बालेश्वर जिले के बहांगा और रमुणा ब्लॉक्स में एक गंभीर ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें महिलाओं को फर्जी मैसेज और झूठे दावों के जरिए धोखा दिया गया। सुप्रभा एचपी गैस ग्रामीण वितरक के दो कर्मचारियों ने उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर मुफ्त में देने का दावा किया। इसके लिए महिलाओं से 30 रुपये नकद, आधार कार्ड और राशन कार्ड लिए गए। महिलाओं को उम्मीद थी कि योजना के तहत उन्हें गैस सिलेंडर, स्टोव और रेगुलेटर मुफ्त में मिलेंगे। लेकिन कुछ दिनों बाद जब उन्हें गैस लेने के लिए बुलाया गया, तो उनसे और अधिक पैसे मांगे गए।
उज्ज्वला योजना के नाम पर ठगी, 1500 से अधिक महिलाएं बनीं शिकार
एजेंसी के कर्मचारियों ने 1500 से ज्यादा महिलाओं को निशाना बनाकर ठगी की। महिलाओं से पहले छोटे-छोटे शुल्क लिए गए और फिर गैस सिलेंडर देते समय और पैसे वसूले गए। महिलाओं का आरोप है कि उन्हें धमकी दी गई कि अगर वे पैसे नहीं देंगी, तो उनके पास गैस सिलेंडर पाने का कोई और रास्ता नहीं होगा। यह घटना केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना पर सवाल खड़े करती है, जो गरीब महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस प्रदान करने के लिए बनाई गई थी। एजेंसी द्वारा महिलाओं को यह कहकर गुमराह किया गया कि योजना के तहत दी जाने वाली गैस मुफ्त नहीं है, और इसके लिए पैसे चुकाने होंगे।
शिकायतों के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं?
गैस एजेंसी के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं। लेकिन, जिला प्रशासन की ओर से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। महिलाओं ने आरोप लगाया है कि ठगी के जरिए लाखों रुपये की रकम वसूली जा चुकी है, लेकिन अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण समस्या जस की तस बनी हुई है। सवाल यह है कि प्रशासन इस मामले में चुप क्यों है और महिलाओं के साथ हुए अन्याय को रोकने के लिए कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे हैं।
गैस एजेंसी के कर्मचारियों का रवैया और अगली कार्रवाई
गैस एजेंसी के कर्मचारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। ठगी के इस मामले ने ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अब यह देखना बाकी है कि बालेश्वर जिला प्रशासन और राज्य सरकार इस मामले को लेकर क्या कदम उठाएंगे। क्या महिलाओं को उनका न्याय मिलेगा, या फिर यह मामला भी बाकी ठगी के मामलों की तरह समय के साथ दब जाएगा?