बिहार के सिवान और छपरा जिलों में जहरीली शराब पीने से 28 लोगों की मौत हो चुकी है। सिवान में 20 और छपरा में 8 लोगों की जान गई है। बताया जा रहा है कि कई लोगों की हालत अभी भी नाजुक है और उनका इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका है।
इलाज के दौरान कई लोगों की बिगड़ी हालत
स्थानीय अस्पताल में भर्ती कई मरीजों की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है। डॉक्टरों के मुताबिक, जहरीली शराब पीने के कारण उनका स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ रहा है। पटना मेडिकल कॉलेज के एमएस के अनुसार, सिवान और छपरा से कई गंभीर मरीजों को पटना रेफर किया गया था, जिनमें से 5 लोगों की मौत हो चुकी है।

सरकार की प्रतिक्रिया और मंत्री का बयान
घटना के बाद, बिहार सरकार के मंत्री रत्नेश सादा का बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा कि ये प्रशासनिक विफलता नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह घोषणा की कि शराब माफियाओं पर सीसीए (क्रिमिनल कंट्रोल एक्ट) लगाने की तैयारी हो रही है। कैबिनेट में इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत के बाद इसपर कार्रवाई की जाएगी। – भारतीय टीवी
तेजस्वी यादव का सरकार पर हमला
इस घटना पर तेजस्वी यादव ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि, “सत्ता संरक्षण में ज़हरीली शराब के कारण 28 लोगों की हत्या हुई है। सत्ताधारी नेताओं, पुलिस और माफियाओं के गठजोड़ के कारण शराब हर जगह उपलब्ध है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब तक कोई संवेदना व्यक्त नहीं की है। क्या मुख्यमंत्री इस घटना पर कार्रवाई करने में सक्षम हैं?”
पटना मेडिकल कॉलेज में भी मौतें
पटना मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का कहना है कि रेफर किए गए पांच लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें से चार की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो गई थी। छपरा और सिवान के कई मरीजों को गंभीर हालत में पटना रेफर किया गया था।
बिहार सरकार के अधिकारियों की गैरमौजूदगी
इस घटना के बाद, बिहार सरकार का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। न ही राज्य के किसी मंत्री ने घटना स्थल का दौरा किया है। यह पहला मौका नहीं है जब बिहार में जहरीली शराब से मौतें हुई हैं, लेकिन हर बार राज्य सरकार की प्रतिक्रिया को लेकर सवाल उठते हैं। – भारतीय टीवी
पिछले साल भी हुई थी जहरीली शराब से मौतें
बिहार में जहरीली शराब से मौतों का यह सिलसिला नया नहीं है। पिछले साल सीतामढ़ी में 6 लोगों की मौत हुई थी, जब एक साथ बैठकर जहरीली शराब पीने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी थी। उनके इलाज के दौरान सभी की मौत हो गई थी।
सीसीए के तहत कार्रवाई की तैयारी
सरकार ने शराब माफियाओं पर सख्त कार्रवाई की घोषणा की है। मंत्री रत्नेश सादा के अनुसार, शराब माफियाओं पर सीसीए लगाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे कैबिनेट में पेश किया जाएगा। इस पर मुख्यमंत्री से भी चर्चा की जाएगी।
“सत्ता संरक्षण में ज़हरीली शराब के कारण 27 लोगों की हत्या कर दी गई है। दर्जनों की आंखों की रोशनी चली गई है। बिहार में शराबबंदी केवल नाम की है, जबकि सत्ताधारी नेताओं, पुलिस और माफिया के गठजोड़ ने हर चौक-चौराहे पर शराब की उपलब्धता सुनिश्चित कर दी है। इतने लोगों की मौत के बाद भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक व्यक्त करने की ज़रूरत नहीं समझी।”
Source – NDTV