BSF Jawan ड्यूटी पर तैनात ने की अपने सहकर्मी की हत्या

मुर्शिदाबाद (पश्चिम बंगाल):
बीएसएफ की ड्यूटी में अनुशासन और कर्तव्य के साथ तैनाती की अपेक्षा होती है, लेकिन पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सुरक्षा बलों की छवि को झकझोर कर रख दिया है। एक बीएसएफ जवान ने अपनी ही यूनिट में तैनात अपने सहकर्मी को गोलियों से भून दिया।
यह वारदात शुक्रवार देर रात हुई, जब 119 बीएन बीएसएफ में तैनात एसके मिश्रा, जो राजस्थान के रहने वाले हैं, ने अपने साथी रतन लाल सिंह (38 वर्ष) पर 13 राउंड फायरिंग की। इनमें से 5 गोलियां सीने पर लगीं, जिससे रतन लाल की मौके पर ही मौत हो गई।
बहस के बाद मौत का तांडव

पुलिस के अनुसार, यह घटना रात करीब 10:30 बजे की है। दोनों जवान किसी मुद्दे पर बहस कर रहे थे। बहस इतनी तीखी हो गई कि एसके मिश्रा ने अपनी इंसास राइफल उठाई और अचानक ही रतन लाल सिंह पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। गोलीबारी के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। कुछ ही पलों में रतन लाल खून से लथपथ जमीन पर गिर पड़े।
अस्पताल पहुंचाने के बाद डॉक्टरों ने किया मृत घोषित
घायल रतन लाल सिंह को सबसे पहले पास के अनूपनगर अस्पताल ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने उनकी हालत को देखते हुए उन्हें जंगीपुर मेडिकल फैसिलिटी में रेफर कर दिया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

आरोपी जवान को मौके से भागते हुए पकड़ा गया
घटना के तुरंत बाद एसके मिश्रा राइफल लेकर मौके से फरार हो गया। बीएसएफ और स्थानीय पुलिस ने तुरंत नाकेबंदी की और तलाशी अभियान शुरू किया। कुछ घंटों की मशक्कत के बाद आरोपी को पकड़ लिया गया। पुलिस ने उसकी राइफल भी बरामद कर ली है।
अब उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और उसे रविवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अब आगे की जांच प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
बीएसएफ की प्रतिक्रिया: हम देंगे पूरा सहयोग
इस घटना के बाद बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से बयान जारी किया गया है। इसमें कहा गया है:
“हम इस हिंसक घटना की गहन जांच कर रहे हैं। पुलिस को जांच में पूरा सहयोग दिया जाएगा। साथ ही बीएसएफ की आंतरिक जांच भी शुरू हो गई है।”
यह पहली बार नहीं है जब बीएसएफ में अंदरूनी तनाव की वजह से ऐसी हिंसा हुई हो, लेकिन ऐसी घटनाएं बेहद दुर्लभ मानी जाती हैं। इसलिए यह मामला और भी गंभीर हो जाता है।
कौन था आरोपी और कौन था पीड़ित?
- आरोपी का नाम: एसके मिश्रा
- निवास: राजस्थान
- यूनिट: 119 बटालियन, बीएसएफ
- हथियार: इंसास राइफल
- पीड़ित का नाम: रतन लाल सिंह
- उम्र: 38 वर्ष
- तैनाती: मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल
दोनों जवानों को कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के तहत मुर्शिदाबाद में शांति बनाए रखने के लिए तैनात किया गया था। लेकिन अब वही इलाके तनाव और भय के साए में हैं।
घटनास्थल के आसपास दहशत का माहौल
घटना के बाद से मुर्शिदाबाद जिले के धुलियान और आस-पास के इलाकों में तनाव का माहौल है। स्थानीय नागरिकों को समझ नहीं आ रहा कि जिन जवानों को उनकी सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है, वे आपस में ही हिंसक कैसे हो सकते हैं।
बीएसएफ जवानों की तैनाती सामान्यतः शांति स्थापना और सीमाओं की सुरक्षा के लिए होती है, लेकिन इस घटना ने जवानों के मानसिक स्वास्थ्य और आंतरिक तनाव को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
क्या थी बहस की वजह?
हालांकि पुलिस ने अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है कि बहस किस बात पर हुई थी, लेकिन सूत्रों की मानें तो दोनों जवानों के बीच पहले से अनबन चल रही थी। यह अनबन किसी ड्यूटी रोस्टर, अनुशासनात्मक कार्रवाई या निजी टकराव को लेकर हो सकती है।
बीएसएफ की आंतरिक जांच इस मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रही है।
सुरक्षा बलों के भीतर हिंसा: चिंता का विषय
इस घटना ने एक बार फिर से इस विषय को उठाया है कि सुरक्षा बलों में मानसिक स्वास्थ्य, तनाव प्रबंधन, और पेशेवर व्यवहार की निगरानी कितनी जरूरी है। अक्सर देखा गया है कि लंबे समय तक ड्यूटी, परिवार से दूरी, सीमाओं पर तनाव, और सहयोगियों के साथ टकराव से जवान मानसिक दबाव में आ जाते हैं।
इस प्रकार की घटनाएं बताती हैं कि सिस्टम को जवानों के भीतर पल रहे तनावों को समय रहते पहचानना और उनका समाधान करना चाहिए।
वरिष्ठ अधिकारियों का बयान
बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी (नाम गोपनीय) ने कहा:
“यह हमारे लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम मृतक जवान के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और पूरी जांच में पुलिस के साथ सहयोग करेंगे।”
पीड़ित परिवार की पीड़ा
रतन लाल सिंह के परिवार को जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली, उनके घर में मातम पसर गया। रतन लाल दो बच्चों के पिता थे और उनका परिवार झारखंड के धनबाद जिले में रहता है। परिजनों ने बताया कि रतन हमेशा शांत स्वभाव के थे और कभी किसी से बहस तक नहीं करते थे।
परिवार अब सरकारी सहायता और न्याय की मांग कर रहा है।
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