पर्सनल लोन न चुकाने के परिणाम
(Loan) कई बार लोग अपनी जरूरतें पूरी करने या आकस्मिक खर्चों के लिए पर्सनल लोन लेते हैं, लेकिन अगर वे इसे समय पर नहीं चुका पाते हैं, तो गंभीर वित्तीय संकट में आ सकते हैं। बैंक और वित्तीय संस्थान कर्ज की वसूली के लिए कई तरीके अपनाते हैं। आइए जानते हैं कि अगर आप पर्सनल लोन चुकाने में असफल रहते हैं, तो बैंक क्या कदम उठा सकता है।
1. कानूनी कार्रवाई का सामना करना
अगर कोई व्यक्ति लगातार बैंक की याद दिलाने के बावजूद लोन चुकाने में असमर्थ रहता है, तो बैंक कानूनी कार्रवाई कर सकता है। इसके तहत:
- बैंक ग्राहक के खिलाफ सिविल मुकदमा दाखिल कर सकता है।
- कोर्ट ग्राहक को लोन की राशि चुकाने का आदेश दे सकता है।
- कोर्ट संपत्ति की कुर्की और नीलामी का आदेश दे सकता है।
- ग्राहक को दिवालिया घोषित किया जा सकता है, जिससे उसकी वित्तीय साख पर बुरा असर पड़ता है।
2. लोन रिकवरी एजेंट की नियुक्ति
जब बैंक को लगता है कि ग्राहक से सीधे वसूली करना मुश्किल हो सकता है, तो वे डेट कलेक्शन एजेंसियों को नियुक्त कर सकते हैं। ये एजेंसियां:
- बार-बार फोन कॉल और विजिट कर सकती हैं।
- कई मामलों में, कुछ एजेंट गलत व्यवहार भी कर सकते हैं जिससे ग्राहक मानसिक तनाव में आ सकता है।
- हालांकि, आरबीआई ने बैंक और रिकवरी एजेंट्स के लिए नियम तय किए हैं जिससे कर्जदारों के अधिकारों की रक्षा हो सके।
3. सिबिल स्कोर पर असर
अगर आप समय पर लोन नहीं चुका पाते हैं, तो इसका सीधा असर आपके सिबिल स्कोर पर पड़ता है। इसका परिणाम:
- भविष्य में किसी भी बैंक से लोन लेने में कठिनाई होगी।
- अगर कोई बैंक लोन देने के लिए तैयार भी होता है, तो वह बहुत अधिक ब्याज दर पर देगा।
- क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी प्रभावित हो सकती है।
4. बैंक द्वारा सेटलमेंट ऑफर देना
अगर बैंक को लगता है कि ग्राहक पूरी रकम चुकाने में असमर्थ है, तो वे सेटलमेंट का ऑफर दे सकते हैं। इसमें:
- ग्राहक को कुछ राशि का भुगतान कर बाकी लोन माफ कराया जा सकता है।
- हालांकि, यह सेटलमेंट सिबिल स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
कैसे बचें इस स्थिति से?
- लोन लेने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का सही आकलन करें।
- अगर कोई वित्तीय समस्या आ रही है, तो समय पर बैंक से बात करें और समाधान निकालें।
- अपनी ईएमआई के लिए एक ऑटो डेबिट सुविधा सेट करें ताकि चूक न हो।
- आपातकालीन फंड तैयार रखें ताकि किसी अनहोनी स्थिति में लोन चुकाने में समस्या न हो।