India Census 2027: जनगणना 2027 की अधिसूचना हुई जारी, गृह मंत्री अमित शाह ने दी जानकारी
भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश के लिए जनगणना सिर्फ आंकड़ों की गणना नहीं, बल्कि नीतियों की नींव होती है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और संसाधन वितरण जैसे तमाम क्षेत्रों में सरकार इन्हीं आंकड़ों के आधार पर योजनाएं बनाती है। इसी कड़ी में अब केंद्र सरकार ने देश की अगली जनगणना वर्ष 2027 में कराने की अधिसूचना जारी कर दी है।
गृह मंत्री अमित शाह ने इस महत्वपूर्ण घोषणा की पुष्टि करते हुए कहा कि देश में जनगणना की प्रक्रिया को आधुनिक तकनीकों के साथ पूरी पारदर्शिता से अंजाम दिया जाएगा। यह अधिसूचना भारत सरकार द्वारा राजपत्र (Gazette Notification) के रूप में प्रकाशित की गई है।
जनगणना क्यों है महत्वपूर्ण?
जनगणना किसी भी देश के सामाजिक, आर्थिक और सांख्यिकीय ढांचे को समझने का सबसे प्रामाणिक तरीका है। भारत में जनगणना हर 10 साल में कराई जाती है। इसके जरिए सरकार को यह जानकारी मिलती है कि देश में:
- कितनी जनसंख्या है?
- किन इलाकों में जनसंख्या वृद्धि तेज है?
- किस वर्ग को किस योजना की सबसे अधिक जरूरत है?
- किन क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य सुविधाओं की कमी है?
इन सभी जानकारियों के आधार पर नीतिगत निर्णय, योजनाओं का क्रियान्वयन और संसाधनों का वितरण सुनिश्चित किया जाता है।

पिछली जनगणना कब हुई थी?
भारत में आखिरी जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी। 2021 में अगली जनगणना होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते इसे बार-बार टालना पड़ा। कई बार संभावित तारीखों की घोषणा की गई, लेकिन व्यावहारिक परिस्थितियों के कारण सरकार को इसे स्थगित करना पड़ा।
अब सरकार ने तय किया है कि अगली जनगणना वर्ष 2027 में कराई जाएगी, जिसे लेकर आधिकारिक अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
क्या है जनगणना 2027 का प्लान?
गृह मंत्रालय के अनुसार, जनगणना 2027 को लेकर जो अधिसूचना जारी हुई है, उसमें कुछ अहम बिंदुओं पर जोर दिया गया है:
डिजिटल जनगणना:
- इस बार जनगणना को डिजिटल मोड में किया जाएगा।
- डेटा संग्रह के लिए मोबाइल ऐप्स, टैबलेट्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया जाएगा।
जनभागीदारी बढ़ेगी:
- लोगों को खुद भी जानकारी अपडेट करने का अवसर मिलेगा।
- सरकार सेल्फ-सेंसस ऐप की योजना बना रही है।
आधार लिंकिंग:
- जनगणना डेटा को आधार, मतदाता पहचान पत्र और अन्य सरकारी दस्तावेज़ों से जोड़ने की कोशिश होगी।
सटीक और समयबद्ध आंकड़े:
- पूरी प्रक्रिया को सटीकता और पारदर्शिता के साथ समयबद्ध रूप से पूरा किया जाएगा।
- हर राज्य और जिले में अलग-अलग जनगणना निदेशक तैनात किए जाएंगे।

क्या होंगे जनगणना के मुख्य चरण?
जनगणना आमतौर पर दो चरणों में होती है:
1. गृह सूचीकरण (House Listing):
इस चरण में हर घर की गिनती की जाती है—किस तरह का मकान है, कौन-कौन वहां रहता है, मकान पक्का है या कच्चा, आदि।
2. जनगणना संचालन (Population Enumeration):
दूसरे चरण में हर व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी जुटाई जाती है, जैसे—
- नाम
- उम्र
- लिंग
- शिक्षा
- रोजगार स्थिति
- जाति और धर्म
- मातृभाषा
- प्रवास की स्थिति
क्या पहली बार होगा डिजिटल डेटा संग्रह?
जी हां, भारत में यह पहली बार होगा जब पूरी जनगणना प्रक्रिया को डिजिटल और पेपरलेस बनाया जाएगा। अब तक यह कार्य पूरी तरह से कागज़ों पर आधारित होता था, जिससे डेटा की प्रोसेसिंग में देरी होती थी।
सरकार ने पहले ही कई जनगणना कर्मियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है। इसके अलावा डिजिटल रिकॉर्ड्स को क्लाउड पर सुरक्षित रखने की तकनीकी तैयारी भी चल रही है।
जनगणना से आम जनता को क्या फायदा होगा?
जनगणना सिर्फ सरकार के लिए नहीं, आम जनता के लिए भी कई मायनों में उपयोगी है:
- सही आंकड़ों के आधार पर राशन, गैस, स्वास्थ्य योजनाएं और स्कॉलरशिप जैसी योजनाएं लागू होती हैं।
- जनसंख्या घनत्व के अनुसार नए स्कूल, अस्पताल और सड़कें बनाई जाती हैं।
- गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वालों की सही पहचान होती है।
- जनसंख्या नियंत्रण, महिला सशक्तिकरण और शहरी नियोजन जैसे विषयों पर ठोस निर्णय लिए जा सकते हैं।
गृह मंत्री अमित शाह का क्या कहना है?
गृह मंत्री अमित शाह ने इस विषय पर कहा,
“जनगणना सिर्फ संख्या नहीं, यह हमारे विकास का आधार है। सरकार की योजनाएं तभी सफल होती हैं जब उनके लाभार्थियों की सही पहचान हो। 2027 की जनगणना को हम तकनीक के सहारे तेज, पारदर्शी और परिणामोन्मुखी बनाएंगे।”

क्या हो सकते हैं इस जनगणना के खास विषय?
संभावना है कि इस बार की जनगणना में कुछ नए विषय भी शामिल किए जाएंगे, जैसे:
- डिजिटल डिवाइड (कितने लोग इंटरनेट का उपयोग करते हैं?)
- कोविड के बाद प्रवास की स्थिति
- घरों में महिलाओं की भागीदारी
- हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर तक पहुंच
- बुजुर्ग जनसंख्या की स्थिति
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