नई दिल्ली: कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय के 44 वर्षीय प्रोफेसर मयंक पाल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने सभी को चौंका दिया है। मयंक पाल, जो दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर थे, उत्तराखंड के लालकुआं स्थित एक होटल में मृत पाए गए। उनके हाथ और गला कटा हुआ था, और बाथरूम में खून बिखरा हुआ मिला। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस इस मामले में आत्महत्या का संदेह कर रही है।
दोस्तों से की थी घर लौटने की बात
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रोफेसर मयंक पाल अपने दो दोस्तों के साथ उत्तराखंड घूमने गए थे। हालांकि, जब उनके दोस्त आगे घूमने चले गए, तो मयंक ने कोलकाता वापस लौटने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने दोस्तों को बताया था कि उन्हें अपनी बेटी की याद आ रही है और वे घर जाना चाहते हैं। शुक्रवार शाम को उनके परिवार द्वारा संपर्क न कर पाने पर होटल स्टाफ को फोन किया गया, जिसके बाद होटल कर्मचारियों ने कमरे का दरवाजा तोड़ा और बाथरूम में उनका शव पाया।
बाथरूम में मिला शव, खून से सना था फर्श
होटल स्टाफ के अनुसार, मयंक ने शुक्रवार को लालकुआं के होटल में चेक-इन किया था, जहां से उन्होंने घर लौटने की योजना बनाई थी। कमरे की स्थिति देखकर पुलिस आत्महत्या का संदेह जता रही है। हालांकि, मामले की गहराई से जांच जारी है, और पुलिस किसी भी संभावना को नजरअंदाज नहीं कर रही है।
छात्रों और सहकर्मियों को लगा गहरा झटका
मयंक पाल की अचानक हुई मौत ने उनके सहकर्मियों और छात्रों को गहरे सदमे में डाल दिया है। जादवपुर विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ के महासचिव पार्थ प्रतिम रॉय ने कहा कि प्रोफेसर पाल ने अपने छात्रों और सहकर्मियों पर गहरी छाप छोड़ी थी। वे एक प्यारे शिक्षक थे और उनके साथ बिताया समय यादगार रहेगा। रॉय ने कहा, “हम सभी उनके निधन से गहरे सदमे में हैं। उनका स्थान भर पाना मुश्किल है।”
प्रोफेसर मयंक पाल का शैक्षणिक सफर
मयंक पाल कोलकाता के प्रतिष्ठित प्रेसीडेंसी कॉलेज के पूर्व छात्र थे। उन्होंने पश्चिम बंगाल के दो सरकारी कॉलेजों में भी शिक्षक के रूप में सेवाएं दीं। 2022 में, वे जादवपुर विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त हुए थे, जहां उन्होंने अपनी अद्वितीय शैली और शिक्षण कौशल के माध्यम से छात्रों के बीच एक गहरी छाप छोड़ी।
Source: NDTV