नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अद्वितीय मिशनों पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद ISRO अपने आगामी मिशन, गगनयान और चंद्रयान-4 पर तेजी से काम कर रहा है। पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ के इस साल के अंत तक या 2025 में लॉन्च होने की संभावना थी, लेकिन ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने नई तारीख का ऐलान कर स्पष्ट कर दिया कि गगनयान अब 2026 में लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने ये महत्वपूर्ण जानकारी शनिवार को ऑल इंडिया रेडियो पर सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर में दी।
गगनयान मिशन की नई तारीख और इसकी अहमियत
सोमनाथ ने भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ को लेकर अहम जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि गगनयान मिशन की तैयारी इस समय तेजी से जारी है, और अब इसका प्रक्षेपण 2026 में संभव हो पाएगा। इस मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में जाकर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह भारत के स्पेस रिसर्च में एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी, जो इसे दुनिया के अग्रणी स्पेस पावर के रूप में स्थापित करेगी।
चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5: ISRO की अगले मिशन की झलक
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद ISRO ने अपने अगले मिशनों की योजना पर काम शुरू कर दिया है। चंद्रयान-4 का लक्ष्य चंद्रमा की सतह से सैंपल लाना होगा, जिसकी लॉन्चिंग 2028 तक की जा सकती है। यह मिशन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चंद्रमा के बारे में अधिक गहन जानकारी प्रदान करेगा। इसके अलावा, ISRO जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA के साथ मिलकर चंद्रयान-5 (LUPEX) मिशन पर भी काम कर रहा है, जिसमें एक भारी रोवर चंद्रमा पर भेजा जाएगा।
चंद्रमा पर भारत का मानव मिशन
ISRO चीफ ने यह भी बताया कि भारत ने चंद्रमा पर मानव भेजने के लिए 2040 का लक्ष्य रखा है। चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5 मिशन इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इन मिशनों से प्राप्त अनुभव और डेटा का उपयोग भविष्य के मानव मिशनों के लिए मार्गदर्शन करेगा।
प्राइवेट सेक्टर के साथ इसरो का सहयोग
सोमनाथ ने स्पेस रिसर्च में प्राइवेट सेक्टर की बढ़ती भागीदारी पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगले 10 से 12 वर्षों में भारत का स्पेस इकोनॉमी में योगदान 2% से बढ़ाकर 10% करने की योजना है, जिसमें स्टार्ट-अप्स से लेकर बड़ी कंपनियों तक की भूमिका अहम होगी। इसरो अब प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर अंतरिक्ष में भारत की भागीदारी बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि इसरो एक ऐसा ढांचा विकसित करने पर काम कर रहा है जिससे कंपनियों के लिए इसरो के साथ कार्य करना सुगम हो सके। इससे न केवल तकनीकी उन्नति होगी बल्कि अंतरिक्ष से संबंधित अवसरों का दायरा भी बढ़ेगा।
भारत-अमेरिका का निसार मिशन
अगले साल तक भारत-अमेरिका का निसार (NISAR) मिशन भी लॉन्च होने की संभावना है। यह मिशन धरती की सतह पर हो रहे बदलावों और प्राकृतिक आपदाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जुटाएगा। निसार एक उन्नत रडार तकनीक का प्रयोग करेगा जिससे पर्यावरणीय परिवर्तन, भू-गर्भीय गतिविधियाँ और प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी में मदद मिलेगी।
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