शंभू बॉर्डर पर पुलिस और किसानों के बीच माहौल काफी गर्म है। एक तरफ किसान दिल्ली की तरफ बढ़ने की ठाने बैठे हैं, तो दूसरी तरफ पुलिस उन्हें हर हाल में रोकने पर अड़ी है।

हालात कितने ज्यादा खराब हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बॉर्डर के आस-पास इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

एक तरफ किसान अपने कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं हैं, तो दूसरी तरफ पुलिस भी उन्हें रोकने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी हुई है।

हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने शुक्रवार को शंभू बॉर्डर पर मल्टीलेयर बैरिकेड्स तक पहुंचे प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।

किसान नेताओं ने आज का ‘दिल्ली चलो’ मार्च फिलहाल स्थगित करने का ऐलान किया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि झड़प में कुछ किसानों को चोटें आईं, जिन्हें एंबुलेंस के जरिए अस्पताल ले जाया गया।

कुछ किसान सड़क से लोहे की कीलें और कंटीले तार हटाते दिखे, जबकि धुएं से बचने के लिए उन्होंने गीले जूट के बोरे से अपने चेहरे ढके हुए थे। किसानों का कहना है कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने उन पर आंसू गैस के गोले दागे, जबकि वे शांतिपूर्वक आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे।

शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के जत्थे को दिल्ली की ओर पैदल मार्च करने से रोकने के लिए कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे गए।

किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए मार्च निकाल रहे हैं।

पंजाब और हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर से 101 किसानों का एक जत्था शुक्रवार को दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू कर रहा था, लेकिन उन्हें कुछ ही मीटर आगे बढ़ने के बाद बहुस्तरीय अवरोधक लगाकर रोक लिया गया।

किसान यूनियनों के झंडे थामे कुछ किसानों ने घग्गर नदी पर बने पुल पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाई गई लोहे की जाली को नीचे धकेल दिया।
