता जताई कि अगर न्यायालयों द्वारा वक्फ घोषित की गई संपत्तियों को डी-नोटिफाई किया गया, तो धार्मिक चरित्र से समझौता होगा।

तीखी नोकझोंक तब देखी गई जब सॉलिसिटर जनरल ने तर्क दिया कि गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या 2 से अधिक नहीं होगी, जबकि अदालत ने स्पष्ट किया कि वक्फ परिषद में कुल 22 सदस्यों में से केवल 8 ही मुस्लिम होंगे, जिससे अल्पसंख्यक बहुमत में आ सकते हैं।

क्या होगा अगला कदम?

सॉलिसिटर जनरल ने आग्रह किया कि उन्हें और दलीलें रखने का समय दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया कि यह मामला डे टू डे बेसिस पर सुना जा सकता है और गुरुवार को फिर से सुनवाई की जाएगी। अदालत यह भी देखेगी कि क्या किसी प्रावधान पर अंतरिम रोक लगाई जा सकती है।

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